श्री गणपति
१. व्युत्पत्ति एवं अर्थ गण ± पति · गणपति । संस्कृतकोशानुसार ‘गण’ अर्थात पवित्रक । पवित्रक अर्थात सूक्ष्मातिसूक्ष्म चैतन्यकण । ‘पति’ अर्थात स्वामी । ‘गणपति’ अर्थात पवित्रकोंके स्वामी । १. ‘ॐ गँ गणपतये नमः ।’ यह श्री गणेशजी का तारक नामजप सुनें । १. ‘श्री गणेशाय नमः ।’ यह श्री गणेशजी का तारक नामजप सुनें । … Read more