सनबर्न के खातोंपर नियंत्रण कर उसकी कार्यप्रणाली पर ध्यान रखिए ! – श्री. अभय वर्तक

  • सनबर्न के संदर्भ में शासन हमेशा की तरह सो गया है अथवा वह भ्रष्टाचार के कारण कोई कार्रवाई नहीं कर सकता ?

  • अधिकोष में ५० सहस्र से अधिक धनराशि जमा करनेपर सामान्य जनता की जांच करनेवाला शासन ८८ सहस्र रुपए के टिकट खरीदनेवाले लोग तथा आयोजकों की जांच करेगा क्या ?

बाईं ओर से श्री. शिरिष मोहिते, श्रीमती शुभांगी आफळे, श्री. रमेश शिंदे, सनबर्न के विरोध में कुछ प्रमाण सादर करते हुए श्री. अभय वर्तक एवं श्री. चंद्रकांत वारघडे

पुणे : वनविभाग, अग्निशमन दल, प्रदूषण नियंत्रण विभाग एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन से किसी भी प्रकार की अनुमति न होते हुए भी सनबर्न के आयोजकों ने सनबर्न फेस्टिवल की बिना किसी बाधा से बडी मात्रा में सिद्धता प्रारंभ कर दी है। उनके जालस्थलोंपर कार्यक्रम के थोडे ही टिकट शेष रहने की बात कही जा रही है। कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु ८ सहस्र से लेकर ८८ सहस्र रुपए तक शुल्क लगाया गया है। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन के विरोध की लडाई में अधिकोष में ५० सहस्र से अधिक धनराशि जमा करनेवालों की जांच करने की बात की है; तो शासन ८८ सहस्र रुपयों का टिकट खरीदनेवालों की किस प्रकार से जांच करेगा ? नशीले पदार्थों का मुक्त उपयोग, मदिरा सेवन आदि कारणों से कुख्यात बना ‘सनबर्न फेस्टिवल’ काले धन को सफेद बनाने का माध्यम है क्या ? ऐसा प्रश्‍न उपस्थित होता है ! शासन इस कार्यक्रम को तुरंत स्थगित कर सनबर्न कार्यक्रम की विस्तृत जांच करें ! हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने ऐसी मांग की।

यहां के सुकांता होटल में आयोजित पत्रकार परिषद में वे संबोधित कर रहे थे। इस अवसरपर सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक, सूचना सेवा समिति के संस्थापक श्री. चंद्रकांत वारघडे, प्रखर धर्माभिमानी तथा राष्ट्रीय कीर्तनकार ह.भ.प. चारुदत्त आफळेजी की पत्नी श्रीमती शुभांगी आफळे, सेवा मित्रमंडल के श्री. शिरीष मोहिते ने भी विविध प्रमाणों के आधारपर ‘सनबर्न फेस्टिवल नशीले पदार्थमुक्त कार्यक्रम’ होने के आयोजकों के दावे का रहस्यभेदन किया। इस समय श्री. रमेश शिंदे ने इस पत्रकार परिषद में सनबर्न के झूठ के संदर्भ में सभी प्रमाण प्रस्तुत किए।

श्री. रमेश शिंदेद्वारा उपस्थित किए गए महत्त्वपूर्ण सूत्र . .

१. सनबर्न के आयोजकों ने गोवा शासन का ९ कोटी से भी अधिक रुपए का टैक्स डुबोया। न्यूनतम ८ सहस्र रुपए के टिकट को प्रमाणभूत मानकर हिसाब किया, तो आयोजकोंद्वारा किए गए दावों के अनुसार कार्यक्रम में ९० सहस्र लोग उपस्थित हुए, ऐसा गृहित धरे तो प्राप्त कुल ८० कोटी रुपयोंकी धनराशि पर १५ प्रतिशत टैक्स अर्थात लगभग १० कोटी ८० लाख रुपए का कर गोवा शासन को देना उनके लिए अनिवार्य था; परंतु उन्होंने केवल १ कोटी १६ लाख रुपए का भुगतान किया। इस प्रकार से केवल १ वर्ष में ही आयोजकों ने गोवा शासन का ९ कोटी ६४ लक्ष रुपए का टैक्स को डुबोया !

