यूनिवर्सल ऑरा स्कॅनर (UAS)
यू.टी.एस उपकरण का परिचय :इस उपकरण को ऑरा स्कैनर भी कहते हैं । इससे घटकों (वस्तु,भवन,प्राणी और मनुष्य)की ऊर्जा और उनका प्रभामंडल मापा जा सकता है ।
यू.टी.एस उपकरण का परिचय :इस उपकरण को ऑरा स्कैनर भी कहते हैं । इससे घटकों (वस्तु,भवन,प्राणी और मनुष्य)की ऊर्जा और उनका प्रभामंडल मापा जा सकता है ।
सामान्य व्यक्ति अथवा वस्तु का प्रभामण्डल लगभग १ मीटर होता है । प्रक्रिया आरम्भ करने से पहले साधक और साधिका का प्रभामण्डल क्रमशः १.५२ मीटर एवं १.५० मीटर था । प्रक्रिया १ मास करने पर उनका प्रभामण्डल क्रमशः १.७४ मीटर तथा १.६० मीटर हो गया, अर्थात दोनों का प्रभामण्डल क्रमशः २२ सें.मी. एवं १० सें.मी. बढ गया ।
अत्युच्च स्तर के संत ईश्वर के सगुण रूप होते हैं । उनकी देह सात्त्विकता का स्रोत होती है । इसलिए संतों के संपर्क में आने पर चराचर इस सात्त्विकता से भारित हो जाता है और उसमें विविध सकारात्मक परिवर्तन होते हैं ।
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की कुमारी प्रियांका लोटलीकर ने कुलाबा (मुंबई) में हुए नाडीज्योतिष सम्मेलन में विचार व्यक्त किया कि नाडी-पट्टिका के माध्यम से महर्षि ने सबको उच्च कोटि का ज्ञान उपलब्ध कर दिया है ।
नामजप, मुद्रा और न्यास के, गर्भवती स्त्री और गर्भ पर आध्यात्मिक स्तर पर होनेवाले प्रभाव का अध्ययन करने हेतु पिप प्रणाली की सहायता से महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा किया गया वैज्ञानिक परीक्षण
विकार-निर्मूलन हेतु विविध उपचार-पद्धतियां प्रचलित हैं । इनमें मंत्रोपचार से विकार ठीक करने की पद्धति भी भारत में प्राचीन काल से प्रचलित है । इस पद्धति का महत्त्व दर्शानेवाला वैज्ञानिक परीक्षण महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय ने २५.५.२०१६ को गोवा के सनातन आश्रम में किया ।
अनिष्ट शक्ति, घरों में हुए परिवर्तन और दैवीकणों से संबंधित सैकडों संदर्भ सनातन ने दृश्य-श्रव्य चक्रिकाओं में उपलब्ध करवा दिए हैं । इस शोधकार्य में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय से भी सहायता मिल रही है । यह शोध अब महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के जालस्थल (वेबसाइट) पर प्रकाशित किए गए हैं ।
तमिलनाडू के तंजावुर स्थित ७८ वर्षीय परम पूजनीय रामभाऊस्वामीजी ने वर्ष १९७५ से जलप्राशन नहीं किया है । वर्ष १९७७ से वे केवल दो केले और एक प्याली दूध, दिन में केवल एक ही बार ले रहे हैं । ऐसा होते हुए भी वे पूर्णतः कार्यक्षम हैं ।
कुछ दिन पहले नासा (नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिकन संस्थान) द्वारा सूर्य के नाद का उपग्रह के माध्यम से किया ध्वनिमुद्रण यू-ट्यूब नामक जालस्थल पर उपलब्ध है ।
महाराष्ट्र के परळी वैजनाथ, में संपन्न सोमयाग के परिणामस्वरूप वृष्टि गर्भधारणा होने के संकेत देनेवाले पश्चिम क्षितिज पर दिखाई दिए सिंदूरिया मेघ ! सोमयाग, ऋषिमुनियों द्वारा मानवकल्याण हेतु दिया अद्भुत विज्ञान ! महाराष्ट्र के सोलापुर जनपद के बार्शी ग्राम में अश्वमेधयाजी प.पू. नारायण (नाना) काळेगुरुजी श्री योगीराज वेद विज्ञान आश्रम द्वारा वेदाध्यापन कर यज्ञशिक्षा … Read more