हिन्दुओं, धर्मशिक्षा लेकर धर्माचरण करने में ही मनुष्य जीवन की सफलता ! – श्रीमती नयना भगत, प्रवक्ता, सनातन संस्था

मुंबई की चुनाभट्टी में संपन्न हिन्दू
राष्ट्र-जागृति सभा में हिन्दू राष्ट्र स्थापना का निर्धार !

सभा में उपस्थित धर्माभिमानी

चुनाभट्टी (मुंबई), २७ नवंबर (संवाददाता) : हिन्दू धर्म का श्रेष्ठत्व गुरु-शिष्य परंपरा में ही है । जब-जब हमारे धर्म को अथवा राष्ट्र को ग्लानी आ गई, तब-तब गुुरु-शिष्य परंपरा ही सनातन धर्मपरंपरा को बचाने हेतु आगे आ गई । हमारे सामने अर्जुन-भगवान श्रीकृष्ण, आर्य चाणक्य-चंद्रगुप्त मौर्य, रामकृष्ण परमंहस-स्वामी विवेकानंद, छत्रपति शिवाजी महाराज-समर्थ रामदासस्वामी ये कुछ प्रसिद्ध उदाहरण हैं । आज भी हिन्दू संस्कृतिपर आक्रमण किए जा रहे हैं और उससे हिन्दू धर्म संकट में पड गया है । संतों के विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर उन्हें अपकीर्त किया जा रहा है । अतः हिन्दू धर्म की शिक्षा लेकर उसके अनुरूप आचरण करने से ही मनुष्य का जीवन सफल होगा । सनातन संस्था की प्रवक्ता श्रीमती नयना भगत ने ऐसा प्रतिपादित किया । चुनाभट्टी के साईबाबा मित्रमंडल के प्रांगण में आयोजित हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में वे ऐसा बोल रही थीं ।

श्रीमती नयना भगत

हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती ममता देसाई ने सभा का सूत्रसंचालन किया । शंखनाद के पश्‍चात दीपप्रज्वलन किया गया । उसके पश्‍चात पुरोहित वेदमूर्ति श्री. प्रज्ज्वल टेंबेकर तथा श्री. अनिकेत लेले ने वेदमंत्रपठन किया । समिति के श्री. संदीप शिंगाडे ने उन्हें सम्मानित किया ।

श्रीमती भगत ने आगे कहा, ‘‘सायंकाल में हमारे हाथ में दीपज्योति के स्थानपर दूरचित्रवाणी का रिमोट होता है । इस दूरचित्रवाहिनी के कारण राष्ट्र, धर्म, समाज, परिवार तथा व्यक्तिगत रूप से भी किसी का भला नहीं होता; परंतु हम इसके द्वारा जिहाद का शिकार बन रहे हैं । आज १४ प्रकार के जिहाद, मंदिरों की संपत्ति में भी भ्रष्टाचार करनेवाले राजनेता, पाखंडी आधुनिकतावादी तथा झूठी स्री-पुरुष समानता के द्वारा हिन्दू धर्म को बिना किसी कारण अपकीर्त करनेवाले नास्तिकतावादियों का प्रत्युत्तर करने का समय अब आ गया है । इसलिए अब हिन्दुओं को नींद का ढोंग छोडकर जग जाना चाहिए, तब ही सभी का कल्याण होगा ।’’

धर्म की विजय होती है तथा अधर्म पराजित होता है,
यही शाश्‍वत नीति ! – नरेंद्र सुर्वे, प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

जब से संविधान में धर्मनिरपेक्षता तथा समाजवाद इन शब्दों को घुसाया गया, तब से ही हिन्दुओं की दुस्थिति आरंभ हुई । संविधान में धर्मनिरपेक्षता की ठीक से

