आज के समय में शास्त्र के अनुसार शाडू की मिट्टी से बनी श्री गणेशमूर्ति की स्थापना करना तथा उसके लिए उद्बोधन की आवश्यकता ! – वैद्य (श्रीमती) दीक्षा पेंडभाजे

आजकल उत्सवों में काल के अनुसार परिवर्तन किए जा रहे हैं, जिससे कि उत्सवों की पवित्रता ही नष्ट हो रही है ।

नासिक की तापी नदी में फेंकी गई गणेशमूर्तियों का विधिवत पूजन कर उनका पुनः विसर्जन

घनश्याम अगरवाल मित्रमंडल के कार्यकर्ता तथा सनातन संस्था के साधकों ने तापी नदी में पूजा सामग्री की स्वच्छता कर फेंकी गई गणेशमूर्तियों को उठाकर पानी के दह में उनका विधिवत पूजन कर उनका पुनः विसर्जन किया ।

सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से विविध स्थानोंपर प्रवचन, निवेदन तथा धर्मशिक्षा फलकों की प्रदर्शनी !

आदर्श गणेशोत्सव अभियान के अंतर्गत सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से विविध स्थानोंपर प्रशासनिक अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों को निवेदन सौंपे गए, अनेक स्थानोंपर प्रवचन लिए गए, साथ ही कुछ गणेशोत्सव मंडलों के मंडपों में धर्मशिक्षा के विषय में फलकों की प्रदर्शनीयां लगाई गईं ।

पुणे जिले में सनातन के विविध उपक्रमों का समाज द्वारा बढता प्रत्युत्तर !

नेरे (तहसील भोर) के बालसिद्धेश्वर गणेशोत्सव मंडल में सनातन संस्था की ओर से लिए गए ‘ज्येष्ठ गौरी तथा श्री गणेशपूजन का अध्यात्मशास्त्र’ प्रवचन में ५०० से भी अधिक, अर्थात पूरा गांव ही उमडा था ।

देवता को चित्र-विचित्र रूप में दिखाकर देवता की अवकृपा ओढ न लें !

धर्महानि रोकना कालानुसार आवश्यक धर्मपालन है और वह उस देवता की समष्टि स्तर की साधना ही है । बिना इस उपासना के देवता की उपासना पूर्ण नहीं हो सकती है ।

धर्मशास्त्र समझकर गणेशोत्सव मनाएं एवं आध्यात्मिक दृष्टि से उत्सव का लाभ उठाएं ! – विवेक पेंडसे, सनातन संस्था

गोवा दूरदर्शन पर्यावरण, स्वास्थ्य, महिलाआेंकी सुरक्षा, शिक्षा, उत्सव आदि अनेक विषयों पर समाज से सीधे संवाद करने के लिए लाइव फोन इन कार्यक्रम का आयोजन करता है ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य से समाज में जागृति हो रही है ! – गणेशमूर्तिकार, देवगढ

गणेशोत्सव उद्बोधन अभियान के अतंर्गत श्री गणेशमूर्ति संबंधी शास्त्रीय जानकारी देने पर श्री. दहिबांवकर बोले कि हिन्दू जनजागृति समिति उद्बोधन करती है, यह १०० प्रतिशत ठीक है ।

वर्तमान के ९७ प्रतिशत ‘संत’ प्रत्यक्ष में अध्यात्म के अधिकारी नहीं हैं ! – चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था

सनातन धर्म में राष्ट्रीय अवधारणा व्यापक है । मंत्रपुष्पांजली में कहा है कि, संपूर्ण पृथ्वी एक राष्ट्र है ।

श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो ! – सोलापुर में निवेदन द्वारा प्रशासन से मांग

श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो तथा मूर्तिदान की अवधारणा कार्यान्वित न की जाए ।

रामराज्य की स्थापना हेतु कर्नाटक में धर्मसंसद का आयोजन

राजनेताआें को राष्ट्र की आध्यात्मिक तथा नैतिक उन्नति के लिए संतों से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है । राष्ट्रहित के लिए कौन सी व्यवस्था, कानून तथा धर्म आवश्यक है, यह केवल संत ही बता सकते हैं तथा वे ही राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं ।