चालिस के उपरांत घुटनों में वेदना न हो, इसलिए घुटनों पर नियमित तेल लगाएं !

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वैद्य मेघराज पराडकर

‘चालीस वर्ष की आयु होने के पश्चात आरोग्य की विविध समस्याएं होने लगती हैं । इनमें अनेक लोगों को सतानेवाली समस्या है घुटनों में वेदना । घुटनों में वेदना न हो अथवा वह सुसह्य हो, इसलिए चालीस के उपरांत प्रत्येक को ही प्रतिदिन दिन में कम से कम एक बार घुटनों में तेल लगाना चाहिए । इसके लिए कोई भी खाद्य तेल अथवा औषधि तेल का उपयोग कर सकते हैं । रात में सोने से पहले अथवा सवेरे स्नान से पहले तेल लगाएं । घुटनों में लगा तेल न्यूनतम ३० मिनट रहना चाहिए । तदुपरांत उसे धो सकते हैं ।’

 

घुटनों के पीछे भी तेल लगाएं !

‘सामान्य तौर पर घुटनों के दर्द पर उपचारस्वरूप तेल लगाएं कहते ही अधिकांश लोग केवल घुटनों के सामने ही तेल लगाते हैं, अर्थात घुटने के ‘नीकैप’ को ही तेल लगाते हैं । घुटनों को तेल लगाते समय उसे घुटनों के सर्व ओर लगाएं ।’

– वैद्य मेघराज माधव पराडकर, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा.

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