पाश्चात्त्य संस्कृति अपनाने से व्यसनाधीन बने भारतीय !
व्यसनी व्यक्ति तथा अपने परिवार और समाज में अपना स्थान-सम्मान गंवाता है । उससे उसे सामाजिक संपर्क अच्छा नहीं लगता । अकेलापन और समाज से विभाजित होना उसे अधिक तनावपूर्ण बनाता है ।
व्यसनी व्यक्ति तथा अपने परिवार और समाज में अपना स्थान-सम्मान गंवाता है । उससे उसे सामाजिक संपर्क अच्छा नहीं लगता । अकेलापन और समाज से विभाजित होना उसे अधिक तनावपूर्ण बनाता है ।
साढेतीन शक्तिपीठों में से एक और अनेक लोगों की कुलदेवता श्रीक्षेत्र सप्तश्रृंग गढपर स्थित श्री सप्तश्रृंगीदेवी के मंदिर के गर्भगृह की पवित्रता को बनाए रखने हेतु मंदिर न्यास की ओर से दर्शनार्थी और श्रद्धालुओंपर कुछ बंधन डालने का प्रशंसनीय निर्णय लिया गया है ।
संकेतस्थल ‘सनातन डॉट ऑर्ग’के माध्यम से नवंबर २०१९ में संपन्न सनातन संस्था का अध्यात्मप्रसार का कार्य !
पंचांग और मुहूर्त के साथ ही त्योहार-व्रत, धर्मशिक्षा, राष्ट्र-धर्म रक्षा इत्यादि विविध विषयों की सर्वांगीण उपयोगी जानकारी देनेवाला ‘सनातन पंचांग 2020’ एप हाल ही में लांच किया गया है ।
राष्ट्र एवं धर्म के उत्थान हेतु निस्वार्थभाव से किए जा रहे इस कार्य में अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण है । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने ऐसा प्रतिपादित किया ।
देश में प्रति ७ व्यक्तियों में से १ व्यक्ति गंभीर मानसिक रोग से ग्रस्त है । देश में निराशा(डिप्रेशन) एवं चिंता (एन्क्जाईटी) इन विकारों से ग्रस्त लोगों की संख्या तीव्रगति से बढ रही है ।
उत्तर प्रदेश में कार्यरत राष्ट्रीय हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने १८ दिसंबर को यहां के सनातन आश्रम का अवलोकन किया ।
हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में उत्पन्न सभी आध्यात्मिक बाधाएं दूर हों, परात्पर गुरु (डॉ.) आठवलेजीपर मंडरा रहा महामृत्युयोग टलें और सभी साधकों के आध्यात्मिक कष्ट दूर हों; इसके लिए यहां के सनातन आश्रम में १८ दिसंबर को प्रत्यंगिरा यज्ञ संपन्न हुआ ।
सनातन संस्था केवल अध्यात्मप्रसार का कार्य करती है । इसके अतिरिक्त संस्था किसी को भी चिकित्सकीय, आर्थिक अथवा व्यावसायिक सहायता अथवा सलाह आदि किसी भी प्रकार से मार्गदर्शन नहीं करती ।
आज के रज-तमात्मक कलियुग में भी इसी प्रकार से शिल्पकला के माध्यम से भगवान से अनुसंधान रखनेवाले सुप्रसिद्ध शिल्पी श्री. काशिनाथ के. संतपदपर विराजमान हुए । सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. रमानंद गौडाजी ने इसकी घोषणा की ।