जगन्नाथ पुरी मंदिर की आश्चर्यचकित करनेवाली कुछ खास बातें !

जगन्नाथ पुरी मंदिर के बारे में आप जानते ही होंगे और कुछ श्रद्धालु वहां गए भी होंगे किंतु इस मंदिर से जुड़ी कुछ ऐसी विशेष बातें कहीं जाती हैं जो आपको नहीं पता होंगी। जानें इस मंदिर से जुड़ी ये १० बातें…

१. मंदिर की परछाई

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कहा जाता है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर की परछाई दिन के किसी भी समय, किसी भी दिशा में नहीं दिखाई देती।

 

२. जगन्नाथ पुरी के मंदिर पर लगा झंडा

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जगन्नाथ पुरी मंदिर पर लगा झंडा हमेशा हवा की विपरीत हवा में लहराता है।

 

३. मंदिर में बना प्रसाद

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माना जाता है कि मंदिर में एक दिन में चाहे २००० लोग आएं या २ लाख लोग, मंदिर में बना प्रसाद हमेशा पूरा बैठता है। यह प्रसाद ना कभी कम पड़ा है और ना ही कभी बर्बाद हुआ है।

 

४. सुदर्शन चक्र

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मंदिर के ऊपर लगभग २० फीट की ऊंचाई पर लगे सुदर्शन चक्र के बारे में कहा जाता है कि इसे शहर के किसी भी कोने से देखा जा सकता है और इसको किसी भी दिशा से देखने पर चक्र का मुंह आपकी तरफ ही दिखाई देता है।

 

५.  मंदिर के आसपास नहीं दिखता कोई पक्षी

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पक्षी कहीं भी दिख जाते हैं, लेकिन कहा जाता है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपर से ना तो हवाई जहाज गुजरता है ना ही कभी कोई पक्षी ही यहां नजर आता है।

 

६. मंदिर में बनने वाला प्रसाद

कहा जाता है कि मंदिर में बनने वाला प्रसाद ७ बर्तनों में बनता है, यह खाना एक के ऊपर दूसरे बर्तन को रखकर बनाया जाता है। अाश्चर्य की बात यह है कि सबसे पहले खाना सबसे ऊपर रखे बर्तन में बनता है और उसके बाद यह क्रम नीचे की आेर चलता है। यानि सबसे ऊपर वाले बर्तन के बाद उससे नीचे वाले बर्तन का खाना बनकर तैयार होता है।

 

७. मंदिर में लगी मूर्तियां

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कहा जाता है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर की मूर्तियां हर साल बदली जाती हैं और उन्हें मिट्टी में दबा जाता है, जिसके बाद वो मूर्तियां मिट्टी में ही मिल जाती हैं।

 

८. मंदिर में नहीं सुनाई देती लहरों की आवाज

मंदिर के पास ही एक समुद्र है, जिसकी लहरों की आवाज मंदिर के बाहर सुनाई देती है किंतु मंदिर के द्वार के अंदर कदम रखते ही वो आवाजें आनी बंद हो जाती हैं। यह आवाज तब तक वापिस नहीं सुनाई देती जबतक कि आप मंदिर के मुख्य द्वारा से फिर वापस नहीं चले जाते।

 

९. समुद्र से आने वाली हवा

धरती पर हर जगह दिन के समय समुद्र से हवा धरती पर आती है और शाम के समय धरती से समुद्र की तरफ जाती है लेकिन जगदन्नाथ पुर में इसका उल्टा होता है।

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१०. एक पुजारी रोज मंदिर के ऊपर लगे झंडे को बदलता है जो लगभग ४५ मंजिला इमारत के बराबर ऊंचाई पर है। कहा जाता है कि यदि एक दिन भी ऐसा नहीं किया गया तो मंदिर अगले १८ सालों के लिए बंद हो जाएगा।

स्त्रोत : न्यूज १८

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