हनुमानजी को घर में नहीं, अपितु घर के बाहर रखना है, क्या यह सही है ?

हनुमानजी को घर में नहीं रखना, भगवान श्रीकृष्ण का महाभारत का चित्र घर में नहीं रखना, सुदर्शन चक्रवाला चित्र घर में नहीं रखना, यह सब अंधविश्वास की बातें हैं ।

शनि की साढेसाती दूर करने के लिए हनुमानकी पूजा कैसे करनी चाहिए ?

सूर्य तेज से संबंधित है, जबकि हनुमानजी वायुतत्त्व से संबंधित हैं । पृथ्वी, आप, तेज, वायु और आकाश, इन पंचतत्त्वों में तेजतत्त्व से वायुतत्त्व अधिक प्रभावी माना गया है । इस कारण शनि के साढेसाती का परिणाम हनुमानजी पर नहीं होेता ।

हनुमानजी द्वारा लंकादहन

हनुमानजी लंका जलाने के लिए जब स्वयं को अपराधी मान रहे थे, उसी समय हनुमानजी को दिव्य वाणी सुनाई दी – राक्षसों की लंका जल गई, पर सीता पर कोई आंच नहीं आई । तब हनुमानजी ने अपना मनोरथ पूर्ण समझा ।

रुद्रावतार हनुमानजी

हनुमानजी को ग्यारहवां रुद्र माना जाता है । इसी कारण समर्थ रामदासजीने हनुमानजीको ‘भीमरूपी महारुद्र’ संबोधित किया है । हनुमानजी की पंचमुखी मूर्ति रुद्रशिव के पंचमुखी प्रभाव से निर्माण हुई है ।

‘राम से बडा राम का नाम’ उक्ति सार्थ करनेवाले भक्तशिरोमणि हनुमान !

‘जो कोई प्रभु श्रीराम का स्मरण करेगा, उसकी सुरक्षा हनुमानजी करेंगे और उस व्यक्ति का कोई भी अहित नहीं कर सकेगा’, ऐसा वर हनुमानजी ने मांगा ।

श्रीधरस्वामीकृत् श्रीहनुमत्स्तोत्रम्

अनेक सुखद स्थानों को सुशोभित करनेवाले, मदन का गर्वहरण करनेवाले, आत्मज्ञानविहीनों का अज्ञान दूर करनेवाले अंजनीसुत को हम भजते हैं ।

बुद्धि, बल, कीर्ति, धैर्य तथा निर्भयता प्रदान करनेवाले पंचमुखी हनुमान !

जिस प्रकार से वैकुंठ में भगवान विष्णुजी की सेवा करने में गरुड व्यस्त रहता है, उसी प्रकार से हनुमानजी सदैव श्रीरामजी की सेवा में व्यस्त रहते हैं । गरुड ने अपनी माता को दासता से छुडाने के लिए, स्वर्ग से अमृत लाकर दिया था । उसी प्रकार से हनुमानजी मूर्च्छित लक्ष्मण के लिए संजीवनी वनस्पति लेकर आए ।