७८ वर्षीय प.पू. रामभाऊस्वामीजी के चिकित्सकीय परीक्षण की जानकारी

तमिलनाडू के तंजावुर स्थित ७८ वर्षीय परम पूजनीय रामभाऊस्वामीजी ने वर्ष १९७५ से जलप्राशन नहीं किया है । वर्ष १९७७ से वे केवल दो केले और एक प्याली दूध, दिन में केवल एक ही बार ले रहे हैं । ऐसा होते हुए भी वे पूर्णतः कार्यक्षम हैं ।

वैज्ञानिक दृष्टि से ॐ का महत्त्व !

कुछ दिन पहले नासा (नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिकन संस्थान) द्वारा सूर्य के नाद का उपग्रह के माध्यम से किया ध्वनिमुद्रण यू-ट्यूब नामक जालस्थल पर उपलब्ध है ।

आध्यात्मिक पहेली

अधिकांश नियतकालिकों में शब्दपहेलियां होती हैं । वे बौद्धिक स्तर की होती है । यहां मानसिक स्तर की पहेली दी है । इस लेखमाला में आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां दी हैं ।

सोमयाग के परिणामस्वरूप वृष्टि गर्भधारणा होने के संकेत देनेवाले पश्‍चिम क्षितिज पर दिखाई दिए सिंदूरिया मेघ !

महाराष्ट्र के परळी वैजनाथ, में संपन्न सोमयाग के परिणामस्वरूप वृष्टि गर्भधारणा होने के संकेत देनेवाले पश्‍चिम क्षितिज पर दिखाई दिए सिंदूरिया मेघ ! सोमयाग, ऋषिमुनियों द्वारा मानवकल्याण हेतु दिया अद्भुत विज्ञान !     महाराष्ट्र के सोलापुर जनपद के बार्शी ग्राम में अश्‍वमेधयाजी प.पू. नारायण (नाना) काळेगुरुजी श्री योगीराज वेद विज्ञान आश्रम द्वारा वेदाध्यापन कर यज्ञशिक्षा … Read more

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के देह से बचपन में प्रक्षेपित होनेवाली चैतन्य की अनुभूति

पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, इस उक्ति के अनुसार अवतारी देह में से बचपन से ही चैतन्य का प्रक्षेपण हो रहा है ।