माघी श्री गणेश जयंती (Ganesh Jayanti 2024)

गणेशलहरी जिस दिन प्रथम पृथ्वी पर आई, अर्थात जिस दिन गणेशजन्म हुआ, वह दिन था माघ शुद्ध चतुर्थी । तब से गणपति का और चतुर्थी का संबंध जोड दिया गया । माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी ‘श्री गणेश जयंती’ के रूप में मनाई जाती है ।

श्रीकृष्ण की उपासना

भग‍वान श्रीकृष्ण की पूजा कैसे करें ?, भग‍वान श्रीकृष्ण को कौन सा फूल चढाते हैं ?, उसकी कितनी परिक्रमा करें ? इस संदर्भ में अधिक जान लें ।

प्रभु श्रीराम का जन्म होने के पीछे अनेक उद्देश्य होना !

वाल्मीकि-रामायण के उत्तरकांड के ९१ वें सर्ग की कथा में आया है, ‘प्राचीन काल की बात है । एक बार देवासुर-संग्राम में देवताओं से  पीडित दैत्यों ने महर्षि भृगु की पत्नी से आश्रय मांगा । भृगुपत्नी ने उन्हें आश्रय दिया और वे दैत्य उनके आश्रम में निर्भयता से रहने लगे ।

पांडुरंग एवं एकादशी की महिमा !

आषाढ एवं कार्तिक माह के शुक्लपक्ष में आनेवाली एकादशी के समय श्रीविष्णु का तत्त्व पृथ्वीवर अधिक मात्रा में आने से श्रीविष्णु से संबंधित ये दो एकादशियों का महत्त्व अधिक है ।

कुछ देवियोंकी उपासनाकी विशेषताएं

आठ गुप्ततर योगिनी मुख्य देवताके नियंत्रणमें विश्वका संचलन, वस्तुओंका उत्सर्जन, परिणाम इत्यादि कार्य करते हैं । ‘संधिपूजा’ नामक एक विशेष पूजा अष्टमी एवं नवमी तिथियोंके संधिकालमें करते हैं ।

श्री सरस्वतीदेवी

अनुक्रमणिका१. अर्थ, कुछ अन्य नाम एवं रूपअ. अर्थआ. कुछ अन्य नामइ. तारक एवं मारक रूप :२. निर्मिति व निवासअ. निर्मितिआ. निवासइ.  सरस्वतीलोक की विशेषताएं३. श्री सरस्वतीदेवी के कोप से कष्ट एवं नरकप्राप्ति होनाअ. श्री सरस्वतीदेवी की अवहेलना करनेवालों को एवं दुष्कृत्य करनेवालों को विद्या एवं कला प्राप्त न होना, आत्मज्ञान न होना तथा नरकप्राप्ति होनाआ. … Read more

रामभक्तशिरोमणी भरत की आध्यात्मिक गुणविशेषताएं !

इस लेख में हम रामभक्त भरत की आध्यात्मिक गुणविशेषताएं देखेंगे और भरत समान असीम रामभक्ति को अपने हृदय में निर्माण होने के लिए भगवान के श्रीचरणों में प्रार्थना करेंगे ।

प्रभु श्रीराम के अस्तित्व का स्मरण करवानेवाले रामसेतु के चैतन्यमय पत्थर एवं श्रीरामकालीन सिक्के

प्रभु श्रीराम के अस्तित्व का स्मरण करवानेवाले रामसेतु के चैतन्यमय पत्थर एवं श्रीरामकालीन सिक्के

शिवतत्त्व का लाभ करानेवाले प्रमुख व्रत एवं उत्सव

शिवतत्त्व का लाभ करानेवाले अलग अलग व्रत हैं, जैसे प्रदोष व्रत, हरितालिका, श्रावण सोमवार और कार्तिक सोमवार, श्रावणी सोमवार एवं शिवमुष्टिव्रत, शिवपरिक्रमा व्रत. इस व्रतोंकी जानकारी हम इस लेख में देखेंगे।