गुरुपूर्णिमा के अवसर पर संतों के शुभसंदेश (2022)

भगवान की कृपा प्राप्‍त करने के प्रयास बढाएं ! – श्रीचित्‌शक्‍ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा

आज सामान्‍य व्‍यक्‍ति को दैनिक जीवन जीने के लिए बहुत संघर्ष करना पडता है । आनंदमय जीवन हेतु व्‍यक्‍ति को साधना (ईश्‍वरप्राप्‍ति हेतु प्रतिदिन किए जानेवाले प्रयास) करनी चाहिए । वर्तमान में नित्‍य साधना करना कठिन लगता हो, तब भी आप जहां हैं, वहां भगवान का जप करना, उनसे बातचीत करना, उनसे अधिकाधिक प्रार्थना करना, प्रत्‍येक कृति का कर्तापन भगवान को अर्पण करना इ. सरल कृत्‍य करें ! इससे भगवान की कृपा शीघ्र होगी । इस गुरुपूर्णिमा के निमित्त प्रार्थना करें, ‘मेरे प्रत्‍येक कृत्‍य भगवान की कृपा पाने के लिए होने दें ।’

 

धर्मसंस्‍थापना हेतु स्‍वक्षमता अनुसार योगदान करें ! – श्रीसत्‌शक्‍ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा

(श्रीसत्शक्ति) श्रीमती बिंदा सिंगबाळ

शिष्‍य के लिए श्री गुरु को अपेक्षित धर्मकार्य करना ही खरी गुरुदक्षिणा होती है । वर्तमान काल में हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना हेतु हिन्‍दू समाज में धर्मजागृति करना एवं धर्म की रक्षा हेतु सक्रिय योगदान करना भी एक प्रकार का गुरुकार्य होता है । यदि किसी व्‍यक्‍ति में किसी प्रकार की भी

क्षमता नहीं है, तब भी वह प्रतिदिन भगवान से हिन्‍दू राष्‍ट्र-स्‍थापना हेतु प्रार्थना कर, इस कार्य में योगदान कर ही सकता है । इस गुरुपूर्णिमा से धर्मसंस्‍थापना अर्थात धर्माधिष्‍ठित हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना हेतु स्‍वक्षमता अनुसार अधिकाधिक योगदान करने का निश्‍चय करें !

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