परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘हमारी पीढी ने वर्ष १९७० तक सात्त्विकता का अनुभव किया; अगली पीढ़ियों ने वर्ष २०१८ तक उसका अनुभव अल्प मात्रा में किया परंतु वर्ष २०२३ तक अनुभव नहीं करेंगे । उसके पश्चात की पीढ़ियां हिन्दू राष्ट्र में भारत में पुनः सात्त्विकता का अनुभव करेंगी !’
-(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

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