कोरोना संकट के पश्‍चात तीसरा विश्‍वयुद्ध आरंभ होने के ९ प्रबल संकेत !

आजकल पूरे विश्;व में कोरोना का प्रकोप है । विश्व का प्रत्येक देश किसी भी स्थिति में कोरोना से मुक्ति पाने हेतु संघर्ष कर रहा है । अमेरिका और यूरोप में कोरोना के कारण उत्पात मचा है । ये दोनों अपनी दुर्दशा के लिए चीन को ही उत्तरदायी प्रमाणित कर रहे हैं ।

महाप्रलय समान भीषण आपातकालीन परिस्थिति का सामना करने के लिए साधना कर आत्मबल बढाएं !

आंधी-तूफान, भूस्खलन, भूकंप, महाप्रलय, तीसरा महायुद्ध ऐसी आपातकालीन परिस्थिति किसी भी क्षण आ सकती है । ऐसी स्थिति में ‘योग्य कृति क्या करनी चाहिए ?’ इसका ज्ञान न होने से सर्वसामान्य व्यक्ति घबरा सकता है और उसका मनोबल भी कम हो जाता है ।

‘कोरोना’ जैसे महासंकट और साधना

आज हम सभी जण ‘कोरोना’ नामक एक महासंकट का सामना कर रहे हैं । गत सदी में पोलियो, प्लेग, मलेरिया जैसी भयंकर महामारी के कारण लाखों लोगों की मृत्यु हुई थी, ऐसा हमने केवल सुना था ।

युद्ध की तैयारी, प्रत्यक्ष युद्ध तथा नागरिक

‘युद्धस्य कथा रम्या ।’, ऐसा कहा जाता है; परंतु जब प्रत्यक्ष युद्ध होता है और जब वह असीमित कालावधि तक जारी रहता है, तब वह रम्य न रहकर बहुत ही पीडादायी बन जाता है ।

युगों के अनुसार साधना न करनेवाले, युद्ध, त्रिगुण एवं प्राकृतिक आपदाओं की मात्रा !

युगों के अनुसार व्यष्टि एवं समष्टि स्तरों के त्रिगुणों की मात्रा में परिवर्तन होता गया । इनमें प्रदत्त व्यष्टि एवं समष्टि, इन दोनों स्तरों का परिणाम मनुष्य पर होकर उसके विचार एवं कृत्य में परिवर्तन हुआ ।

पर्यावरण के ऱ्हास के कारण निसर्गदेवता का कोप

पर्यावरण का ऱ्हास होने के कारण ही समुद्र के पेट में तीव्र भूकंप, ज्वालामुखी का उद्रेक अथवा भूकंप की घटना घटने से त्सुनामी लहरी निर्माण होने की संभावना रहती है । लहरों की आगे बढने की गति प्रति घंटा ८०० ते १ सहस्र किलोमीटर इतनी रहती है ।