भारत पुनः आध्यात्मिक देश बने यह आपका व हमारा लक्ष्य समान है ! – बाबा उमाकांतजी महाराज

उज्जैन (मध्यप्रदेश) के संत बाबा उमाकांतजी
महाराज का सनातन के रामनाथी (गोवा) स्थित आश्रम में आगमन

आश्रम में चल रहे कार्य के विषय में समझकर लेते हुए बाबा उमाकांतजी महाराज एवं उनके भक्त और उन्हें जानकारी बताते हुए श्री. योगेश जलतारे

रामनाथी (गोवा) – जिस ईश्‍वर ने यह देह दिया है, वह उसके लिए खर्च न किया, तो उसका क्या उपयोग ? भारत संसार का आध्यात्मिक गुरु है । उसे पुनः आध्यात्मिक देश बनाने के हमारे प्रयास चल रहे हैं, वैसे ही आप भी प्रयासरत हैं । हमारा लक्ष्य एक ही है, ऐसा मार्गदर्शन परम संत बाबा जयगुरुदेवजी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकांतजी महाराज ने किया । महाराज जी ने २३ जुलाई को सनातन आश्रम का भ्रमण किया । इस समय साधकों का मार्गदर्शन करते समय वे बोल रहे थे । इस अवसर पर सनातन के साधक श्री. प्रकाश मराठे ने उनका हार, शॉल, श्रीफल देकर सम्मान किया ।

 

बाबा उमाकांतजी महाराज का परिचय

उमाकांतजी महाराज का जन्म उत्तरप्रदेश में हुआ । बाबा जयगुरुदेवजी महाराज उनके गुरु हैं । वर्ष २००७ से गुरु की आज्ञा से बाबा उमाकांतजी महाराज धर्मस्थापना एवं लोगों के जीवन का उद्धार करने हेतु सक्रिय हुए । मध्यप्रदेश के उज्जैन में बाबा जयगुरुदेव आश्रम की उन्होंने स्थापना की । देशभर में विविध स्थानों पर सत्संग के माध्यम से वे लोगों का मार्गदर्शन करते हैं ।

बाबा उमाकांतजी महाराज के राष्ट्र एवं धर्म सम्बन्धी जागृति करनेवाले विचार

देशभर में गोहत्या बंद होने हेतु बाबा उमाकांतजी महाराज ने वर्ष २०१४ की गुरुपूर्णिमा से व्यापक अभियान प्रारंभ किया । उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, तथा गोहत्या के संदर्भ में कठोर कानून बनाया जाए, ऐसी मांग की थी । साथ ही मनुष्य ने प्रकृति के विरुद्ध कार्य किया है, जिससे प्रकृति का कोप हो सकता है । इसलिए लोग शाकाहारी, सदाचारी बनें तथा निष्ठा से रहें एवं परिश्रम करें ।, ऐसा आवाहन भी वे अपने सत्संग से लोगों को करते हैं । आंदोलन, मोर्चे आदि से किसी समस्या का निराकरण नहीं होगा । उसकी अपेक्षा स्वयं में देशभक्ति और देशप्रेम निर्माण करना आवश्यक है, ऐसा भी वे कहते हैं ।

स्त्राेत – हिंदी सनातन प्रभात

Leave a Comment