सनातन संस्था द्वारा उज्जैन सिंहस्थपर्व में अध्यात्मप्रसार

कार्य को स्थानीय नागरिक, हिन्दुत्वनिष्ठ एवं
प्रशासनिक
अधिकारियों द्वारा सकारात्मक प्रतिसाद !

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पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे

गत ५ माह से उज्जैन सिंहस्थ पर्व में अध्यात्मप्रसार हेतु फ्लेक्स प्रदर्शनी लगाना, सात्त्विक वस्तुओं का वितरण, मेले के क्षेत्र में भूमि उपलब्ध करवाना, उसपर तंबू खडे करने का नियोजन तथा उसके लिए सामग्री का प्रबंध, सिंहस्थ प्रशासन कार्यालय की विविध अनुमतियां, उदा. दीवार रंगने एवं फ्लेक्स लगाने की अनुमति प्राप्त करना; जिज्ञासु, हिन्दुत्वनिष्ठ अथवा धर्माभिमानियों से संपर्क करना आदि सेवाएं चल रही हैं । ये सेवाएं करते समय, ईश्‍वर ही यह कार्य कर रहे हैं, इसकी प्रतीति समाज के लोगों से उत्तम प्रतिसाद मिलने पर हो रही है ।

१. सिंहस्थ प्रशासन कार्यालय एवं उज्जैन
नगरपरिषद की ओर से प्राप्त हो रहा सहयोग

१ अ. उज्जैन नगरपरिषद के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा
प्रदर्शनी लगाने हेतु अनुमति एवं अन्य सुविधाओं का प्रबंध करवा देना

उज्जैन में शासन की ओर से प्रतिवर्ष की भांति सिंहस्थ मेले का आयोजन किया गया था । इस मेले हेतु भूमि उपलब्ध करा देने से लेकर अनेक बातों के लिए शासन से अनुमति लेनी पडती है । अनेक बडे व्यापारी एक-डेढ माह पूर्व ही पैसे दे कर भूमि आरक्षित करवाते हैं । जब हमें इस मेले के विषय में जानकारी मिली, तब उसे आरंभ होने में कुछ ही दिन शेष थे । हमने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के संबंध में बताने पर उन्होंने तुरंत अपने वरिष्ठों से बात कर हमें अनुमति दी । नगरपरिषद ने अपने प्रदर्शनी स्थल के साथवाली भूमि उपलब्ध करवाई । उसके साथ आसंदी (कुर्सियां)-पटल (टेबल), बिजली आदि सुविधाएं भी निशुल्क उपलब्ध करवाईं । इसी प्रकार सभी ने क्षिप्रा के तट पर प्रतिवर्ष कार्तिक माह में कार्तिक मेले में भी पूर्ण सहयोग दिया था ।

१ आ. सिंहस्थपर्व में प्रदर्शनी के लिए भूमि
उपलब्ध करवा देने में सर्वाधिक सहायता करनेवाले
श्री. दिवाकर नातू एवं सिंहस्थ प्राधिकरण के अधिकारी !

सिंहस्थपर्व में सनातन संस्था की प्रदर्शनी लगे, इसलिए सिंहस्थ मेला प्राधिकरण कार्यालय के अधिकारी एवं उनके सहायकों से निरंतर सहयोग एवं अनुकूलता प्राप्त हो रही है । उज्जैन सिंहस्थ प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री. दिवाकर नातू एवं उनके अन्य सहयोगी सनातन के नासिक सिंहस्थपर्व में लगाई गई प्रदर्शनी देखने आए थे । सनातन का कार्य, फ्लेक्स प्रदर्शनी एवं ग्रंथसंपदा देखकर उन्हें यह कार्य बहुत ही अच्छा लगा था ।

१ इ. सिंहस्थपर्व में अध्यात्मप्रसार की प्रदर्शनी लगाने के लिए साधकों को स्वयं ही कार्यालय में बुलाकर भूमि वितरण के कागद उनके हाथ में सौंपनेवाले श्री. कोमल भूतडा !

