श्री हनुमते नम:

हनुमानजीकी उपासनाका उद्देश्य

अन्य देवताओंकी तुलनामें हनुमानजीमें अत्यधिक प्रकट शक्ति है । अन्य देवताओंमें प्रकट शक्ति केवल १० प्रतिशत होती है, जबकि हनुमानजीमें प्रकट शक्ति ७० प्रतिशत होती है । अत: हनुमानजीकी उपासना अधिक मात्रामें की जाती है । हनुमानजीकी उपासनासे जागृत कुंडलिनीके मार्गमें आई बाधा दूर होकर कुंडलिनीको योग्य दिशा मिलती है । साथही भूतबाधा, जादू-टोना, अथवा पितृदोषके कारण होनेवाले कष्ट, शनिपीडा इत्यादिका निवारण भी होता है । महाराष्ट्रमें शनिवारको हनुमानजीका दिन मानते हैं एवं भारतके अन्य भागोंमें शनिवार तथा मंगलवार मारुतिके दिन माने जाते हैं । इस दिन हनुमानजीके देवालयमें जाकर उन्हें सिंदूर एवं तेल अर्पण करनेकी प्रथा है । कुछ स्थानोंपर हनुमानजीको नारियल भी चढाते हैं ।

 

हनुमान जयंतीके दिन हनुमानजीके नामका जप करनेका महत्त्व

 

हनुमान जयंतीके दिन हनुमानजीका तत्त्व अन्य दिनोंकी तुलनामें अत्यधिक मात्रामें १ सहस्र गुना रहता अधिक कार्यरत रहता है । इस कारण हनुमानजीकी चैतन्यदायी तत्त्वतरंगें पृथ्वीपर अधिक मात्रामें आकृष्ट होती हैं । इन तरंगोंका जीवको व्यावहारिक एवं आध्यात्मिक, दोनों स्तरोंपर लाभ होता है । इन कार्यरत तत्त्वतरगोंका संपूर्ण लाभ पानेके लिए इस दिन ‘श्री हनुमते नमः ।’ नामजप अधिकाधिक करना चाहिए । इस नामजपको कैसे करें,यह समझनेके लिए आइए एक ध्वनिमुद्रिका अर्थात (recording) सुनते हैं

 

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