प्रयागराज कुंभमेले के माध्यम से ‘सनातन संस्था’ का व्यापक धर्मप्रचार !

प्रयागराज में वर्ष २०१९ का अर्धकुंभ मेला मकरसंक्रांति (१५ जनवरी) से महाशिवरात्रि (४ मार्च) तक चलता रहेगा । अनुमान है कि इन ५० दिनों में १२ करोड श्रद्धालु कुंभस्नान करेंगे । कुंभमेला में गंगास्नान, सत्पात्र को दान, संतसंग, पितृतर्पण, कल्पवास व्रताचरण, अक्षयवटदर्शन आदि साधनाएं की जाती हैं । जिनमें धर्म के प्रति श्रद्धा है, वे कालानुसार साधना समझ सकें और हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृति हो, इसके लिए सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति मिलकर कार्य रही हैं । उनके व्यापक कार्य के विषय में जानकारी देनेवाला यह लेख…

पू. नीलेश सिंगबाळ

संकलनकर्ता – पूज्य नीलेश सिंगबाळ, उत्तर-पूर्व भारत मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति और श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

‘धर्माधिष्ठित एवं जनकल्याणकारी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ का ध्येय लेकर अविरत कार्यरत सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति का प्रयागराज के कुंभमेला में आरंभ धर्मप्रचार के विषय में विस्तार से बतानेवाला यह लेख… !

हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘कश्मीरी तथा बांगलादेशी हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों की भव्य चित्रप्रदर्शनी’से निर्मित प्रवेशद्वार !

 

१. कुंभक्षेत्र में श्रद्धालुओं का धर्मप्रबोधन करनेवाली दो प्रदर्शनियों का आयोजन

१ अ. सनातन संस्था की ‘धर्मशिक्षा और राष्ट्र-धर्मरक्षा प्रदर्शनी’ !

कुंभक्षेत्र की सीमा २५ किमी. है । इसके हृदयस्थान संगमक्षेत्र के समीप स्थित मोरी मार्ग के पास ‘सनातन संस्था’ को स्थान मिलना, केवल गुरुकृपा थी । कुंभक्षेत्र में आनेवाले श्रद्धालुओं में ३० प्रतिशत लोगों को इस क्षेत्र से जाना पडता है । इस स्थान पर सब शंकराचार्य, रामानंदाचार्य, दशनामी अखाडा और धर्मसम्राट करपात्री स्वामीजी के ‘धर्मसंघ’ जैसे बडे संगठनों के मंडप हैं । ठीक उसी पंक्ति में सनातन संस्था की ‘धर्मशिक्षा और राष्ट्र-धर्मरक्षा प्रदर्शनी’ स्थित है ।

इस प्रदर्शनी में गंगास्नान, धर्माचरण, देवताओं की उपासना, देवालय दर्शन, धार्मिक कृत्यों का अध्यात्मशास्त्र, साधना, गो-गंगा रक्षण, मंदिरों की पवित्रता की रक्षा, पाखंडी बाबाओं के विषय में प्रबोधन, सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन, क्रांतिकारियों का स्मरण, हिन्दू राष्ट्र-जागरण आदि के विषय में १०० से अधिक प्रबोधनकारी फलक लगाए गए हैं । इस प्रदर्शनी में सनातन निर्मित श्री गणेशमूर्ति आकर्षण का केंद्र बनी है । प्रदर्शनी देखनेवाले अनेक युवक श्री गणेशमूर्ति के साथ अपना छायाचित्र (सेल्फी) खींचते हैं । प्रदर्शनी के एक भाग में सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति, महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, उद्योगपति परिषद, आरोग्य सहायता समिति आदि के कार्यों की और इन संगठनों से जुडकर कार्य करने के विषय में जानकारी देनेवाली प्रदर्शनी लगी है । प्रदर्शनी में आए जिज्ञासुओं, मान्यवरों, संतों आदि से बात करने के लिए संवाद कक्ष स्थापित किया गया है । यहां, सनातन के संत ऐसे लोगों से चर्चा करते हैं । प्रदर्शनी के ‘सीडी (दृश्य-श्रव्य चक्रिका) प्रसारण’ कक्षा में सनातन संस्था के कार्य की जानकारी से संबंधित चलचित्र (विडियो) दिखाए जाते हैं ।

१ आ. हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘कश्मीरी और बांगलादेशी हिन्दुओं पर अत्याचारों की चित्र-प्रदर्शनी’ !

हरिद्वार स्थित भूमा-निकेतन पीठ के पीठाधीश्‍वर जगद्गुरु स्वामी अच्युतानंद तीर्थ स्वामीजी ने वर्ष २०१३ में प्रयाग कुंभमेले में हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य देखा था । उस समय उन्होंने समिति की प्रदर्शनी के लिए ६० फुट भूमि उपलब्ध कराई थी । यह स्थान भी संगमक्षेत्र के अत्यंत समीप और सनातन प्रदर्शनी से १५० फुट दूर है । इस स्थान पर हिन्दू जनजागृति समिति ने कश्मीरी और बांग्लादेशी हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों की जानकारी देनेवाली चित्रप्रदर्शनी लगाई है । वहां, समितिनिर्मित ‘धर्मांतर’, ‘सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन’, ‘शौर्यजागरण’ आदि विषयों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है । इसी स्थान पर, कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अगणित अत्याचारों का भीषण सत्य बतानेवाला चलचित्र, ‘….और विश्‍व मौन रहा !’, प्रोजेक्टर से दिखाया जाता है । सनातन संस्था की ग्रंथप्रदर्शनी भी यहीं है ।

कुंभक्षेत्र में श्रद्धालुओं का धर्मप्रबोधन करनेवाला सनातन प्रदर्शनी का प्रवेशद्वार

 

राममंदिर निर्माण का आंदोलन करते समय श्रद्धालुओं और सनातन के साधकों के साथ, १. श्री श्री १००८ बाबा गोविंददास महाराज २. श्री. चेतन राजहंस और ३. श्री. अरविंद पानसरे

 

२. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन करें !

