कमलककडी से कागद बनवानेवाले राजा ‘भोज’ !

आजकल हमारे विद्यालयों में पढाया जाता है कि प्राचीन मिस्त्र (इजिप्त) देश में ‘पपायरस’ नामक पेड से कागद बनाया जाता है । परंतु, कागदनिर्माण का सत्य इतिहास कुछ और ही है ।

धर्मसम्राट करपात्री स्वामीजी का अलौकिक कार्य !

वर्ष १९०७ में श्रावण शुक्ल पक्ष द्वितीया को उत्तरप्रदेश के प्रतापगड जिले के भटनी ग्राम में करपात्री स्वामीजी का जन्म हुआ था ।

शिव-पार्वती, ३३ करोड देवी-देवता, सप्तर्षि और कामधेनु के वास्तव्य से पावन जम्मू  की ‘शिवखोरी’ गुफा  !

भगवान शिव कैलास छोडकर कभी कहीं नहीं जाते हैं । इस अवसर पर कैलास छोडकर शिवजी को पार्वती और नंदी के साथ एक गुफा में रहने जाना पडा । वह गुफा है शिवखोरी की गुफा ।

पौराणिक दृष्टि से ऐतिहासिक मालवा (मध्यप्रदेश) का विश्‍वविख्यात ‘बाबा बैजनाथ मन्दिर’

‘मालवा के आगर स्थित बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर विश्व के विख्यात शिवमंदिरों में से एक है । इस मंदिर की चमत्कारी कथाओं से प्रभावित कर्नल मर्टिन ने १३७ वर्ष पूर्व, अंग्रेजों के शासनकाल में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया ।

रामकृष्ण परमहंस 

रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत थे। संत रामकृष्ण परमहंस का जन्म १८ फ़रवरी १८३६ को बंगाल प्रांत स्थित कामारपुकुर ग्राम में हुआ था।

श्रीलंका के पंच ईश्‍वर मंदिरों में से केतीश्‍वरम मंदिर !

श्रीलंका के पंचशिव क्षेत्रों में ‘केतीशवरम’ विख्यात है । यह उत्तर श्रीलंका के मन्नार जनपद के मन्नार नगर से १० कि. मी. की दूरी पर है ।

श्रीलंका के हिन्दुओं के सबसे बडे मुन्नीश्‍वरम मंदिर का शिवलिंग एवं मानावरी में बालु से बना शिवलिंग !

मुन्नीश्वरम ग्राम श्रीलंका के पुत्तलम जनपद में है । तमिल में ‘मुन्न’ अर्थात ‘आदि’, तथा ‘ईश्वर’ अर्थात ‘शिव’ ।

भक्तोंपर अखंड कृपाछत्र रखनेवाले प.पू. भक्तराज महाराज !

  अनुक्रमणिका१. त्रैलोक्य के योगीराज अवतरित हुए धरतीपर ।२. संत भक्तराज महाराज द्वारा शिष्यावस्था में तडप के साथ की गई गुरुसेवा३. संत भक्तराज महाराज के जीवन की त्रिसूत्री : भजन, भ्रमण एवं भंडारा !३ अ. भजन३ आ. भ्रमण३ इ. भंडारा४. भक्तों से समरस संत भक्तराज महाराज !५. माया में होते हुए भी वैराग्‍यभाव में रहनेवाले … Read more