शारदीय नवरात्र
नवरात्रिकी कालावधिमें महाबलशाली दैत्योंका वध कर देवी दुर्गा महाशक्ति बनी । जगत्का पालन करनेवाली जगत्पालिनी, जगदोद्धारिणी मां शक्तिकी उपासना हिंदु धर्ममें विशेष रूपसे की जाती है ।
नवरात्रिकी कालावधिमें महाबलशाली दैत्योंका वध कर देवी दुर्गा महाशक्ति बनी । जगत्का पालन करनेवाली जगत्पालिनी, जगदोद्धारिणी मां शक्तिकी उपासना हिंदु धर्ममें विशेष रूपसे की जाती है ।
चातुर्मासमें किए जानेवाले व्रतोंके कारण व्यक्तिके साथ साथ वायुमंडलकी सात्त्विकता भी बढती है । इस सात्त्विकताके प्रभावसे अनिष्ट शक्तियोंके आक्रमणकी तीव्रता घट जाती है ।
एकादशी यह भगवान श्रीविष्णुजीकी तिथि है ।एकादशी व्रत करनेसे, कार्यक्षमतामें वृद्धि होना, आयुवृद्धि होना एवं आध्यात्मिक उन्नति शीघ्र होनेमें सहायता मिलना ।
कालमाहात्म्यानुसार ज्येष्ठ शुक्ल एकादशीके दिन निर्जला व्रत करनेसे वर्षकी सभी एकादशी करनेका फल प्राप्त होता है । एकादशीका महत्त्व, एकादशी व्रतपालन करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ निषेध कृत्य इसके बारेमें हम जानेंगे ।
‘सरसः अवती’, अर्थात् एक गतिमें ज्ञान देनेवाली अर्थात् गतिमति । निष्क्रिय ब्रह्माका सक्रिय रूप; इसीलिए उन्हें ‘ब्रह्मा-विष्णु-महेश’, तीनोंको गति देनेवाली शक्ति कहते हैं ।
त्रेतायुगमें श्रीविष्णुके सातवें अवतार श्रीरामजीने पुष्य नक्षत्रपर, मध्याह्न कालमें अयोध्यामें जन्म लिया । वह दिन था, चैत्र शुक्ल नवमी । तबसे श्रीरामजीके जन्मप्रीत्यर्थ श्रीरामनवमी मनाई जाती है ।
हनुमान जयंती की पूजाविधि सामान्यत: इस प्रकार बनाई गई है कि सबके लिए सरल हो ।
वरुणदेवता की कृपा हम पर एवं हमारे परिजनों पर सदैव बनी रहे, इसलिए समुद्र के किनारे रहनेवाले और समुद्र के माध्यम से अपना चरितार्थ चलानेवाले लोग श्रावण पूर्णिमा के दिन वरुणदेवता की पूजा कर समुद्र को नारियल अर्पण करते हैं ।
करवा चौथ Karwa Chauth यह हिंदु संस्कृतिके पवित्र बंधनका प्रतीक है । कैसे मनाए करवा चौथ Karwa Chauth ? जानने हेतू अवश्य पढें…
कुछ पंचांगोंके अनुसार हनुमान जन्मतिथि कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी है, तो कुछ चैत्र पूर्णिमा बताते हैं । महाराष्ट्रमें हनुमानजयंती चैत्र पूर्णिमापर मनाई जाती है ।