ब्राह्ममुहूर्त पर उठने के ९ लाभ !

ब्राह्ममुहूर्त यह सवेरे ३.४५ से ५.३० तक ऐसे दो घंटों का होता है । इसे रात्रि का ‘चौथा प्रहर’ अथवा ‘उत्तररात्रि’ भी कहते हैं । इस काल में अनेक बातें ऐसी होती रहती हैं कि जो दिनभर के काम के लिए लगनेवाली ऊर्जा करती हैं । इस मुहूर्त पर उठने से हमें एक ही समय पर ९ लाभ मिलते हैं ।

कुमकुम अथवा गंध लगाने की कुछ पद्धतियां एवं उनका आध्यात्मिक महत्त्व

अधिकांश हिन्दू स्त्रियां एवं कुछ पुरुष माथे पर कुमकुम अथवा गंध लगाते हैं । उनकी लगाने की पद्धति प्रांत अथवा संप्रदाय अनुसार भिन्न होती है । स्त्रियों एवं पुरुषों का माथे पर कुमकुम अथवा गंध लगाने का आध्यात्मिक महत्त्व आगे दिएनुसार है ।

विपरीत आहार के प्रकार

कुछ व्‍यक्‍तियों के लिए देश, काल, अग्नि, प्रकृति, दोष, आयु इत्यादि का विचार करने पर कुछ अन्नपदार्थ हानिकारक सिद्ध होते हैं । ऐसे खाद्य पदार्थ विपरीत आहार में समाविष्‍ट होते हैं ।

पानी की शक्ति पहचानकर उसका पूर्ण उपयोग करें !

हमारे तीर्थक्षेत्र अथवा नदियों के कुंड अथवा देवालय में दिया जानेवाला तीर्थ अथवा भोजन से पूर्व पानी से ५ बार ली जानेवाली अपोष्णी आदि सब कुछ हिन्दू संस्कृति ने प्राचीन काल से पानी की असीमित और जीवित शक्ति के अध्ययन से ही हम तक पानी का महत्त्व और लाभ पहुंचाने के लिए तैयार किए हैं ।

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद के नियमों का पालन करें !

शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् । अर्थात, धर्माचरण के लिए (साधना करने के लिए) शरीर का स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है ।

भोजन बनाते समय विविध कृतियों में कैसा भाव रखें ?

कहते हैं ‘जैसा अन्न, वैसा मन’। अर्थात भोजन बनाते समय हमारे मन में जैसा भाव होगा, वैसा ही भाव खानेवाले के मन में भी निर्माण होता है । यदि हम भावपूर्ण भोजन बनाएंगे, तो वह भोजन प्रसाद स्वरूप होगा । इसलिए अब हम अपनी रसोई बनाते समय कैसा भाव रखेंगे, यह देखते हैं ।

अन्नसेवन यह एक ‘यज्ञकर्म’ है

हिन्दू धर्मशास्त्र में नामजप सहित सात्त्विक अन्नसेवन को ‘यज्ञकर्म’ कहा है । ‘यज्ञकर्म’ करने से अन्न सहज ही पच जाता है और प्राणशक्ति मिलती है ।

मनःशांति एवं निरोगी जीवन देनेवाली योगविद्या !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्रों में योगशास्त्र का महत्त्व जगभर के अन्य देशों के मन पर अंकित किया । अत: संयुक्त राष्ट्रों ने २१ जून को ‘आंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित किया

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है । सूर्य नमस्कार को एक संपूर्ण व्यायाम माना जाता है । जानिए, सूर्य नमस्कार का लाभ एवं वह कैसे करें ।