महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से परात्पर गुरु डॉ. आठवले लिखित यदि पशु-पक्षी आध्यात्मिक स्पंदन पहचान सकते हैं, तो मनुष्य क्यों नहीं पहचान सकता ? इस विषय पर शोधप्रबंध प्रस्तुत
यहां १७ से २४ जनवरी २०१८ को ‘धर्ममीमांसा तथा पंथ के बीच पशुओं का स्थान (एनिमल्स इन थिओलॉजी एण्ड रिलीजन)’ इस विषय पर मायंडींग निमल्स इंटरनॅशनल इन कॉर्पोरेटेड ने अंतर्राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया था ।