कैंडिडा ऑरिस फफूंद कोरोना से भी अधिक खतरनाक हो सकती है ! – वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी

‘विश्व में जहां कोरोना का प्रभाव अभी कम नहीं हुआ है, वहीं कोरोना वायरस जैसी फफूंद अब विश्व के लिए बडा खतरा बन सकती है’, वैज्ञानिकों का कहना है । फफूंद को ’कैंडिडा ऑरिस’ कहा जाता है और यह मनुष्यों के लिए बेहद खतरनाक है । कैंडिडा ऑरिस ´ब्लैक प्लेग´ के समान एक फफूंद है ।

उत्तराखंड में जोशी मठ के पास हिमस्खलन के कारण बाढ जैसी स्थिति ; १५० से अधिक लोग लापता !

सुबह, लगभग १० बजे, हिमालय क्षेत्र में एक हिम ग्लेशियर टूट कर गिरने से बाढ जैसी स्थिति के कारण धौली गंगा नदी पर एक निर्माणाधीन बिजली परियोजना बह गई है । तपोवन क्षेत्र में एक पनबिजली परियोजना में कार्यरत १५० से अधिक कर्मचारी लापता हो गए हैं एवं नदी के दो पुल पानी में बह गए हैं ।

हिंगोली जिले के ३ तहसीलों के ४० गांवों में भूकंप के झटके

जिले के वसमत, कळमनुरी और औंढा नागनाथ, इन तहसीलों में ३० जनवरी की मध्यरात्रि १२ बजकर ४० मिनट पर ४० गांवों में भूकंप के झटके लगे । इस भूकंप की तीव्रता ३.२ रिश्टर स्केल थी ।

बढते तापमान के कारण समुद्र की सतह में वृद्धि होने की संभावना से विश्व के २६० से भी अधिक विमानतल (हवाई अड्डे) डूबने की आशंका !

एक नए अभ्यासानुसार बताया गया है कि समुद्र के बढते स्तर के कारण जगभर के सैकडों विमानतल पर हवाई उडानें अस्त-व्यस्त होने का संकट है ।

विश्व के ५८ सहस्र ७०० बडे बांधों में से अनेक बांधों की कालमर्यादा समाप्त होने से विश्व को उत्पन्न संकट ! – संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र के विद्यापीठों के अंतर्गत आनेवाली कैनडा में ‘जल, पर्यावरण और आरोग्य संस्था’ द्वारा ‘कालबाह्य हो रहा जलसंग्रह : नया धोखा’ इस नाम से यह ब्यौरा तैयार किया गया है ।

विश्व के ५८ सहस्र ७०० बडे बांधों में से अनेक बांधों की कालमर्यादा समाप्त होने से विश्व को संकट ! – संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र के विद्यापीठांतर्गत आनेवाले कनाडा में ‘जल, पर्यावरण और आरोग्य संस्था’ द्वारा ‘कालबाह्य हो रहा जलसंग्रह : नया संकट’ नाम से यह ब्योरा तैयार किया है । इस ब्योरे के अनुसार अनेक बांधों की आयु पहले ही समाप्त हो चुकी है अथवा आगामी कुछ समय में समाप्त होनेवाली है ।

देश के अनेक राज्यों में अचानक मर रहे हैं पक्षी !

इटली की राजधानी रोम में ईसाई नववर्ष के अवसर पर की गई आतिषबाजी के कारण सड़कों पर सहस्त्रों (हजारों) पक्षियों के मरने के चार दिन ही बाद, भारत के कुछ राज्यों में भी अचानक पक्षियों के मरने की सूचना मिली है।

वर्ष २०२१ में भी कोरोना रहेगा ! – मनोवैज्ञानिक, निकोलस ओजुला, की भविष्यवाणी

२०१८ में कोरोना की भविष्यवाणी करने वाले ३५ वर्षीय मनोवैज्ञानिक, निकोलस ओजुला, ने भविष्यवाणी की है कि कोरोना का प्रभाव २०२१ में जारी रहेगा ।

भावी महाभीषण संकटकाल की दृष्टि से आयुर्वेदीय और होमियोपैथी औषधियां, साथ ही योगासन और प्राणायाम के महत्त्व पर ध्यान दें !

आजकल कई लोग मधुमेह, रक्तचाप, हृदयरोग, तीव्र आम्लपित्त (हाइपर एसिडिटी), घुटनों के दर्द जैसे कई विकारों पर वर्षों से एलोपैथी औषधियों का सेवन कर रहे हैं ।

संकटकाल के घेरे में

कोरोना का संकट आनेपर संकटकालीन स्थिति उत्पन्न होने की चर्चा आरंभ हो गई । एक सूक्ष्म विषाणु ने देखते ही देखते संपूर्ण विश्व का परिवहन (यातायात) ठप्प कर दिया ।