जनतंत्र की असफलता जनता के सामने स्पष्ट करने के लिए अधिवक्ताओं का सहकार्य आवश्यक ! – चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था

अलाहाबाद उच्च न्यायालय (उत्तरप्रदेश)
में धर्मप्रेमी अधिवक्ताओं की बैठक का आयोजन

बैठक के पश्चात् धर्मप्रेमियों के साथ विचारविमर्श करते हुए (१) पू. नीलेश सिंगबाळ तथा (२) श्री. चेतन राजहंस

प्रयाग (उत्तरप्रदेश) – अलाहाबाद उच्च न्यायालय में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित अधिवक्ताओें की बैठक में ‘हिन्दु राष्ट्र स्थापना के कार्य में अधिवक्ताओं का सहकार्य’ इस विषय पर सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस वक्तव्य कर रहे थे । अपने वक्तव्य में उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘वर्तमान के संविधान में अल्पसंख्यंकों को सुरक्षा दी गई है; किंतु बहुसंख्यंक हिन्दुओं को अपेक्षित सुरक्षा नहीं दी गई है । जिस प्रकार वर्ष १९७६ में संविधान में निधर्मी तथा समाजवाद यह शब्द डाले गए हैं, उसी प्रकार अनुच्छेद ३६८ का उपयोग कर वे शब्द निकालकर भारत को हिन्दु राष्ट्र घोषित करना चाहिए । स्वतंत्रता के ७० वर्षों की कालावधी में शासनकर्ता जनता को मूलभुत सुविधा देने में असफल सिद्ध हुए हैं । जनतंत्र की यह असफलता जनता के सामने स्पष्ट करने के लिए अधिवक्ताओं का सहकार्य आवश्यक है ।’ उस समय समिति के पूर्व भारत मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळ के साथ २० धर्मप्रेमी अधिवक्ताएं उपस्थित थे ।

क्षणिकाएं

१. इस बैठक का आयोजन अधिवक्ता के.बी. श्रीवास्तव ने किया था ।

२. उस समय अधिकांश अधिवक्ताओं ने समिति के कार्य में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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