सनातन संस्था की ओर से सांगली जनपद में साधना शिविर, तो कोल्हापुर जनपद के विविध स्थानोंपर साधना विषयपर मार्गदर्शन

अनेक पाठक, धर्मप्रेमी एवं जिज्ञासुओं द्वारा साधना जानकर लेकर प्रत्यक्ष क्रियान्वयन करना आरंभ

विश्रामबाग (सांगली) के साधना शिविर में बाईं ओर से श्रीमती कल्पना थोरात, श्रीमती विद्या जाखोटिया और मन का कार्य कैसे चलता है ?, विषय का फलक दिखाते हुए साधक

सांगली (महाराष्ट्र) : सनातन प्रभात के पाठक, धर्मप्रेमी एवं जिज्ञासुओं के लिए सांगली जनपद में सनातन संस्था की ओर से साधना शिविर लिए गए । उनमें प्रमुखता से साधना क्या है ?, नामजप कौनसा करना चाहिए ?, स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया का महत्त्व एवं उसे कैसे चलाना चाहिए ? और दोष कैसे समझकर लेने चाहिएं ? सहित अन्य विषयोंपर मार्गदर्शन किया गया । यह मार्गदर्शन सुनकर इन शिविरों में उपस्थित सनातन प्रभात के पाठक, धर्मप्रेमी एवं जिज्ञासुओं ने साधना का आरंभ किया ।

 

सांगली

१. जनपद के रेठरे हरणाक्ष गांव में लिए गए शिविर में हिन्दू जनजागृति समिति की कु. प्रतिभा तावरे एवं सनातन संस्था की श्रीमती कल्पना थोरात ने मार्गदर्शन किया । शिविर के पश्‍चात उपस्थित महिलाओं ने सप्ताह में एक बार साधना एवं स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया के संदर्भ में अधिक जानकारी लेने की इच्छा व्यक्त की ।

२. विश्रामबाग के दांडेकर सभागृह में साधना विषयपर शिविर लिया गया । सनातन संस्था की श्रीमती कल्पना थोरात एवं श्रीमती विद्या जाखोटिया ने मार्गदर्शन किया । इसमें फलक के माध्यम से स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया की संकल्पना को स्पष्ट कर दिखाने से वह जिज्ञासुओं के तुरंत ध्यान में आ गई ।

 

कोल्हापुर

१. कोल्हापुर नगर में सानेगुरुजी बस्ती में सनातन संस्था की आधुनिक वैद्या (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे ने साधना विषयपर प्रवचन लिया । इसमें ११० धर्मप्रेमी महिलाएं उपस्थित थीं । यहां मासिक धर्मशिक्षावर्ग की मांग की गई ।

२. मलकापुर के उचत स्थित हनुमान मंदिर में धर्मप्रेमियों के लिए प्रवचन लिया गया । इसमें श्री. प्रसाद कुलकर्णी एवं श्रीमती सुनीता भोपळे ने मार्गदर्शन किया । हणमंतवाडी (मलकापुर-बांबवडे) के श्री जोतिबा मंदिर में १०० पुरुष एवं महिलाएं उपस्थित थीं । यहां हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. कृष्णात भाकरे ने उपस्थित ६० महिलाओं को संक्रांति के उपलक्ष्म में सनातन संस्था के सात्त्विक उत्पादों का भेंटसंच बनाकर दिया । परळी के जोतिबा मंदिर और सुपात्रे-बांबवडे में भी धर्मप्रेमियों के लिए प्रवचन लिए गए ।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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