पूर्वजों के कष्ट दूर होने हेतु पितृपक्ष के काल में नामजप, प्रार्थना और श्राद्धविधि करें !

 

१. दत्तजी का नामजप करना

‘आजकल अनेक लोगोंको अनिष्ट शक्तियों के कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (२ से १७ सितंबर २०२० की अवधि में) इन कष्टों के बढने से इस अवधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ ।’ नामजप करें ।

जो श्रद्धालु स्वयं को हो रहे अनिष्ट शक्तियों के कष्ट दूर होने हेतु आध्यात्मिक उपाय करते हैं, वे अपने उपायों के नामजप के अतिरिक्त न्यूनतम १ घंटा दत्तजी का नामजप करें । दत्तजी का नामजप करते समय हाथ की पांचों उंगलियों के अग्र जोडकर अनाहतचक्र और मणिपुरचक्र के स्थानपर न्यास करें ।

जो श्रद्धालु उपाय नहीं करते, वे अपना व्यक्तिगत समेटना, स्नान, स्वच्छता-सेवा आदि के समय में न्यूनतम १ घंटा दत्तजी का नामजप हो; इसकी ओर ध्यान दें; परंतु तब भी पूर्वजों के कष्ट प्रतीत होते हों, तो वे भी बैठकर और मुद्रा कर दत्तजी का नामजप करें ।

 

२. दत्तजी से प्रार्थना करें

पितृपक्ष की अवधि में पूर्वजों के कष्टों से रक्षा होने हेतु दिन में बीच-बीच में दत्तजी से प्रार्थना करें ।

 

३. यथा संभव पितृपक्ष में श्राद्धविधि अवश्य करें ।

ऐसा करने से पूर्वजों के कष्ट तो दूर ही होंगे और उसके साथ साधना के लिए उनके आशीर्वाद भी मिलेंगे ।’

– (सद्गुरु) डॉ. मुकुल गाडगीळजी, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (२५.८.२०२०)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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