कार्तिक मेले में सनातन की प्रदर्शनी देखकर भूमि वितरण करनेवाले अधिकारी श्री. कोमल भूतडा अत्यंत प्रभावित हुए थे । उन्होंने कहा कि प्रस्तुत प्रदर्शनी सिंहस्थपर्व में भी लगाई जाए । जब उन्हें पता चला कि इस विषय में प्रक्रिया जारी है, तो उन्होंने दूसरे दिन चल-दूरभाष करने के लिए कहा । वैसा करने पर वे प्रदर्शनी स्थल पर अपनी गाडी लेकर आए एवं साधकों को मेला कार्यालय लेकर गए । वहां उन्होंने आवेदनों पर हस्ताक्षर एवं अन्य प्रक्रिया पूरी कर भूमि वितरण के आदेश साधकों के हाथ में थमा दिए ।

१. ई. उज्जैन नगरपरिषद द्वारा की गई सहायता

उज्जैन नगरपरिषद के अनेक पदाधिकारी, महापौर एवं सभापति श्री. सोनू गेहलोत ने सनातन के ग्रंथ एवं फ्लेक्स प्रदर्शनी कार्तिक मेले में देखी थीं । सिंहस्थपर्व आध्यात्मिक पर्व होने के कारण इस पर्व में इसी प्रदर्शनी द्वारा अध्यात्मप्रसार हो, ऐसा सभी को लग रहा था । श्री. सोनू गेहलोत ने उज्जैन कुंभक्षेत्र बहुत बडा होने से अलग-अलग भागों में १० से १२ स्थानों पर सनातन की प्रदर्शनियां लगें, ऐसी अपेक्षा व्यक्त कर सहायता करना आरंभ भी किया । प्रसार की दृष्टि से दीवारें रंगवाने के संदर्भ में श्री. सोनू गेहलोत से संपर्क करने पर उन्होंने तुरंत दीवारें रंगवाना आरंभ करने के लिए कहा । अनुमति प्राप्त करने की शासकीय प्रक्रिया में भी उन्होंने अधिकारियों को बताकर पूरा सहयोग दिया ।
नगरपालिका के अधिकारियों से भी सकारात्मक प्रतिसाद मिला । उज्जैन नगर के परिसर में निजी अनुमति प्राप्त कर धर्मशिक्षा से संबंधित लेखन के लिए अनुमति मांगने पर संस्था के व्यापक धर्मकार्य को ध्यान में रख कानून की सीमा में अत्यल्प भाव में कर लगाकर, धर्मप्रसार के कार्य में उन्होंने सहायता की । प्रशासकीय भूमि पर कुंभक्षेत्र एवं स्नानों के घाट परिसर में धर्मप्रसारार्थ लेखन करने की अनुमति चाहिए थी । इसके लिए उनको आवेदन देने पर उन्होंने पूछा, आप कैसा लेखन करनेवाले हैं, यह दिखाएं ! तदुपरांत सनातन संस्था का अध्यात्म तथा सिंहस्थपर्व के विषय में प्रबोधनात्मक लेखन, प्रशासन एवं पुलिस का सहयोग करने संबंधी लेखन से प्रभावित होकर उन्होंने संस्था से द्विपक्षीय अनुबंध किया । उसके अंतर्गत उन्होंने संस्था को प्रमुख स्थानों पर आध्यात्मिक जानकारी लिखने की निशुल्क अनुमति दी । विविध स्थानों पर फ्लेक्स, होर्डिंग आदि माध्यम से अध्यात्मप्रसार का संस्था का मानस उनके समक्ष रखने पर उन्होंने उसके लिए भी अनुमति दे दी ।
इससे ध्यान में आया कि उनकी आतंरिक इच्छा थी कि इस सिंहस्थपर्व में आनेवाले श्रद्धालु अध्यात्म की दृष्टि से अवश्य ही कुछ न कुछ लेकर जाएं । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यह साध्य हो सकता है, यह विश्‍वास उनमें उत्पन्न होना, प.पू. डॉक्टरजी की हम साधकों पर होनेवाली यही कृपा है, इसका भान हम सभी को हुआ !

२. उज्जैन के विक्रेताओं से मिल रहा प्रतिसाद

२ अ. सब्जी मंडी के विक्रेताओं ने दिया सहयोग

प्रमुख सब्जी मंडी एवं मक्सी मार्ग पर स्थित मंडी के सब्जी विक्रेताओं ने कार्य की जानकारी लेकर सिंहस्थपर्व की पूर्वतैयारी के लिए आए साधकों के भोजन हेतु सब्जी अर्पण करना आरंभ कर दिया है । सब्जी मंडी के अनेक विक्रेताओं ने सामूहिक निर्णय लेकर सप्ताह में दो बार साधकों को सप्ताहभर के लिए आवश्यक सब्जियां देने का निर्णय लिया ।

