नई पिढी को विज्ञान की भाषा में अध्यात्म समझाने की सनातन की पद्धति उत्तम – श्री १००८ महामंडलेश्‍वर, श्री विश्‍वगायत्री मिशन, गुजरात

उज्जैन सिंहस्थपर्व !

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित धर्मशिक्षा प्रदर्शनी

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प्रदर्शनी देखते हुए (कड़ी में) श्री १००८ महामंडलेश्‍वर अलखगिरीजी महाराज

उज्जैन : हम धर्म को माननेवाले हैं, तो दूसरी ओर नई पिढी विज्ञान के आधारपर चलनेवाली है। ऐसे समय में उस पिढी को विज्ञान की भाषा में धर्म समझाने की आवश्यकता है !

सनातन इस पद्धति का अच्छा उपयोग कर रहा है !

ऐसा प्रतिपादन अखिल भारतिय संत समिति के कोषाध्यक्ष तथा गुजरात राज्य के श्री विश्‍वगायत्री मिशन के ब्रह्मपिठाधिश्‍वर श्री १००८ महामंडलेश्‍वर अलखगिरीजी महाराज ने किया।

सनातन संस्था एवं हिन्दु जनजागृति समिति की ओर से आयोजित धर्मशिक्षा विषयक प्रदर्शनी का अवलोकर करनेपर वे ऐसा बोल रहे थे।

इस समय महाराजजी ने सनातन के गोवा स्थित रामनाथी आश्रम को भेट देने का भी आश्‍वासन दिया।

महाराजजी ने आगे कहा कि, लोग सवेरे घूमने के लिए (मॉर्निंग वॉक) जाते हैं। उस की अपेक्षा उन्हों ने यदि उतने ही समय में किसी मंदिर की भावपूर्ण रुप से प्रदक्षिणा की, तो उस से उनको चलने के लाभसहित आध्यात्मिक लाभ एवं शक्ति भी मिलेगी, जो केवल सवेरे घूमने से नहीं मिलेगा, यह लोगों को बताने की आवश्यकता है ! पहले के लोग कहां सवेरे घूमते थे, तो भी वे स्वस्थ ही थे ना ?

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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