२. केंद्र शासन के नियम के अनुसार किसी स्थानपर यदि १०० से अधिक लोग एकत्रित होनेवाले हों, तो कचरे के प्रबंधन हेतु न्यूनतम ३ दिन पहले संबंधित विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। सनबर्न के आयोजक कचरा प्रबंधन के संदर्भ में कुछ नहीं कहते !

३. इस संदर्भ में जिलाधिकारी से भेंट कर उनको टिकटों की धनराशि एवं टैक्सचोरी के संदर्भ में सूत्रों का ध्यान दिलाने पर उन्होंने ये सभी प्रकरण गंभीर होनेपर सहमति दर्शाई। वास्तविक रूप से प्रशासन को ही इसपर ध्यान दे कर कार्रवाई करना आवश्यक था !

४. इस संदर्भ में जिलाधिकारी से भेंट कर टिकटों की धनराशि एवं टैक्सचोरी की ओर उनका ध्यान आकर्षित किए जानेपर उन्होंने यह प्रकरण गंभीर होनेपर सहमति दर्शाई। वास्तविक रूप से प्रशासन को ही इसपर ध्यान केंद्रित कर कार्रवाई करना आवश्यक था !

सनबर्न के खातोंपर नियंत्रण कर उसकी
कार्यप्रणाली पर ध्यान रखिए ! – श्री. अभय वर्तक

इस कार्यक्रम के संबध में रहस्यमय गतिविधियों के विषय में मुख्यमंत्री, साथ ही जनपदमंत्री को १५ दिनों के पहले ही जानकारी दी गई थी। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से छात्रों के लिए सुविधाएं दी गई हैं। इस प्रकार से नशीले पदार्थों का इतिहास होनेवाले इस फेस्टिवल में छात्रों को धोखे से बुलाया जा रहा है। कार्यक्रम की सुरक्षा हेतु रखे गए बाऊन्सर्स भी वहां के ग्रामवासी एवं पत्रकारों को धमका रहे हैं। कार्यक्रम स्थल से हवाई अड्डा निकट होने के कारण कार्यक्रम में व्याप्त प्रखर किरणों का विमानों के उडानोंपर विपरित परिणाम हो सकता है। सनबर्न की टैक्सचोरी के तथा कानूनविरोधी गतिविधियों के संदर्भ में शासन सनबर्न की खातोंपर नियंत्रण कर उसके कार्यपद्धति पर ध्यान रखे। श्री. अभय वर्तक ने ऐसी मांग की !

क्या जनता ने आप को अश्‍लीलता का ठेका लेने के
लिए चुना है ? – श्रीमती शुभांगी आफळे का शासन को प्रश्‍न

शासन का पर्यटन विभाग सवाई गंधर्व जैसे कार्यक्रमों का समर्थन नहीं करता; परंतु संस्कृति विरोधी सनबर्न के लिए गालिचा बिछाया जाता है। इस संदर्भ में पर्यटन राज्यमंत्री से भेंट करनेपर भाजपा विधायक हिन्दुत्वनिष्ठों को क्या, आपने संस्कृति का ठेका ले रखा है ?, ऐसा प्रश्‍न पूछते हैं ! इस पार्श्वभूमि पर शासन से हम यह प्रश्‍न करते हैं कि, जनता ने आपको अश्‍लीलता की ठेकेदारी करने के लिए चुना है क्या ? सनबर्न के लिए हमारा संपूर्ण विरोध है तथा हम किसी भी स्थिति में इस कार्यक्रम को होने नहीं देंगे ! श्रीमती शुभांगी आफळे ने ऐसा कहा।

श्री. शिरीष मोहिते ने शासन की ओर से सनबर्न में स्पीकर्स की दीवारों के लिए अनुमति देने की; परंतु गणेशोत्सव के समय में आवाज के लिए अनुमति न देने के नीति की आलोचना की। भारतीय संस्कृतिपर पाश्‍चात्त्य संस्कृति के होनेवाले आक्रमण को सहन नहीं किया जाएगा। सनबर्न कार्यक्रम के लिए हम प्रखरता के साथ विरोध करेंगे, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया।

कार्यक्रमस्थल पर वृक्षों की कटाई हुई ही है ! – श्री. चंद्रकांत वारघडे

सनबर्न के आयोजकों ने कार्यक्रमस्थल पर वृक्षों की कटाई न होने का दावा किया; परंतु वह पूर्णरूप से झूठ है। वहांपर बडी मात्रा में वृक्षों की कटाई हुई है। आयोजकों ने शासन की भूमिपर बाऊन्सर्स रखे हैं। नियमों का उल्लंघन करनेवाले आयोजकोंपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

अन्य समयपर किसानों के तारणहार बननेवाले राजनेता इस अन्याय के संदर्भ में मुंह से एक शब्द भी नहीं निकालते, इस सभी के पीछे निश्‍चित रूप से कुछ न कुछ रहस्य अवश्य है !

