बढते तापमान के कारण समुद्र की सतह में वृद्धि होने की संभावना से विश्व के २६० से भी अधिक विमानतल (हवाई अड्डे) डूबने की आशंका !

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समुद्र का स्तर वर्ष २००० की तुलना में वर्ष २१०० में ८.२ फुट
अधिक हो सकता है ! जग का तापमान बढने के लिए विज्ञान उत्तरदायी है,
यह तथाकथित बुद्धिवादी और आधुनिकतावादी कभी भी यह मान्य नहीं करेंगे; परंतु यही वास्तविकता है !

नई देहली – एक नए अभ्यासानुसार बताया गया है कि समुद्र के बढते स्तर के कारण जगभर के सैकडों विमानतल पर हवाई उडानें अस्त-व्यस्त होने का संकट है । इसके साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि समुद्र का स्तर वर्ष २००० की तुलना में वर्ष २१०० में ८.२ फुट अधिक हो सकता है ।

https://twitter.com/weatherindia/status/1352896350812205056

 

१. हवामान के विषय में जर्नल में प्रसिद्ध हुए शोधकार्य के अनुसार समुद्री किनारपट्टी पर स्थित विश्व के २६० से भी अधिक विमानतलों पर बाढ का पानी पहुंचने की संभावना है और शतक के अंत में १२ से भी अधिक विमानतल समुद्रसतह से नीचे जा सकते हैं ।

२. वर्ष २१०० की अवधि में जगत के बढते तापमान के कारण समुद्रसतह के बढती मात्रा के अनुसार और सैकडों विमानतल संकट में आ सकते हैं । इसमें एशिया और पैसिफिक के विमानतलों को अधिक संकट है ।

३. शोधकर्ताओं ने इसकी क्रमवारी निकालने के लिए विविध घटकों का विचार किया है । समुद्र के स्तर से बाढ, बाढ सुरक्षा और पुलों होनेवाले परिणाम इनसे उन्हें ज्ञात हुआ है कि विमानयात्रा पर २० प्रतिशत (१/५) परिणाम हो सकता है ।

४. समुद्र का स्तर बढने से समुद्र के तापमान में वृद्धि और उच्च वातावरणीय तापमान कारणीभूत हैं । जिस कारण समुद्र के पानी का स्तर बढता है । हिमनदी और हिमनग पिघलते हैं । ग्रीनहाऊस गैस उत्सर्जन के कारण तापमान में अधिक वृद्धि होती है । तीव्र हवामान का परिणाम भी कष्टदायक हो सकता है और और विनाशकारी तूफान की संभावना है ।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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