व्यवहार एवं अध्यात्म में भेद !

‘व्यवहार में पैसे मिलते हैं, तो व्यक्ति अपने पास रखता है; परंतु अध्यात्म में ईश्वर का प्रेम मिलता है, तो उसे संत सभी में बांटते हैं !’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले

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