सनातन का समाजकल्याणकारी कार्य

ऋषि-मुनियों और संत-महंतों ने धर्मशास्त्र को आधारस्तंभ मानकर समाज, राष्ट्र और धर्म की उन्नति का मार्ग दिखाया । सनातन संस्था उसके अनुसार ही कार्य करनेवाली अग्रणी संस्था है । सनातन संस्था का दृष्टिकोण केवल व्यक्ति की पारमार्थिक उन्नति तक मर्यादित नहीं है । सनातन ने व्यक्ति के साथ ही समाज, राष्ट्र और धर्म के उत्कर्ष को प्राथमिकता दी है । संस्था अध्यात्मप्रसार के साथ ही समाज सहायता, राष्ट्ररक्षा और धर्मजागृति के लिए भी विविध उपक्रम क्रियान्वित करती है ।

१. शैक्षणिक उपक्रम

अ. प्रश्‍नोत्तर प्रतियोगिता

अ. राष्ट्र की भावी पीढी को आदर्श, संस्कारी और राष्ट्राभिमानी बनाने के लिए उन पर अच्छे संस्कार करने और उन्हें अपनी संस्कृति से परिचित करवाकर उनमें राष्ट्रप्रेम जागृत करने के लिए विविध विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए प्रवचन और प्रश्‍नोत्तर प्रतियोगिता आयोजित की जाती है । विविध त्यौहारों, उत्सवों के अवसर पर भारत का गौरवशाली इतिहास, नैतिक मूल्यों की रक्षा कैसे करनी चाहिए, भारत की भावी पीढी पर योग्य संस्कार अंकित करना, पर्यावरण की सुरक्षा और संवर्धन आदि विविध विषयों पर प्रबोधन किया जाता है । प्रवीणता प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को पारितोषिक दिए जाते हैं । गत (२०१० के) शिक्षा वर्ष में १३१३ विद्यालयों में आयोजित किए गए उपक्रमों का १,१३,०७३ विद्यार्थियों ने लाभ उठाया ।

क्रांतिकारी और राष्ट्रपुरुषों के कार्य और शौर्य की जानकारी देनेेवाली प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है ।

आ. गुणवान विद्यार्थियों का सत्कार

गुणवान विद्यार्थियों का सत्कार किया जाता है । विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास करने के लिए व्यक्तित्व विकास शिविर आयोजित किए जाते हैं । निर्धन विद्यार्थियों को लेखनसामग्री और गणवेश का वितरण किया जाता है ।

इ. संस्कार बहियों का निःशुल्क वितरण

विद्यार्थियों पर सुसंस्कार होने तथा उनके के लिए मागदर्शक सिद्ध होनेवाली ज्ञान से युक्त संस्कार बहियों का निःशुल्क वितरण किया जाता है ।

 

२. व्यावसायिक प्रशिक्षण

सनातन के आश्रमों में इच्छुक युवकों के लिए बढई का काम, निर्माणकार्य, विद्युत का काम, संगणक प्रशिक्षण और दुरुस्ती, संगणकीय संरचना, ध्वनिचित्रीकरण, मूर्ति बनाना और संगणकीय चित्रकला आदि व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है । इस प्रशिक्षण का लाभ उठाकर अनेक युवकों ने स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ किया है तथा कुछ लोग अच्छे प्रतिष्ठानों में कार्य कर रहे हैं ।

 

३. निवासी शिविर

दीपावली और गरमी की छुट्टियों में विद्यार्थियों के लिए संगणक प्रशिक्षण, व्यक्तित्व विकास आदि निवासी शिविरों का आयोजन किया जाता है ।

 

४. उपक्रम के लिए संस्था के ग्रंथों की खरीद

भारत सरकार के सर्व शिक्षा अभियान नामक उपक्रम के लिए संस्था के ग्रंथ पारित कर खरीदे गए हैं ।

 

५. अन्य

अ. सामाजिक उपक्रम

१. तनावमुक्ति और व्यसनमुक्ति पर प्रवचन
२. अनाथाश्रम और वृद्धाश्रमों को आवश्यक वस्तुआें का वितरण
३. आपातकालीन प्रशिक्षण शिविर
४. वृक्षारोपण
५. अग्निशमन प्रशिक्षण शिविर
६. अन्नदान
७. आदिवासियों कों कपडों का वितरण

