वृंदावन के महामंडलेश्‍वर कापालिक स्वामी बालयोगेश्‍वरानंद गिरीजी महाराज (औघड) द्वारा रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम का अवलोकन

महामंडलेश्‍वर कापालिक स्वामी बालयोगेश्‍वरानंद गिरीजी महाराज (औघड) को सनातन प्रभात नियतकालिकों की जानकारी देते हुए श्री. अमोल हंबर्डे (दाहिनी ओर)

रामनाथी, गोवा : वृंदावन के महामंडलेश्‍वर कापालिक स्वामी बालयोगेश्‍वरानंद गिरीजी महाराज (औघड) ने १० अक्टूबर को यहां के सनातन आश्रम का अवलोकन किया । इस अवसरपर सनातन संस्था के श्री. अमोल हंबर्डे ने उन्हें आश्रम में चल रहे राष्ट्र-धर्म का कार्य एवं आध्यात्मिक शोधकार्य की जानकारी दी । स्वामीजी ने आश्रम में चल रहे कार्य के संदर्भ में जानकारी लेकर प्रसन्नता व्यक्त की । इस समय स्वामीजी के शिष्य श्री. उपेंद्र शर्मा भी उपस्थित थे ।

इस उपलक्ष्य में सनातन संस्था के संत पू. (डॉ.) मुकुल गाडगीळ के हस्तों स्वामीजी को शॉल, श्रीफल एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया, साथ ही श्री. शर्मा को भी सम्मानित किया गया । इस अवसरपर स्वामीजी ने कहा, ‘‘जिस प्रकार पानी के अलग-अलग प्रवाह अंत में समुद्र को आकर मिलते हैं, उसी प्रकार से आध्यात्मिक कार्य करनेवाले अंत में सनातन संस्था से ही आकर मिलनेवाले हैं ।’’

 

महामंडलेश्‍वर कापालिक स्वामी बालयोगेश्‍वरानंद गिरीजी महाराज (औघड) का संक्षिप्त परिचय

महामंडलेश्‍वर कापालिक स्वामी बालयोगेश्‍वरानंद गिरीजी महाराज (औघड), भगवान राम अवधूतजी महाराज के शिष्य हैं । स्वामी गिरीजी महाराज ने काशी में अघोरी साधना की शिक्षा ग्रहण की । वृंदावन में उनके अघोर शक्तिपीठ एवं अघोर शनिधाम, यह २ आश्रम हैं । स्वामीजी की विशेषता यह है कि वे अपने सूक्ष्म ज्ञान से किसी की क्षेत्र में किसी भी चरण का मार्गदर्शन कर सकते हैं । विदेशों में भी स्वामीजी के शिष्य हैं । स्वामीजी ने आध्यात्मिक उपायों से १२६ कुष्ठरोगियों को, तो उनके गुरु ने २१ सहस्र कुष्ठरोगियों को ठीक किया है ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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