सात्त्विक शक्ति के बलपर धर्मबोध एवं शौर्यबोध को जागृत करने का सनातन संस्था द्वारा हाथ में लिया गया कार्य प्रशंसनीय है ! – के.एन्. गोविंदाचार्य, इटर्नल हिन्दू फाऊंडेशन

श्री. के.एन्. गोविंदाचार्य (मध्य में) को सनातन संस्था के कार्य की जानकारी देते समय श्री. निनाद गाडगीळ (दाहिनी ओर)
श्री. के.एन्. गोविंदाचार्य को ग्रंथ भेंट करते हुए श्री. शिवाजी वटकर

पनवेल, १२ मार्च (संवाददाता) : आज मुझे देवद के सनातन आश्रम में आने का तथा आश्रम के अवलोकन का सौभाग्य प्राप्त हुआ । भारत ही सात्त्विक शक्ति का केंद्रीय भूतपूर्व स्थान है । इस सत्य को जानकर सात्त्विक शक्ति का जागरण एवं शौर्यबोध इन दोनों का जागृत करने का सनातन संस्था द्वारा हाथ में लिया गया कार्य बहुत ही प्रशंसनीय है । देहली के इटर्नल हिन्दू फाऊंडेशन के संघरक्षक तथा मुख्य मार्गदर्शक श्री. के.एन्. गोविंदाचार्य ने यह उद्गार व्यक्त किए ।

श्री. के.एन्. गोविंदाचार्य इटर्नल हिन्दू फाऊंडेशन के एक कार्यक्रम के उपलक्ष्य में ११ मार्च को पनवेल आए थे । इस उपलक्ष्य में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओ सहित सनातन आश्रम का अवलोकन किया । सनातन के ६७ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त साधक श्री. शिवाजी वटकर ने श्री. के.एन्. गोविंदाचार्य को हिन्दी भाषी ग्रंथ ‘डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार’ ग्रंथ भेंट किया । इस अवसरपर उनके साथ इटर्नल हिन्दू फाऊंडेशन के कार्यकर्ता सर्वश्री संजय शर्मा, अरविंद तिवारी, अजय सिंह, प्रशांत कोळी, श्रीमती मंजुषा गोनरकर, श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव, श्रीमती प्रज्ञा लाल आदि उपस्थित थीं । आश्रम अवलोकन के पश्‍चात श्री. के.एन्. गोविंदाचार्य ने कहा, ‘‘सनातन संस्था का कार्य आज के समय में तथा आनेवाले युगों-युगोंतक सभी को प्रेरित एवं शिक्षित करने में संंफल होगी, यह मेरा विश्‍वास है । इस कार्य को करनेवाले सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी को मैं प्रणाम कर शुभकामनाएं देता हूं ।’’

क्षणिकाएं

१. श्री. के.एन्. गोविंदाचार्य आश्रम के अवलोकन के समय साधकों की आदरपूर्वक तथा अपनेपन से पूछताछ कर रहे थे ।

२. सनातन के श्री. शिवाजी वटकर द्वारा उन्हें सनातन आश्रम की ओर से प्रसाद दिए जाने के पश्‍चात उन्होंने उसे माथे से लगाकर भावपूर्ण नमस्कार किया ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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