प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : सभी नागरिक और बच्चों को आध्यात्मिक ग्रंथों की जानकारी होने हेतु सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी अत्यंत बोधप्रद एवं शिक्षाप्रद है । विद्यालय और महाविद्यालयों में इस प्रदर्शनी का अवश्य आयोजन किया जाना चाहिए । इसके साथ ही प्रत्येक नगर के पुरुष एवं महिलाओ के सत्संग समूहों में इस प्रदर्शनी में विद्यमान आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार किया जाना चाहिए । विद्यालय और महाविद्यालयों में हिन्दू धर्म का ज्ञान नहीं दिया जाता; इसलिए सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की भांति अन्य संस्थाओ को भी अपना कर्तव्य समझकर हिन्दू धर्मग्रंथों की जानकारी देकर अध्यात्मप्रसार करना चाहिए । अयोध्या के ऋषिमोचन घाट के सुखरामदास रामायणी कंचन भवन मंदिर के स्वामी रामरसिकदास महाराज ने ऐसा प्रतिपादित किया ।
५ फरवरी को सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां आयोजित ग्रंथ एवं धर्मशिक्षा फलकों की प्रदर्शनीयों के अवलोकन के पश्चात वे ऐसा बोल रहे थे । इस अव सरपर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी भी उपस्थित थे । समिति के उत्तर-पूर्व भारत मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळजी ने स्वामी रामरसिकदास महाराज को सम्मानित किया ।