श्रीक्षेत्र तेर (जनपद धाराशिव) यहां के श्रीमद्भागवत कथाकार श्री. पद्मनाभ प्रदीपराव व्यास का रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम को भ्रमण

दाएं से श्री. रामानंद जोशी, श्री. पद्मनाभ व्यास, श्री. उल्हास फडके तथा उन्हें  सनातन प्रभात नियतकालिक के संदर्भ में अधिक जानकारी देते समय श्री.उमेश नाईक

रामनाथी गोवा, १४ जनवरी – श्रीक्षेत्र तेर (जनपद धाराशिव) (उस्मानाबाद) यहां के श्रीमद्भागवत कथाकार, कीर्तनकार तथा प्रवचनकार श्री. पद्मनाभ प्रदीपराव व्यास, पुणे वेदपाठशाला के कार्याध्यक्ष तथा ग्राहक पेठ के संचालक श्री. उल्हास अनंत फडके, साथ ही आकाशवाणी, णजी केंद्र के निवृत्त वरिष्ठ निवेदक श्री. रामानंद केशव जोशी ने १२ जनवरी को रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम को सदिच्छा भ्रमण किया । उस समय उन्हें सनातन की साधिका श्रीमती नंदिनी चितळे ने आश्रम में आरंभ राष्ट्र एवं धर्म का कार्य तथा आध्यात्मिक संशोधन के संदर्भ में, तो श्री. उमेश नाईक ने सनातन प्रभात नियतकालिक के संदर्भ में जानकारी दी । आश्रम भ्रमण के निमित्त प्रवचनकार श्री. व्यासजी का सनातन के साधक श्री. प्रकाश मराठे के शुभहाथों शाल, श्रीफल तथा भेंटवस्तु देकर आदर किया गया । उस समय सनातन संस्था के श्री. पुरुषोत्तम मराठे, श्री. पवन बर्वे इत्यादि साधकगण उपस्थित थे ।

ईश्वरी संकल्प कार्यरत रहने का उत्तम उदाहरण अर्थात् सनातन का आश्रम ! – श्री. पद्मनाभ प्रदीपराव व्यास

ईश्वरी अधिष्ठान के अतिरिक्त ऐसा कार्य होना असंभव है । ईश्वरी संकल्प कार्यरत रहने का उत्तम उदाहरण अर्थात् सनातन आश्रम । हम अध्यात्म के संदर्भ में जानकारी देते हैं; किंतु यहां अध्यात्म जीया जाता है । सनातन संस्था का कार्य ईश्वरी कार्य है । श्रीसद्गुरु समर्थ के शब्दों में इस संस्था के संस्थापक प.पू. डॉक्टरजी धर्मसंस्थापना के नर । वे ईश्वर के अवतार हुए हैं, । भविष्य में भी होंगे । देन ईश्वर की ? इस स्वरूप में हैं । अतः प.पू. डॉक्टररुपी ईश्वरी देन दीर्घायु रहें तथा सनातन का कार्य वर्धिष्णुता से चिरंतन रहें ।’

यदि इससे पूर्व ही आश्रम में आता, तो मानव के रूप में घटता !
– श्री. रामानंद केशव जोशी, निवृत्त वरिष्ठ निवेदन, आकाशवाणी, पणजी केंद्र

सनातन के आश्रम की व्यवस्था देखकर यह प्रतीत हुआ कि, सनातनी होना कभी संभव नहीं हुआ, किंतु जीवन के सायंकाल के समय हम इससे पूर्व ही यहां आता, तो मनुष्य के रूप में घटता ।’

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