राष्ट्रीय उत्थान में अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण ! – चेतन राजहंस, सनातन संस्था

रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में हिन्दू
विधिज्ञ परिषद द्वारा आयोजित षष्ठम् राष्ट्रीय अधिवक्ता शिविर

दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर से अधिवक्ता गोविंद भरतन्, पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णी, कर्नाटक के अधिवक्ता शरदचंद्र मुंदरगी तथा अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर

रामनाथी (गोवा) : हिन्दू विधिज्ञ परिषद का कार्य हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य का एक आंदोलन है । निर्दोष हिन्दुत्वनिष्ठों की सहायता करना, साथ ही सरकारीकृत मंदिरों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करना, राष्ट्र एवं धर्मपर हो रहे आघातों को वैधानिक पद्धति से रोकनेसहित अन्य विविध कार्य परिषद की ओर से किया जा रहा है । राष्ट्र एवं धर्म के उत्थान हेतु निस्वार्थभाव से किए जा रहे इस कार्य में अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण है । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने ऐसा प्रतिपादित किया । हिन्दू विधिज्ञ परिषद की ओर से २५ से २७ दिसंबर की अवधि में यहां के सनातन आश्रम में आयोजित षष्ठम् राष्ट्रीय अधिवक्ता शिविर में वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसरपर व्यासपीठपर परिषद के संस्थापक सदस्य पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णीजी, परिषद के संगठक अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर तथा सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस उपस्थित थे ।

शिविर के आरंभ में सनातन पुरोहित पाठशाला के श्री. अमर जोशी ने शंखनाद किया । तत्पश्‍चात पुरोहित श्री. अमर जोशी एवं श्री. सिद्धेश करंदीकर ने भावपूर्ण वेदमंत्र का पाठ किया । इस अवसरपर केरल के अधिवक्ता गोविंद भरतन्, पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णी, कर्नाटक के अधिवक्तां शरदचंद्र मुंदरगी एवं अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर के हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । उसके उपरांत पू. (अधिवक्ता) सुरेश कुलकर्णी ने परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा अधिवक्ता शिविर के लिए भेजे गए संदेश का वाचन किया ।

 

राष्ट्रीय उत्थान में अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण ! – चेतन राजहंस

हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण है । भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अधिवक्ताओं की भूमिका और उनके द्वारा दिया गया योगदान महत्त्वपूर्ण था । आज राष्ट्र और धर्म संकट में हैं और हम सभी उनका अभिन्न अंग हैं। अतः इस स्थिति को सुधारने में हम सभी को प्रयास करने आवश्यक हैं । देश की भ्रष्ट, अन्यायपूर्ण और आलसी बनी व्यवस्था के विरुद्ध न्यायालयीन संघर्ष करना पडेगा और इस व्यवस्था को बदलने के लिए प्रयास करने पडेंगे; इसलिए राष्ट्र के उत्थान में अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण है ।

 

हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में अधिवक्ताओं
को प्रतिदिन प्रयास करने पडेंगे ! – अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर

आजकल देश में संचलित भ्रष्ट व्यवस्था को बदलकर आदर्श व्यवस्था स्थापित करने हेतु अधिवक्ताओं को प्रतिदिन प्रयास करने आवश्यक हैं । हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु अधिवक्ताओं से तन-मन-धन के समर्पण की आवश्यकता है और उससे ही राष्ट्र का निर्माण होनेवाला है । स्वतंत्रतापूर्व समय में भी क्रांतिकारी एवं राष्ट्रपुरुषों द्वारा किए गए त्याग के कारण ही देश को स्वतंत्रता मिली है ।

इस शिविर में देशभर के ७ राज्यों से आए अधिवक्ता उपस्थित हैं । इस शिविर में ‘आनंदित जीवन हेतु करने आवश्यक साधना के प्रयास’ तथा ‘बदलती हुई सामाजिक स्थिति में हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु कैसे प्रयास करने चाहिएं ?, इन विषयोंपर विचारगोष्ठी, राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु अधिवक्ताओं को करने आवश्यक प्रयास, सुराज्य अभियानसहित विविध विषयोंपर मार्गदर्शन एवं चर्चासत्र का आयोजन किया जाएगा ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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