सनबर्न को होनेवाले विरोध के बढनेपर भाजपा के मंत्रियोंद्वारा अपनाई भूमिका !

• इस प्रकार से कोई वन विभाग की भूमि का अयोग्य पद्धति से उपयोग करता हो तो हम उनपर निश्‍चितरूप से कार्रवाई करेंगे ! – श्री. सुधीर मुनगंटीवार, वनमंत्री

• मै सनबर्न फेस्टिवल से सहमत नहीं हूं। जो संस्कृति के लिए अशोभनीय हो, तो उसपर कार्रवाई तो होगी ही ! – श्री. गिरीश बापट, जनपदमंत्री, पुणे

सनबर्न की अर्थात नशीले पदार्थ, अश्‍लीलता एवं संस्कृतिहीनता का
समर्थन करनेवाला तथा धर्मप्रेमी सनातन को अपकीर्त करनेवाला चैनल ‘एबीपी माझा’ !

हिन्दुत्वनिष्ठ एवं सामाजिक संगठनोंद्वारा सनबर्न को किए जानेवाले विरोध के पार्श्वभूमि पर विविध समाचार वाहिनियों पर समाचार प्रसारित किए जा रहे हैं। ‘एबीपी माझा’ इस समाचार वाहिनी ने सनबर्न को सनातन संस्थाद्वारा बडी मात्रा में विरोध, इस शीर्षक के साथ समाचार प्रसारित किया है। इस समाचार में सनबर्नपर नशीले पदार्थों के उपयोग के लिए एक भी अपराध प्रविष्ट नहीं, ऐसा सनबर्न के आयोजकों ने कहा है। इस समाचार वाहिनी के प्रतिनिधि श्री. मंदार गोंजारी ने सनबर्न पर नशीले पदार्थों के उपयोग का आरोप करनेवाली सनातन संस्था पर ही एफडीए (राज्य का अन्न एवं औषधि प्रशासन विभाग), साथ ही एसआयटीद्वारा (कोल्हापुर का विशेष अन्वेषण दल) मानसिक विकारोंपर उपयोग किए जानेवाले औषधियों का उनके आश्रमों में अवैध रूप में संग्रह किए जाने के संबंध में अपराध प्रविष्ट है, ऐसा बताते हुए सनातन को ही अपकीर्त करने का प्रयास किया है।

(इस प्रकार से अत्यंत झूठे एवं आधारहीन आरोप कर एबीपी माझा तथा उसका प्रतिनिधि मंदार गोंजारी ने एक प्रकार से सनातन को अपकीर्त करते हुए नशीले पदार्थ, अश्‍लीलता एवं संस्कृतिहीनता का समर्थन ही किया है। गोवा में नशीले पदार्थों के अतिसेवन के कारण युवतियों की मृत्यु हुई। वहांपर पुलिस को भी नशीले पदार्थ मिले, उनपर अपराध प्रविष्ट किए गए। इतना कुछ उजागर होने पर भी एबीपी माझा समाचार वाहिनी सनबर्न के आयोजकोंद्वारा उनपर एक भी अपराध प्रविष्ट न होने का दावा किए जानेपर उनका विश्‍वास करती है; परंतु अन्न एवं औषधि प्रशासन विभागद्वारा सनातनपर एक भी अपराध प्रविष्ट न किए जानेपर भी इसी समाचार वाहिनी के पत्रकार मंदार गोंजारी सनातनद्वेष के कारण सनातनपर अपराध प्रविष्ट होने के विषय में अत्यंत झूठा वक्तव्य देते हैं ! ऐसी समाचार वाहिनियां जनता का; क्या, दिशादर्शन करेगी ? ऐसी समाचारवाहिनियों का यदि हिन्दुओं ने बहिष्कार किया, तो उसमें अयोग्य क्या है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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