समाचारवाहिनी एबीपी माझा के प्रतिनिधियों द्वारा रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रमें घूसकर चित्रीकरण करते हुए झूठे समाचार का प्रसारण !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को अपकीर्त करने का प्रयास !

  • परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी के विषय में भी झूठी जानकारी प्रसारित

  • सनातन के व्यवस्थापकीय न्यासी की ओर से एबीपी माझा के संपादक तथा मालिक को पत्र भेजकर निषेध !

क्या इस समाचारवाहिनी के प्रतिनिधि किसी मस्जिद में घूसकर वहां के चित्रीकरण का साहस दिखा सकते थे ? भूमि मुलायम लगती है; इसलिए कुहनी से खुदाई करने जैसा यह कृत्य है ! अन्य समयपर सनातन के साधकों को आतंकी तथा सनातन के आश्रम को आतंकियों का शिविर बतानेवाली समाचारवाहिनियां आश्रम के साधकों के सौजन्य का अपलाभ उठाकर सनातन को अपकीर्त करते हैं ! ऐसी समाचारवाहिनियों के प्रतिनिधि तथा  संपादक पत्रकारिता के लिए कलंक हैं ! 

समाचारवाहिनी एबीपी माझा के संपादक ने वाहिनी के प्रतिनिधियों के आश्रम आने के विषय में सूचित नहीं किया था । इन प्रतिनिधियों की डॉ. आठवलेजी से भेंट भी नहीं हुई; परंतु समाचारवाहिनी एबीपी माझा द्वारा प्रसारित किए गए समाचार में डॉ. जयंत आठवलेजी ने भेंट करना स्वीकार नहीं किया, इस प्रकार का अत्यंत झूठी बात प्रसारित की । इसमें गजब की बात यह कि हमने जब डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र खींचने का प्रयास किया, तब वे आश्रम की चौथी मंजिलपर चलते हुए दिखाई दिए । इस प्रकार से भी अत्यंत झूठा और अनुचित समाचार प्रसारित किया । (परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी अपनी शारीरिक अस्वस्थता के कारण अपने कक्ष से बाहर भी नहीं निकल सकते । प्रसारित किए गए समाचार में आश्रम में निवास करनेवाले एक संत छत पर चल कर रहे थे । किसी भी प्रकार का भान न रखकर इस प्रकार से झूठे समाचार प्रसारित करनेवाले पत्रकार सभी विषयों के समाचार लेते हुए भी कैसे समाजभान रखते होंगे ? इसपर विचार ही न करना अच्छा ! – संपादक)

आजकल सनातन संस्था को अपकीर्त किया जा रहा है तथा विरोधियों द्वारा सनातनपर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है । इस पृष्ठभूमिपर कुछ संत तथा हितचिंतकों ने आश्रम में प्रवेश करनेवाले व्यक्तियों के विषय में सतर्कता बरतने की सूचना दी है ।

रामनाथी (गोवा) : मराठी समाचारवाहिनी एबीपी माझा के प्रतिनिधी रणजीत माजगावकर तथा कैमेरामन नीलेश ने २३ अगस्त को बिना कोई अनुमति से सनातन के आश्रम में घूसकर सनातन के आश्रम का चित्रीकरण किया । साधकों द्वारा बार-बार चित्रीकरण न करने का अनुरोध किए जानेपर उन्होंने अपना कैमरा बंद होने का झूठ बोला; परंतु वास्तव में अपने कैमरे को चालू रखकर आश्रम परिसर का, परिसर की महिला साधिकाआें का, साथ ही इमारत की सज्जापर चलनेवाले एक संतजी का चित्रीकरण किया । दूसरे दिन २४ अगस्त की सुबह ११ बजे के कार्यक्रम नमस्कार महाराष्ट्र में इसका समाचार प्रसारित किया । इस समाचार को प्रसारित करते समय डॉ. जयंत आठवलेने मिलना अस्वीकार किया, कैमरा बंद रखने के लिए सनातन के साधकों ने दबाव डाला, इस प्रकार से परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी तथा साधकों को अपकीर्त करनेवाली अत्यंत झूठी जानकारी दी गई । इस विषय में सनातन संस्था के व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे ने एबीपी माझा के संपादक तथा मालिक को पत्र भेजकर इस कृत्य की निंदा की है, साथ ही इस विषय में कानूनी सुझाव लेने की भी बात कही है ।

साधकों द्वारा दबाव डाले जाने की झूठा समाचार प्रसारित !

इस समाचारवाहिनी के ये प्रतिनिधी अपनी गाडी को बिना किसी अनुमति से सनातन आश्रम के प्रवेशद्वार से सीधे दूसरी मंजिल के परिसर तक ले गए । आश्रम परिसर में यहां छायाचित्र खींचना तथा ध्वनिचित्रीकरण के लिए प्रतिबंध होने का फलक लगाया गया है, तब भी इन प्रतिनिधियों ने इस परिसर का चित्रीकरण किया, साथ ही सनातन के आश्रम में प्रवेश करते समय सनातन के साधकों ने इन प्रतिनिधियोंपर कैमरा बंद करने के लिए दबाव डाला, इस प्रकार का अत्यंत झूठा समाचार प्रसारित किया । वाहिनीपर इस प्रसंग का चित्रीकरण प्रसारित होते समय साधक हाथ जोडकर इन प्रतिनिधियों से चित्रीकरण न करने का अनुरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं, तब भी उन्होंने ऐसा झूठा समाचार प्रसारित किया । समाचार के अंत में हमें आश्रम से खदेड दिया गया, ऐसा भी कहा गया । (साधक वास्तव में इस प्रकार से दबाव डालते, तो एबीपीवाले उसका चित्रीकरण कर इसे साधकों की गुंडागर्दी बताकर दिनभर उसे ब्रेकिंग न्यूज के रूप में प्रसारित करते ! इस प्रकार से एकतरफा तथा झूठा समाचार प्रसारित कर समाज का खुलेआम दिशाभ्रम करनेवाली ये वाहिनियां क्या कभी समाज का हित कर सकेंगे ? – संपादक)

इससे पहले भी समाचारवाहिनी एबीपी माझा के पत्रकारों से प्राप्त बुरा अनुभव !

इससे पहले वर्ष २०१५ में भी इस समाचारवाहिनी के प्रतिनिधियों को संपूर्ण आश्रम का दर्शन कराया गया था । उस समय भी चित्रीकरण के लिए प्रतिबंध होते हुए भी उसके प्रतिनिधि द्वारा कैमरा चालू रखकर कुछ समयतक चित्रीकरण करने का स्पष्ट हुआ था । (कई बार सनातन संस्था द्वारा दिखाई गए सौजन्य का अनुचित लाभ उठाकर साधक तथा आश्रम के विषय में कपोलल्पित कथाएं रची जाने का अनुभव सनातन संस्था को आ चुका है । इसी कारणवश विवश होकर सनातन आश्रम के न्यासियों को पत्रकारों को आश्रम में प्रवेशबंदी करने का निर्णय करना पडा ! – संपादक)

समाचारवाहिनी एबीपी माझा के साथ ही समाचारवाहिनी टीवी ९ के प्रतिनिधियों ने भी आश्रम में घूसकर बिना अनुमति के आश्रम का चित्रीकरण किया !

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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