वणी(जनपद नासिक, महाराष्ट्र) के श्री सप्तश्रृंगीदेवी के गर्भगृह की पवित्रता बनाए रखने हेतु दर्शनार्थियोंपर बंधन

मंदिर न्यास का प्रशंसनीय निर्णय !

वणी (जनपद नासिक) : साढेतीन शक्तिपीठों में से एक और अनेक लोगों की कुलदेवता श्रीक्षेत्र सप्तश्रृंग गढपर स्थित श्री सप्तश्रृंगीदेवी के मंदिर के गर्भगृह की पवित्रता को बनाए रखने हेतु मंदिर न्यास की ओर से दर्शनार्थी और श्रद्धालुओंपर कुछ बंधन डालने का प्रशंसनीय निर्णय लिया गया है । इसके आगे श्रद्धालु सीधे गर्भगृह में जाकर दर्शन नहीं कर सकेंगे । श्रद्धालु केवल बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे । आरती और पूजा में आए श्रद्धालुओं की प्रविष्टि कर एक विशिष्ट समय में ही उन्हें गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा । इस समय गर्भगृह में प्रवेश करने हेतु पुरुषों को पवित्र वस्र और महिलाओं के लिए साडी परिधान करना अनिवार्य किया गया है । अभीतक देवी के चरणोंपर सिर टेककर दर्शन किया जाता था । इससे पहले गर्भगृह में प्रवेश करने हेतु ऑनलाईन अथवा कार्यालय से दिया जानेवाला पास अब बंद किया गया है ।

इसके कारण गर्भगृह में महनीय व्यक्तियों (वीआईपी) के लिए दर्शन बंद होगा और इसका लाभ सर्वसामान्य श्रद्धालुओं को मिलेगा । ये नियम १ जनवरी २०२० से लागू किए जाएंगे । सभी स्तरों से इस निर्णय का स्वागत किया जा रहा है ।

१. श्री. प्रवीण दीक्षित, पुजारी : श्री सप्तश्रृंगीदेवी मंदिर के न्यास का यह निर्णय उचित है । उससे मंदिर की पवित्रता बनाई रखी जाएगी और श्रद्धालुओं को दर्शन करना सुलभ होगा ।

२. महंत श्री श्री मंडलाचार्य ज्योतिष्वाचस्पति पीठाधीश्‍वर स्वामी अनिकेतशास्त्री देशपांडे महाराज : न्यास के इस निर्णय के कारण युवा पीढी को हमारी संस्कृति क्या है, यह ज्ञात होगा और वे उसके अनुसार आचरण करेंगे । इस संदर्भ में समस्त संतसमाज न्यास के साथ है ।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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