सनातन संस्था का नाम बताकर आर्थिक अथवा व्यावसायिक धोखाधडी करनेवालों के विरुद्ध सतर्क रहें !

साधकों को सूचना तथा पाठकों से अनुरोध !

सनातन संस्था केवल अध्यात्मप्रसार का कार्य करती है । इसके अतिरिक्त संस्था किसी को भी चिकित्सकीय, आर्थिक अथवा व्यावसायिक सहायता अथवा सलाह आदि किसी भी प्रकार से मार्गदर्शन नहीं करती । कुछ स्थानोंपर सनातन संस्था का साधक होने का बताकर कुछ लोग सनातन संस्था के नाम का उपयोग व्यावसायिक कारणों के लिए कर रहे हैं, ऐसा हाल ही में पुणे में ध्यान में आया है ।

पुणे के धानोरी परिसर में रहनेवाले श्री. सुहास गुळवणी सनातन संस्था के संपर्क में रहते हैं । जब कभी उन्हें समय मिलता हैं, तब वे कभी-कभी अध्यात्मप्रसार के कार्य में सहभागी होते हैं; परंतु वे सनातन संस्था के साधक, हितचिंतक, पाठक आदि को ‘मैं सनातन का साधक हूं और एक्युप्रेशर पद्धति से रोगियों की चिकित्सा करता हूं’, ऐसा बताते हैं । सनातन संस्था का साधक होने की बात करने से कुछ पाठक और हितचिंतकों ने उनपर विश्‍वास कर उनसे चिकित्सा लेना आरंभ किया; परंतु बहुत खर्चा कर भी स्वास्थ्य में सुधार दिखाई देने के अनेक लोगों ने उनसे चिकित्सा लेना बंद किया ।

अतः सनातन संस्था इस प्रकार से किसी को भी चिकित्सकीय अथवा व्यावसायिक दृष्टि से कार्य करने के लिए नहीं बोलती । इस प्रकार से कोई व्यक्ति सनातन संस्था का साधक होने की बात कहकर सनातन संस्था के साधक, पाठक और हितचिंतकों के साथ व्यवहार करता हो, तो ‘उस व्यक्ति का सनातन संस्था के साथ कोई संबंध नहीं है’, इसे कृपया ध्यान में लें । इस प्रकार से कोई व्यक्ति सनातन संस्था के नाम का उपयोग कर किसी के साथ आर्थिक व्यवहार अथवा व्यवसाय करता हो, तो उसके लिए सनातन संस्था उत्तरदायी नहीं है । ऐसे आर्थिक व्यवहारों में किसी के साथ धोखाधडी हुई हो, तो वे ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करें, साथ ही उसकी जानकारी हमें भी दें, यह सभी से अनुरोध है ।

आपका,

– श्री. वीरेंद्र मराठे, व्यवस्थापकीय न्यासी, सनातन संस्था

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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