८. चष्मों का वितरण

आ. चिकित्सकीय उपक्रम

१. आपातकाल में घायलों पर शीघ्रता से उपचार होने हेतु प्राथमिक उपचार प्रशिक्षणवर्गों का आयोजन

२. रक्त की जांच
३. निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा
४. निःशुल्क दंतचिकित्सा
५. निःशुल्क नेत्रचिकित्सा
६. टीकाकरण
७. व्यसनमुक्ति के लिए प्रवचन : व्यसनमुक्ति के लिए प्रवचनों का आयोजन !

वर्तमान में सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, न्यायालयीन इन सभी क्षेत्रों में दिखाई देनेवाले अन्याय और अनुचित कृत्यों से सर्वसामान्य मनुष्य हार चुका है, विवश हो चुका है । यह स्थिति बदलने के लिए निर्भीक प्रबोधन के साथ ही समाज में उसके अनुसार कृत्य भी होना चाहिए; इसलिए समाज सहायता और समाजविकास के लिए सनातन कटिबद्ध है ।

ई. सनातन अन्याय निवारण समिति

समाज का सर्वांगीण उत्कर्ष तथा उसके द्वारा व्यापक राष्ट्रहित साध्य होने हेतु सनातन ने सनातन अन्याय निवारण समिति की स्थापना की है । समाज के प्रत्येक घटक को कानून द्वारा दिए गए अधिकारों की जानकारी देने और उसके द्वारा व्यक्तिगत जीवन में होनेवाले अन्याय के विरुद्ध लडने की क्षमता प्रत्येक घटक में उत्पन्न करने हेतु समिति कार्यरत है । इस समिति द्वारा विविध प्रकार के अन्यायों के विरुद्ध आवाज उठाई जाती है ।

उ. शिक्षा क्षेत्र के अन्याय का निवारण

शिक्षा क्षेत्र के दुर्जन अर्थात विद्यालयीन और महाविद्यालयीन प्रवेश के समय विद्यार्थियों के पालकों से विभिन्न मार्गों से दान स्वीकारनेवाले, कर्मचारियों को पूर्ण वेतन न देकर उनसे हस्ताक्षर करवानेवाले शिक्षासम्राट और नवीन प्रवेश लिए हुए विद्यार्थियों को रैगिंग के नाम पर प्रताडित कर विकृत आनंद लूटनेवाले विद्यार्थी, ऐसे शिक्षा सम्राट और विद्यार्थियों को पाठ पढाने तथा इस क्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए सनातन संस्था अभियान चलाती है ।

ऊ. न्यायालयीन संघर्ष

सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों को रोकने के लिए सनातन संस्था न्यायालयीन संघर्ष भी करती है, उदा. गोवा राज्य में भटकते हुए पशुआें से समाज को होनेवाले कष्ट रोकने के लिए पब्लिक ग्रीवन्सेस फोरम और सनातन संस्था ने संयुक्त रूप से गोवा की नगरपालिका संचालकों को कानूनन नोटिस भेजी है ।

ए. अन्य समाजहितकारी संस्थाआें के साथ संयुक्त कार्य

समाजहित के लिए कार्य करनेवाले अन्य संगठन और संस्थाआें के साथ भी सनातन का कार्य चल रहा है । भ्रष्टाचार रोकना, विक्रेताआें को खुले में खाद्यपदार्थ बेचने हेतु प्रतिबंधित करना, बढती हुई कचरा समस्या को नियंत्रित करना, मादक पदार्थों के विरोध में जनजागृति करना इत्यादि के लडनेवाली विविध सामाजिक संस्थाआें के साथ सनातन कार्यरत है ।

ऐ. दारिद्र्य निर्मूलन उपक्रम

आदिवासी, बाढग्रस्तों को कपडों का वितरण, दीन विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें, बहियां, लेखन सामग्री और गणवेश वितरण, चष्मों का वितरण, अनाथाश्रम और वृद्धाश्रमों को आवश्यक वस्तुआें का दान, अन्नदान आदि उपक्रम कार्यान्वित किए जाते हैं ।

Leave a Comment