श्रीकृष्ण की उपासना
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कैसे करें ?, भगवान श्रीकृष्ण को कौन सा फूल चढाते हैं ?, उसकी कितनी परिक्रमा करें ? इस संदर्भ में अधिक जान लें ।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कैसे करें ?, भगवान श्रीकृष्ण को कौन सा फूल चढाते हैं ?, उसकी कितनी परिक्रमा करें ? इस संदर्भ में अधिक जान लें ।
वाल्मीकि-रामायण के उत्तरकांड के ९१ वें सर्ग की कथा में आया है, ‘प्राचीन काल की बात है । एक बार देवासुर-संग्राम में देवताओं से पीडित दैत्यों ने महर्षि भृगु की पत्नी से आश्रय मांगा । भृगुपत्नी ने उन्हें आश्रय दिया और वे दैत्य उनके आश्रम में निर्भयता से रहने लगे ।
गणेशलहरी जिस दिन प्रथम पृथ्वी पर आई, अर्थात जिस दिन गणेशजन्म हुआ, वह दिन था माघ शुद्ध चतुर्थी । तब से गणपति का और चतुर्थी का संबंध जोड दिया गया । माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी ‘श्री गणेश जयंती’ के रूप में मनाई जाती है ।
हनुमानजी का जीवन अपने लिए नहीं था । प्रभु रामसेवा ही हनुमानकी जीवन था ।
आषाढ एवं कार्तिक माह के शुक्लपक्ष में आनेवाली एकादशी के समय श्रीविष्णु का तत्त्व पृथ्वीवर अधिक मात्रा में आने से श्रीविष्णु से संबंधित ये दो एकादशियों का महत्त्व अधिक है ।
आठ गुप्ततर योगिनी मुख्य देवताके नियंत्रणमें विश्वका संचलन, वस्तुओंका उत्सर्जन, परिणाम इत्यादि कार्य करते हैं । ‘संधिपूजा’ नामक एक विशेष पूजा अष्टमी एवं नवमी तिथियोंके संधिकालमें करते हैं ।
१. अर्थ, कुछ अन्य नाम एवं रूप अ. अर्थ ‘सरसः अवती’, अर्थात एक गति में ज्ञान देनेवालीं (गतिमति) । श्री सरस्वतीदेवी निष्क्रिय ब्रह्मा का सक्रिय रूप हैं; इसीलिए उन्हें ‘ब्रह्मा-विष्णु-महेश’, तीनों को गति देनेवाली शक्ति कहते हैं । आ. कुछ अन्य नाम १. शारदा : शारदा अर्थात षट्शास्त्रों के अध्ययन को अर्थात ज्ञान को आधार … Read more
इस लेख में हम रामभक्त भरत की आध्यात्मिक गुणविशेषताएं देखेंगे और भरत समान असीम रामभक्ति को अपने हृदय में निर्माण होने के लिए भगवान के श्रीचरणों में प्रार्थना करेंगे ।
प्रभु श्रीराम के अस्तित्व का स्मरण करवानेवाले रामसेतु के चैतन्यमय पत्थर एवं श्रीरामकालीन सिक्के
शिवतत्त्व का लाभ करानेवाले अलग अलग व्रत हैं, जैसे प्रदोष व्रत, हरितालिका, श्रावण सोमवार और कार्तिक सोमवार, श्रावणी सोमवार एवं शिवमुष्टिव्रत, शिवपरिक्रमा व्रत. इस व्रतोंकी जानकारी हम इस लेख में देखेंगे।