२ आ. दीवारों पर आध्यात्मिक जानकारी
लिखने के लिए सामग्री अर्पण करनेवाले रंगकर्म विक्रेता

१. व्यवसायी श्री. हेमचंद्र जैन ने रंगकर्म हेतु तार एवं अन्य ब्रश, टीन की चादरें (पत्र) तथा दीवार रंगने की अन्य सामग्री अर्पण के रूप में दी ।
२. श्री. सुनील ठामरिया ने रंगकर्म के लिए पेंटिंग ब्रश एवं अन्य सामग्री अर्पण कर सहयोग किया ।
३. श्री. मनीष बंसल ने रंगकर्म के लिए २० लीटर श्‍वेत रंग, ब्रश एवं अन्य सामग्री अर्पण की ।
४. रंगकर्म व्यवसायी श्री. खेमजी ने ५६ लीटर, तो रंगों के वितरक श्री. आशीष पुजारा ने ६० लीटर श्‍वेत रंग निशुल्क उपलब्ध करवाया ।

२ इ. स्वतंत्र पत्रकार तथा जेरॉक्स दुकान मालिक श्री. सुरेश चिपळूणकर ने संगणकीय प्रतियां निकालने के लिए आवश्यक कागद अर्पण किया और कहा कि आगे भी वे कागद अर्पण करेंगे ।

३. समाज से मिल रहा प्रतिसाद

३ अ. दीवारों पर रंगों से आध्यात्मिक जानकारी लिखना
एवं फ्लेक्स लगाने के लिए अधिकांश लोगों द्वारा अनुमति मिलना

दीवारों पर रंगों से आध्यात्मिक जानकारी लिखना अथवा धर्मशिक्षा के फ्लेक्स लगाना, इसकी अनुमति मांगने के लिए १०० लोगों के पास जाने पर अधिकांश लोगों ने अपनी भूमि आनंदपूर्वक दी ।

३. आ. रंगकर्म के लिए बडा मचान
उपलब्ध करवानेवाले श्री. वासुदेव सोनी !

उज्जैन के प्रशासन ने रामघाट पर जानेवाले पुल की दीवार आध्यात्मिक जानकारी लिखने हेतु उपलब्ध करवाई । यह दीवार २५० फुट चौडी व २० फुट ऊंची होने से उस पर लेखन करने हेतु मचान आवश्यक थी । अनेक स्थानों पर प्रयास करने पर भी वह उपलब्ध नहीं हो पा रही थी । कार्तिक मेले की प्रदर्शनी में आए हुए जिज्ञासु श्री. वासुदेव सोनी को इस विषय में बताने पर वे स्वयं साधकों के साथ घूमे और उज्जैन के एक ठेकेदार को मचान उपलब्ध करवाने की विनती की । ठेकेदार अत्यल्प भाव में मचान उपलब्ध करवाने लगे, तो श्री. सोनी ने यह राशि स्वयं ही अर्पण की ।

३ इ. साधकों के निवास के लिए स्थान उपलब्ध
करवानेवाले सुविख्यात लेखा परीक्षक श्री. नितिन गरुड !

उज्जैन शहर छोटा होने के कारण प्रसार के लिए आनेवाले साधकोंके निवास की व्यवस्था करने में समस्या आ रही थी । यह देखकर सनातन के हितचिंतक एवं उज्जैन के विख्यात लेखा परीक्षक श्री. गरुड ने अपने एक परिचित की सदनिका निवास के लिए उपलब्ध करवाई । इसके अतिरिक्त साधक संख्या बढने से उन्होंने और एक छोटी सदनिका भी उपलब्ध करवाई ।

३ ई. साधकों के निवास का प्रबंध करनेवाले
धर्माभिमानी श्री. नीलू उस्ताद एवं पाठक श्री. रवींद्र महाकाळ !

