महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से परात्पर गुरु डॉ. आठवले लिखित यदि पशु-पक्षी आध्यात्मिक स्पंदन पहचान सकते हैं, तो मनुष्य क्यों नहीं पहचान सकता ? इस विषय पर शोधप्रबंध प्रस्तुत

यहां १७ से २४ जनवरी २०१८ को ‘धर्ममीमांसा तथा पंथ के बीच पशुओं का स्थान (एनिमल्स इन थिओलॉजी एण्ड रिलीजन)’ इस विषय पर मायंडींग  निमल्स इंटरनॅशनल इन कॉर्पोरेटेड ने अंतर्राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया था ।

ग्रेटर नोएडामें सनातन संस्था की ओर से बसंतपंचमी पर प्रवचन

गौतमबुद्ध नगर, ग्रेटर नोइडमे २२ जनवरी २०१८ को LG सोसायटी के कोम्युनिटिव हॉल में सनातन संस्था की ओर से बसन्तपंचमी पर प्रवचन का आयोजन किया गया, जिसमे २३ जिज्ञासु उपस्थित रहे।

प्रयाग (इलाहाबाद) में होनेवाले माघ मेले में आयोजित सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी !

विश्व में कहीं भी उपलब्ध नहीं है ऐसा अनमोल ज्ञान देनेवाले सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी !

निपाणी में विराट हिन्दू महासम्मेलन में ‘फॅक्ट’ और सनातन की ‘ग्रंथ प्रदर्शनी’ को धर्मप्रेमियों का उत्स्फूर्त प्रतिसाद !

१३ जनवरी को म्युनिसिपल हाईस्कूल के मैदान में श्रीराम सेना द्वारा विराट हिन्दू महासम्मेलन का आयोजन किया गया था । सम्मेलन में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कश्मीर और बंगलादेश के हिन्दुआें पर हुए अत्याचारों के संदर्भ में ‘फॅक्ट’ प्रदर्शनी लगाई गई थी ।

हिन्दू संस्कृति के प्राण भगवान सूर्यनारायण की विविध फलदायी सूर्योपासना !

रथसप्तमी को रविवार को उत्तरा-फाल्गुनी नक्षत्र पर आदित्यदेव (सूर्यदेव) प्रकट हुए । इसलिए रथसप्तमी श्रेष्ठ तिथि मानी जाती है । इस दिन सूर्यदेव अधिक आनंदी होते हैं तथा आप जो मांगते हैं, वह आपको देते हैं । श्रद्धालुआें की श्रद्धा है कि रथसप्तमी का उपवास करनेवाले को स्वप्न में सूर्यदेव के दर्शन होते हैं ।

नामसाधना ही सर्वोत्तम साधना ! – पू. नीलेश सिंगबाळ, पूर्व भारत मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

प्रयाग के पवित्र त्रिवेणी संगम पर संपन्न हुए माघ मेलावा में नई मुंबई सब्जी व्यापारी वेलफेयर असोसिएशन की ओर से आयोजित किए गए प्रवचन में हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व भारत के मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळ वक्तव्य कर रहे थे ।

श्रीक्षेत्र तेर (जनपद धाराशिव) यहां के श्रीमद्भागवत कथाकार श्री. पद्मनाभ प्रदीपराव व्यास का रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम को भ्रमण

सनातन के आश्रम की व्यवस्था देखकर यह प्रतीत हुआ कि, सनातनी होना कभी संभव नहीं हुआ, किंतु जीवन के सायंकाल के समय हम इससे पूर्व ही यहां आता, तो मनुष्य के रूप में घटता ।’

सनातन के साधकों की निरपराध मुक्तता

सनातन की साधिका डॉ. स्वाती आडभाई (वर्तमान की डॉ. (श्रीमती) दीक्षा पेंडभाजे) के परिवारवालों ने नवम्बर २००४ में देवद (पनवेल) के सनातन के आश्रम पर आक्रमण किया था ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु जातिधर्म भूलकर धर्मयोद्धा बनें ! – नैमिष सेठ, रा.स्व. संघ

यहां के धर्मरक्षक संगठन द्वारा आसूदानी चॅरिटेबल ट्रस्ट धर्मशाला में आयोजित तृतीय प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भोपाळ समरसता विभागप्रमुख श्री. नैमिष सेठ वक्तव्य कर रहे थे । अपने वक्तव्य में उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘यह वर्ष गुरु गोविंदसिंग का ३५० वा जयंति वर्ष है ।