सरल आयुर्वेदीय चिकित्सा

१. बुखार

बुखार से त्रस्त साधक निम्न काढा ७ दिनों तक दिन में ३ बार (सुबह ६ से लेकर ११, दोपहर १२ से २ तथा सायंकाल ६ से रात के १० बजे की कालावधि में) प्रत्येक १०० मि.ली. (एक कटोरा) मात्रा में लें । दिनभर में २५ लोगों के काढे के लिए आवश्यक औषधियों की मात्रा निम्न प्रकार से है ।

१. १ किलो अदरक, पौने २ किलो नीम के पत्ते तथा १५० ग्राम काली मिर्च को कूटकर १५ लिटर पानी डालकर आधा होन तक यह मिश्रण उबालें । काढा लेते समय उसमें १ चम्मच शहद मिलाकर लें । (काढा बनाकर चाय की केटली में डालें । साधक प्रत्येक पौना गिलास काढा लें । साधकसंख्या के अनुसारा काढे में विद्यमान औषधियों की मात्रा अल्प-अधिक करें ।)

 

२. मलावरोध (कब्ज) (शौच न होना अथवा मल की खडियां होना)

एक बरतन में २ चम्मच रेंडी का तेल लें । एक संपूर्ण छिले हुए केले की सभी बाजुओं में इस तेल को लगाकर उस केले को खाएं । दिन में २ बार (सुबह ६ से १० तथा सायंकाल ६ से रात १० बजे तक) रेंडी के तेल में एक-एक केला डुबोकर खाएं और उसके पश्‍चात एक कप गर्म पानी पीएं । ऐसा ३ दिनों तक करें ।

-सिद्धाचार्य पुण्यमूर्ति, तंजावुर, तमिलनाडू (२४.६.२०१६)
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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