धर्मप्रसार हेतु रंगवाने के लिए दीवारें ढूंढते समय मिले दोपहिया वाहन रिपेयर करनेवाले धर्माभिमानी श्री. उस्ताद ने साधकों के उपयोग के लिए अपना सभागृह निशुल्क दिया । सनातन प्रभात के पाठक श्री. रवींद्र महाकाल ने भी अपना आवास साधकों को सामान रखने तथा निवास के लिए दिया ।

३ उ. बरतन एवं सामग्री के लिए धन के रूप में अर्पण देना

सनातन का कार्य देखकर स्थानीय लोग भी बरतन अथवा अन्य सामग्री धन के रूप में अर्पण कर, सहायता कर रहे हैं ।

४. सुप्रसिद्ध मंदिरों के प्रबंधक एवं पुजारी का सहयोग

४ अ. हरसिद्धि मंदिर के प्रबंधक श्री. अवधेश जोशी कार्तिक मेले में आए थे । तब सनातन के फ्लेक्स देखकर वे बहुत प्रभावित हुए और बोले, ऐसे फ्लेक्स प्रत्येक मंदिर में होने चाहिए । उन्होंने १० फ्लेक्स प्रायोजित कर हरसिद्धि मंदिर में लगाए ।
४ आ. श्री मनकामनेश्‍वर मंदिर के पं. सुखदेव प्रसाद शुक्ला एवं श्री. नीलू उस्ताद, चामुंडामाता मंदिर के श्री. सुनील चौबे, पशुपतिनाथ मंदिर के श्री. पुरुषोत्तम चौबे, श्री हनुमान मंदिर के श्री. शुभम शर्मा और गुमानदेव हनुमान मंदिर के पं. श्यामनारायण व्यास ने अपने मंदिर की दीवारें आध्यात्मिक जानकारी लिखने के लिए
दीं ।

५. रामघाट पर प्रदर्शनी लगाने के लिए सहायता करनेवाली श्रीक्षेत्र पंडा समिति !

मकरसंक्रांति को सोमवती अमावस्या थी । उस दिन क्षिप्रा के रामघाट पर पर्वस्नान के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं को धर्मशिक्षा का लाभ मिले, इसलिए रामघाट पर प्रदर्शनी लगाने का नियोजन किया था । मकरसंक्रांति की प्रदर्शनी के लिए घाट पर संपर्क करने से श्रीक्षेत्र पंडा समिति के उपाध्यक्ष श्री. संजय गुरु ने घाट पर प्रदर्शनी लगाने हेतु स्थान दिया । समिति के अन्य पुजारियों ने पटल (मेज) इ. की व्यवस्था कर, प्रदर्शनी लगाने में सहायता की ।

६. शासकीय विद्यालय की प्राध्यापिका श्रीमती अल्पना उपाध्याय ने दिया सहयोग

उज्जैन के माधव शासकीय महाविद्यालय के कला विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती अल्पना उपाध्याय के पास साधक दीवारों पर आध्यात्मिक जानकारी लिखने की अनुमति मांगने हेतु गए थे । धर्मशिक्षा फलक ग्रंथ दिखाने पर, उन्हें वह बहुत अच्छा लगा । उन्होंने तुरंत ही प्राचार्यजी से साधकों को मिलवाया और किस क्षेत्र में लेखन करना है, वह भी दिखाया ।
आगे उन्होंने बताया, कला विभाग में अध्यापन करते (सिखाते) समय कला मेरी साधना है, यही भाव मैं रखती हूं । साधकों ने उन्हें बताया कि कला के माध्यम से ईश्‍वरप्राप्ति कैसे की जाती है, इसका भी मार्गदर्शन सनातन संस्था करती है । यह सुनकर उन्हें बहुत आनंद हुआ तथा उन्होंने साधना के विषय में अधिक जानने की जिज्ञासा दर्शाई ।
सभी क्षेत्रों में कार्यरत लोग सकारात्मक होकर सिंहस्थपर्व के पूर्व सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के लिए उनका सकारात्मक प्रतिसाद प्राप्त होना, यह ईश्‍वर एवं परम पूज्य डॉक्टरजी (परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी) की हम सभी साधकों पर विशेष अनुकंपा है !

– (पूज्य) डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति.

संस्था के विषय में विशेष जानकारी न होते हुए भी लोग उज्जैन सिंहस्थपर्व के पहले से ही धर्म के लिए कार्यरत होकर अपना सहयोग दे रहे हैं । इससे ऐसा लगने लगा है कि अब सभी साधकों के मन में श्रद्धा उत्पन्न हुई है कि आगे लोग इसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र्र की स्थापना हेतु स्वयं संगठित होकर एक ही धर्मध्वज के तले एकत्र होंगे तथा ईश्‍वर धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेंगे । यह परम पूज्य डॉक्टरजी की साधकों पर विशेष कृपा का वर्षाव है !

– (पूज्य) डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति.

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