श्री. नरेंद्र सुर्वे

व्याख्या भी नहीं दी गई है; परंतु इससे सबसे अधिक हानि हिन्दुआें को ही झेलनी पडी है ।‘हिन्दुओं के लिए केवल विधियां; परंतु अन्य धर्मियों को लाभ ही लाभ’, यह स्थिति बन गई है । मुसलमानों की हजयात्रापर ८२६ कोटि रुपए खर्च किए जाते हैं और हिन्दुओं को काशी तथा प्रयाग कुंभ के लिए अतिरिक्त कर देना पडता है । ‘अच्छे दिन’वाली सरकार ने हज का लाड-प्यार बंद किया; परंतु तुरंत ही शादीशगुन योजना लेकर प्रत्येक मुसलमान युवती को १८ सहस्र रुपए देने का निर्णय क्यों किया ? क्या हिन्दुओं की लडकियां नहीं हैं ? हिन्दुओं के १० दिनों के त्योहार में रात १० बजे के पश्‍चात ध्वनिवर्धक की अनुमति नहीं; परंतु ३६५ दिन मस्जिदोंपर लगाए हुए भोंपु प्रातः ५ बजे से बजाए जाते हैं । पुलिस प्रशासन न्यायालय का आदेश नहीं मानता और केवल हिन्दुओं को ही दादागिरी दिखाता है । पहले डोनेशन, उसके पश्‍चात एडमिशन और अंत में थोडासा एज्युकेशन, यह कॉन्वेंट ईसाई लोगों का गणित ‘मातृदेवोभव-पितृदेवोभव’ की शिक्षा नहीं दे सकता । कॉन्वेंट विद्यालय केवल नौकर ही बनाते हैं । स्वामी बनने की पात्रता तो केवल हिन्दुओं की गुरुकुल पद्धति में ही थी, इसे ध्यान में लेना होगा । पूज्यपाद संतश्री आसारामबापूजी को बलात्कार के एक झूठे प्रकरण में वर्षों का कारावास; परंतु ननपर अत्याचार करनेवाला केरल के बिशप केवल २ ही दिनों में प्रतिभूतिपर बाहर आता है । राममंदिर के प्रकरण की सुनवाई के लिए न्यायालय के पास समय नहीं है, यह हिन्दुओं का दुर्भाग्य है । ‘तारीख पे तारीख’ की यह व्यवस्था हमारे साथ कब न्याय करेगी ? संतों की भविष्यवाणी के अनुसार वर्ष २०२३ को हिन्दू राष्ट्र आने ही वाला है; इसलिए हम इसमें साधना के रूप में तन-मन-धन से समर्पित होंगे । केवल इससे ही हमारा उद्धार होगा ।

मान्यवरों की उपस्थिति !

इस कार्यक्रम में शिवसेना के वरिष्ठ नेता श्री. लीलाधर डाके, शिवसेना के सर्वश्री विजय तांडेल शिवसेना पार्षद श्रीमती सान्वी तांडेल, भाजपा विधानसभा सचिव श्रीमती भारती कडू उपस्थित थीं ।

क्षणिकाएं

मार्ग की बाजू में लगाए गए राष्ट्र-धर्म विषय के फलक देखकर अनेक लोग सभा में आ गए ।

विशेष

श्री. बळवंत पाठक ने उपस्थित धर्मप्रेमियों से हिन्दू राष्ट्र की प्रतिज्ञा करवाकर ली । इस सभा में कुल ८० धर्मप्रेमियों की उपस्थिति थी ।

हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यक्रमपर पुलिस की दृष्टि !

१. एक महिला हवलदार सामान्य वेशभूषा में आकर उसने पहले अपना परिचय दिया और उसके पश्‍चात वह वक्ताओं के भाषण लिखकर लेने लगी ।

२. कार्यक्रम के फलक देखकर में २ पुलिसकर्मी कार्यक्रम में आ गए । उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कार्यक्रम होने चाहिएं । हम आज सेवा में नहीं हैं; परंतु केवल कौतुहल था; इसलिए आए हैं । यह कार्यक्रम बहुत अच्छा था ।

समीक्षा बैठक

समीक्षा बैठक मंगलवार, दि. २७.११.२०१८ को संतोष क्लासेस, दत्तात्रय संघ, दत्तमंदिर के पास रात ८ बजे होगी ।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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