चलचित्र ‘केदारनाथ’ में हिन्दू धर्म के उपहास का प्रयास ! – चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था

मराठी समाचारवाहिनी ‘एबीपी माझा‘ पर
आयोजित परिचर्चा में सनातन संस्था का सहभाग !

मुंबई : चलचित्र को १२ ज्योतिर्लिंगो में से एक ‘केदारनाथ’ नाम क्यों दिया गया ? केदारनाथ कोई गांव का नाम नहीं, अपितु मंदिर का नाम है । यह हिन्दू धर्म के उपहास का प्रयास है । इस चलचित्र का ट्रेलर में विद्यमान वाक्य सुनकर प्रलय आने के लिए कोई कभी जाप नहीं करता । ‘प्रलय’ शब्द का अर्थ बहुत ही गहन है । ऐसा होते हुए भी इस चलचित्र में इस विषय में कोई गंभीरता नहीं दिखाई देती, यह ध्यान में आता है । सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने ऐसा प्रतिपादित किया । ५ दिसंबर को मराठी समाचारवाहिनी ‘एबीपी माझा’ पर ‘चलचित्र ‘केदारनाथ’ का विरोध’ विषयपर आयोजित परिचर्चा में वे ऐसा बोल रहे थे । इस परिचर्चा में हिन्दू जनजागृति समितिप्रणीत रणरागिनी शाखा की श्रीमती नयना भगत तथा इस चलचित्र के विरुद्ध न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले अधिवक्ता प्रभाकर त्रिपाठी ने इस चलचित्र का विरोध किया, तो सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज मिठीबोरवाला, चलचित्र की निर्माती कांचन अधिकारी तथा सेन्सर बोर्ड के नरेंद्र कोठेकर ने चलचित्र का समर्थन किया । समाचारवाहिनी ‘एबीपी माझा’ की वृषाली यादव ने परिचर्चा का सूत्रसंचालन किया ।

श्री. चेतन राजहंस ने आगे कहा कि उत्तराखंड एक हिन्दूबहुसंख्यक राज्य है और जिस राज्य में यह मंदिर है, वह गढवाल जिला भी हिन्दू बहुसंख्यक है । वहां हिन्दू विगत अनेक पीढीयों से घुडसवारी का व्यवसाय करते हैं । ऐसा होते हुए भी इस चलचित्र में घुडसवारी का व्यवसाय करनेवाला व्यक्ति मुसलमान दिखाने की आवश्यकता क्या है ? इस चलचित्र में वास्तविकता से अलग बातें क्यों दिखाई जा रही हैं ?

अत्यंत झूठ बोलनेवाले फिरोज मिठीबोरवाला !

परिचर्चा का विषय ‘चलचित्र केदारनाथ का विरोध’ होते हुए भी फिरोज मिठीबारवाला ने ‘सनातनवाले इस विषय में कुछ न कहें, सनातनवाले आतंकी हैं, उन्होंने नाटक में बमविस्फोट किया था । इन्होंने डॉ. दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या की ।’, इस प्रकार से अत्यंत झूठे आरोप लगाए । इसपर श्री. चेतन राजहंस ने दृढतापूर्वक कहा, ‘‘मिठीबोरवाला ने जो झूठे आरोप लगाए हैं, उसके लिए उन्हें क्षमायाचना करनी चाहिए और उसके बिना इस कार्यक्रम को आगे नहीं बढाना चाहिए ।’’ तब भी मिठीबोरवाला क्षमा मांगने के लिए सिद्ध नहीं थे और अपने झूठे वक्तव्यों को ही आगे ले जा रहे थे । इसपर सूत्रसंचालक ने ‘यह विषय आज की चर्चा का नहीं है’, ऐसा कहकर मिठीबोरवाला की आवाज को म्यूट कर दिया ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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