‘सनबर्न फेस्टिवल’ यह कार्यक्रम किसी भी परिस्थिती में निरस्त हो, इस का निश्चय

चांदणी चौक (जनपद पुणे) यहां सनबर्न फेस्टिवल के विरोध
में बावधन गावकरी तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा निषेध आंदोलन

संस्कृति रक्षा हेतु हिन्दुओं को इस प्रकार का आंदोलन करना पडता है, यह बात सरकार के लिए लज्जास्पद ! ऐसे कार्यक्रमों पर सरकार स्वयं ही प्रतिबंध क्यों डालती ?

‘सनबर्न फेस्टिवल’ के विरोध में आंदोलन करते हुए गावकरी तथा हिन्दुत्वनिष्ठ

पुणे, २४ दिसम्बर – पाश्चात्त्य विकृती की महानता प्रदर्शित करनेवाले ‘सनबर्न फेस्टिवल’ का विरोध करने हेतु चांदणी चौक के बावधन, लवळे तथा आसपास के परिसर के गावकरियों ने, हिन्दु जनजागृति समिति तथा अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने तीव्र निषेध आंदोलन का आयोजन किया । साथ ही उस समय मान्यवरों ने यह चेतावनी दी कि, ‘बावधन-लवळे में किसी भी
परिस्थिती में ‘सनबर्न फेस्टिवल’ निरस्त करेंगे ।’ साथ ही यह प्रतिक्रिया भी व्यक्त की कि, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज के वास्तव्य से पुनित तथा विद्या का माहेरघर माने जानेवाले पुणा में मद्यपान तथा व्यसनाधीनता को गति देनेवाला ‘सनबर्न फेस्टिवल’ संपन्न नहीं होने देंगे । अभीतक इस कार्यक्रम के आयोजकों ने गोवा सरकार का, साथ ही गत वर्ष महाराष्ट्र सरकार का लगान डुबोया है । सरकारी नियमों का पालन नहीं किया है । ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की स्वीकृती देना, यह युवा पिढी को भ्रष्ट करने का एक षडयंत्र है । ‘सरकार ने ही इन कार्यक्रमों पर प्रतिबंध डालना चाहिए ।’ इस आंदोलन में गावकरी तथा हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताएं कुल मिलाकर ४०० से अधिक लोग उत्स्फूर्त रूप से सम्मिलीत हुए थे । (संस्कृति की रक्षा करने हेतु संगठित हुए गावकरी तथा हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं का अभिनंदन ! यदि सर्वत्र के हिन्दू भी इसी प्रकार का संगठितपन प्रदर्शित करें, तो संस्कृतिहीन कार्यक्रम आयोजित करने का साहस कोई भी नहीं करेगा ! – संपादक ,दैनिक सनातन प्रभात)

 

‘मार्ग बंद’ का आंदोलन करते समय गावकरी

उपस्थित मान्यवरों द्वारा व्यक्त की गई प्रतिक्रियाएं …..

१. श्री. समीर तांगडे, श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान – एक ओर सरकार गणेशोत्सव, शिवजयंति उत्सव मनाने के लिए कष्टदायक शर्ते डालती है तथा सनबर्न फेस्टिवल के आयोजकों द्वारा अधिकांश नियमों का उल्लंघन होता है, यह देखकर भी वह कार्यक्रम आयोजित करती है । सरकार ने जनभावना ध्यान में रखते हुए ‘सनबर्न फेस्टिवल’ को पुणा में आश्रय नहीं देना चाहिए । अन्यथा आक्रमक आंदोलन आयोजित किया जाएगा ।

२. श्री. किरण दगडे-पाटिल, नगरसेवक – ऐसा क्यों है कि, हिन्दु त्योहारों के लिए एक न्याय तथा सनबर्न फेस्टिवल के लिए अन्य न्याय ? इस कार्यक्रम को हम अंत तक विरोध करते रहेंगे । यदि उसके लिए हमें बंदी बनाया गया, तो भी हम विरोध करते ही रहेंगे ।

३. श्री. चंद्रकांत वारघडे, सूचना सेवा समिति – सनबर्न फेस्टिवल के आयोजक सर्व नियम, शर्तो का पालन नहीं करते तथा लगान भी नहीं देते; अपितु उनका कार्यक्रम आयोजित किया जाता है । इससे यह संदेह उत्पन्न हो रहा है कि, क्या आयोजकों ने सभी तंत्रों को खरीद लिया है ?

४. श्रीमती पियुषा दगडे-पाटिल, सरपंच, बावधन – मैं बावधन की प्रथम नागरिक (सरपंच) के रूप में इस कार्यक्रम को विरोध कर संस्कृति की रक्षा करने का प्रयास करूंगी ।

५. श्री. पराग गोखले, हिन्दु जनजागृति समिति – भ्रष्टाचार की तथा लगान पूर्ति न करनेवाला इस पाश्र्वभूमिवाला सनबर्न फेस्टिवल भारत से सीमापार होने तक समिति विरोध प्रदर्शित करती ही रहेगी ।

६. श्री. शंभु गवारे, सनातन संस्था – ‘सनबर्न फेस्टिवल’ के इस से पूर्व आयोजित कार्यक्रमों में नशीली पदार्थों का व्यापार खुले आम किया गया था । सरकार ने ऐसे कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाना ही चाहिए ।

 

उपस्थित मान्यवर

कोथरूड के नगरसेवक श्री. किरण दगडे-पाटिल, बावधन की सरपंचा श्रीमती पियुषा दगडे-पाटिल, सूचना सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष श्री. चंद्रकांत वारघडे, बावधन के भूतपूर्व सरपंच श्री. राहुल दुधाळे, ग्रामपंचायत सदस्य श्री. सचिन दगडे, श्री. आझाद दगडे, श्रीमती वैशाली दगडे, सर्वश्री वैभव मुरकुटे, सचिन धनदुडे, सुनील दगडे, धनंजय दगडे, गणेश कोकाटे, उमेश कांबळे, श्रीमती वैशाली कांबळे, सर्वश्री निळकंठ बजाज, दीपक दुधाणे, नितीन दगडे, लवळे के श्री. विजय शितोळे, हिन्दु जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले,
सनातन संस्था के श्री. शंभु गवारे

 

क्षणिकाएं

१. इस समय परिवहन में आनेवाली अडचनें दूर कर प्रातिनिधीक रूप में २ मिनट ‘मार्ग बंद’ आंदोलन किया गया ।

२. इस समय अधिक संख्या में पुलिसकर्मी उपस्थित थे ।

३. प्रसिद्धीमाध्यमों के ११ प्रतिनिधी इस आंदोलन का समाचार सिद्ध कर रहे थे ।

पुणेकर, क्या आप को भविष्य की पिढी बावळट, व्यसनाधीन तथा देश का अधःपतन करनेवाली चाहिए या सुंसस्कृत, राष्ट्र-धर्मप्रेमी तथा देश को प्रगति पथ पर ले जानेवाली चाहिए ?, इस प्रकार के प्रश्न उपस्थित करनेवाले फलक तथा फलक के लिए अनुरुप पाश्चात्त्य कुप्रथा मद्यपान के आधीन जानेवाला युवक तथा संस्कृति का पालन, साथ ही धर्माचरण करनेवाला अन्य युवक, इस प्रकार का विशेषतापूर्ण प्रतिकात्मक दृश्य उपस्थितों को आकर्षित कर रहा था ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Comment