सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी देखकर यहां से कहीं भी जाने का मन नहीं करता ! – महंत श्री देवनारायणदास वेदांताचार्य महाराज, कानपुर, उत्तरप्रदेश

दायी ओर से महंत श्री वैष्णुदास बिथान तथा महंत श्री देवनारायणदास वेदांताचार्य महाराज के साथ संवाद करते हुए सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे

प्रयागराज (कुंभनगरी) : २७ जनवरी को कानपुर जनपद के गोरियापुर गांव के अखिल भारतीय श्रीपंचबारामाई दाडीया संस्थान के (खालसा के) महंत श्री देवनारायणदास वेदांताचार्य महाराज प्रदर्शनी देखने आए थे । उस समय उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘‘यहां की सनातन की प्रदर्शनी देखकर अत्यंत प्रसन्नता प्रतीत हुई । तुम्हारा यह प्रचार देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है, कि, विश्व में तुम्हारे कार्य को सफलता अवश्य प्राप्त होगी । इस प्रदर्शनी के माध्यम से विभिन्न ग्रंथों में धर्मजागृति के संदर्भ में जानकारी देकर तुम हिन्दुत्व जागृत कर रहे हो । इस बात से मुझे इतना आनंद हुआ है कि, इस प्रदर्शनी के स्थल से कहीं भी जाने का मन नहीं करता । तुम्हारे गुरुदेवजी ने जो कदम ऊठाया है, वह अच्छा है । गीता, भागवत, गंगा, गो, सरस्वती, हिन्दुत्व तथा शिष्टाचार समाप्त हो रहे हैं । उन्हें बचाने का प्रयास आप कर रहे हैं । उसके लिए आप अथक परिश्रम ऊठा रहे हैं । यह देखकर अत्यंत अच्छा प्रतीत हुआ ।’’

महंत देवनारायणदास वेदांताचार्य महाराज तथा उनके साथ उपस्थित महंत श्री वैष्णुदास बिथान (बिहार) ने सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी को भेंट
दी । हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तरप्रदेश तथा बिहार राज्यों के समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी तथा राजस्थान तथा मध्यप्रदेश
राज्यों के समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने इन दोंनो संतों को ग्रंथप्रदर्शनी की सविस्तार से जानकारी दी । उस समय हिन्दू जनजागृति
समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने महंत श्री देवनारायणदास वेदांताचार्य महाराज तथा महंत श्री वैष्णवदास
बिथान का आदर कर उन्हें सनातन का ‘गंगाजी की महिमा’ यह ग्रंथ भेंट दिया ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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