नवरात्रोत्सव के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश एवं बिहार में आयोजित सनातन संस्था की ग्रंथप्रदर्शनियों का जिज्ञासुओं द्वारा उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर !

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) : यहां के दुर्गाकुण्ड, संकठा देवी का मंदिर, नटवा का नटकेश्‍वरी मंदिर एवं कानपूर के संकटमोचन धाम मंदिर में सनातन संस्था के ग्रंथ एवं सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया था । इसके साथ ही बिहार के मुजफ्फरपुर के गोला मार्गपर स्थित दुर्गा स्थान, सोनपूर का रजिस्ट्री बाजार, दुर्गा मंदिर का प्रांगण, पाटलीपुत्र का अशोकनगर तथा समस्तिपुर का शिव काली दुर्गा मंदिर इन स्थानोंपर भी प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया । इन सभी प्रदर्शनियों को जिज्ञासुओं द्वारा उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ । इस अवसरपर सनातन संस्था के ग्रंथ, पंचांग एवं सात्त्विक उत्पादों की कई वर्षों से प्रतीक्षा करनेवाले जिज्ञासु मिले । कुछ जिज्ञासुओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सनातन संस्था के ग्रंथ अद्वितीय हैं और अन्य कहीं भी इस प्रकार की जानकारी पढने के लिए नहीं मिलती ।

 

सनातन संस्था के ग्रंथ, सनातन प्रभात एवं सनातन पंचांग की अद्वियतीयता दर्शानेवाले प्रसंग !

१. सनातन संस्था के ग्रंथों के क्रय हेतु एक जिज्ञासु का १५० कि.मी. यात्रा कर प्रदर्शनीस्थल आना

एक जिज्ञासु पिछले डेढ वर्ष से सनातन संस्था के ग्रंथ खोज रहे थे । तब उन्हें संकठामाता मंदिर में सनातन संस्था की प्रदर्शनी का आयोजन किए जाने की बात ज्ञात हुई । तब वे तुरंत ही वाराणसी से १५० कि.मी. की यात्रा कर केवल ग्रंथों का क्रय करने हेतु संकठामाता मंदिर में आए । उन्होंने १३ बडे एवं १२ लघुग्रंथों का क्रय किया । उन्होंनेक कहा, ‘‘डेढ वर्ष पहले मैने वृंदावन में सनातन संस्था की ग्रंथप्रदर्शनी में ७-८ ग्रंथों का क्रय किया था । तब से लेकर मैं संस्था की प्रदर्शनी की प्रतीक्षा में था । मेरे पास विविध संस्थाओं द्वारा प्रकाशित अलग-अलग विषयों के कई ग्रंथ हैं; परंतु आप के ग्रंथों के जैसी विशेषता अन्यत्र कहीं भी नहीं है ।’’

२. सनातन संस्था के ग्रंथ अद्वितीय हैं ! – नरेंद्र पांडे, जिज्ञासु

श्री. नरेंद्र पांडे ने २ वर्ष पहले सनातन संस्था के ग्रंथों का क्रय किया था । तब से लेकर वे प्रदर्शनी की खोज में थे । नवरात्रि में प्रदर्शनी लगने का देखकर वे बहुत आनंदित हुए । उन्होंने तुरंत ही कुछ ग्रंथों का क्रय किया । उन्होंने कहा, ‘‘इन ग्रंथों में दी गई जानकारी बहुमूल्य है । ऐसे ग्रंथ मैने अन्यत्र कहीं नहीं देखे हैं ।’’

३. ‘सनातन प्रभात’ का वर्गणीदार बननेपर मुझे बहुत गर्व है ! – एक जिज्ञासु, गोरखपूर

प्रदर्शनी में गोरखपूर के एक जिज्ञासु आए हुए थे । उन्होंने सनातन संस्था के कार्य की जानकारी ली । वे पाक्षिक सनातन प्रभात के वर्गणीदार बन गए । उन्होंने कहा, ‘‘मैं सनातन प्रभात का वर्गणीदार बना, इसपर  मुझे बहुत गर्व है । सनातन संस्था समाज में हिन्दुत्व को जागृत करने का कार्य करती है और इस संस्था में हिन्दू राष्ट्र स्थापना की तडप है । मुझे यह बात बहुत अच्छी लगी ।’’

४. हम आपकी प्रदर्शनी एवं सनातन पंचांग की वर्षतक प्रतीक्षा करते हैं – एक जिज्ञासु

एक व्यक्ति पिछले ४-५ वर्षों से सनातन पंचांग खोज रहा था, साथ ही अन्य एक व्यक्ति ने बताया कि हम आपकी प्रदर्शनी एवं सनातन पंचांग की वर्षतक प्रतीक्षा करते हैं ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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