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने कुंभक्षेत्र में राष्ट्रीय ग्रंथप्रदर्शनी आयोजित की है । इसमें, सनातन की ग्रंथ प्रदर्शनी भी है, जो २८ जनवरी से ११ फरवरी तक रहेगी । इस प्रदर्शनी में सनातन की सात्त्विक वस्तुएं भी क्रय करने के लिए उपलब्ध हैं ।

 

३. सनातन के ग्रंथों की चल-प्रदर्शनी !

कुंभक्षेत्र में भीडवाले स्थानों पर सनातन के ग्रंथों की चल-प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं । वहां कुछ साधक ‘ग्रंथों के वस्त्र-फलक’ पहनकर प्रचार करते हैं । इनके माध्यम से ‘कुंभमहिमा’, ‘गंगामहिमा’ आदि ग्रंथों की बिक्री तथा प्रचार किया जाता है ।

 

४. संतों के करकमलों से अनेक ‘एप्स’ का लोकार्पण !

हाल ही में सनातन पंचांग का iOS प्रणाली में एप उपलब्ध हुआ है । इसमें, हिन्दी भाषिकों के लिए एप का लोकार्पण अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरी महाराज ने, गुजराती भाषिकों के लिए एप का लोकार्पण जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य महाराज ने और अंग्रेजी भाषियों के लिए एप का लोकार्पण परम पूज्य गुणप्रकाश चैतन्यजी महाराज के करकमलों से किया गया है ।

हिन्दू जनजागृति समिति के ‘कुंभ एप’ का लोकार्पण ज्योतिष और द्वारकाशारदा पीठाधीश्‍वर शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के करकमलों से हुआ है । इस अवसर पर सनातन संस्था की विवरणिका पुस्तक का अवलोकन करते हुए शंकराचार्य ने कहा, ‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवले ने बहुत महान कार्य किया है !’’ शंकराचार्य पद पर आसीन पुरुष के इस उद्गार ने परात्पर गुरु की महिमा कह दी थी ।

 

५. हिन्दू राष्ट्र-संपर्क अभियान !

कुंभक्षेत्र में देशभर से आए संतों, अखाडों, आध्यात्मिक संस्थाओं आदि में हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृति होने के लिए सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ने संयुक्तरूप से ‘हिन्दू राष्ट्र-संपर्क अभियान’ आरंभ किया है । इसके अंतर्गत कुंभक्षेत्र के प्रत्येक सेक्टर में बसे अखाडों, आध्यात्मिक संस्थाओं, संतों आदि से मिलकर सनातन और समिति के हिन्दू राष्ट्र-स्थापना कार्य के विषय में बताया जाता है तथा उन्हें संस्था-समिति की प्रदर्शनी देखने के लिए आमंत्रित किया जाता है । इससे समान विचारों के और समाजकार्य करनेवाले संतों का धर्मकार्य में योगदान के विषय में जानकारी मिलती है तथा व्यष्टि साधना करनेवाले संतों से आशीर्वाद मिलता है । प्रतिदिन दो-दो साधकों के ४-५ गुट कुंभक्षेत्र में संपर्क अभियान चलाते हैं ।

 

६. सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के
कार्यों की समाज को जानकारी करानेवाले संवाददाता सम्मेलन !

कुंभक्षेत्र में पहुंचने के पश्‍चात, संस्था और समिति के कार्य का व्यापक प्रचार होने के लिए प्रचार विभाग बनाया गया । इसका उद्देश्य, कुंभक्षेत्र में आए संवाददाताओं, पत्रकारों-संपादकों से मिलकर उन्हें सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की जानकारी देना तथा प्रदर्शनी देखने के लिए आमंत्रित करना था । ३ दिन में ७० संवाददाताओं से मिलने के पश्‍चात हमने सनातन संस्था की प्रदर्शनी में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया । इसमें ६८ संवाददाता उपस्थित थे । सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्तरूप से आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन में दोनों संस्थाओं के कुंभक्षेत्र में आरंभ और आगे होनेवाले उपक्रमों की जानकारी दी गई । अनेक दूरदर्शनवाहिनियों ने सनातन संस्था आयोजित प्रदर्शनी से संबंधित २-३ मिनट का सचित्र समाचार प्रसारित किया था ।

 

७. ‘कश्मीरी हिन्दू निर्वासित दिन’ पर जागृति-संबंधी कार्यक्रम !

वर्ष १९९० दशक के आरंभ में साढेचार लाख कश्मीरी हिन्दुओं को अपने प्राण बचाने के लिए कश्मीर छोडना पडा था । १९ जनवरी १९९० को वहां से सर्वाधिक हिन्दुओं का निर्वासन हुआ था । इसलिए, इस दिन को निमित्त बनाकर धर्मजागृति करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति ने संपर्कित संतों और हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए एक प्रबोधनात्मक कार्यक्रम का आयोजन चित्र-प्रदर्शनी, ‘विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों का भीषण सत्य’ के पास ही किया था । यह कार्यक्रम देखने के लिए यहां १० संत, १० संवाददाता, १५ हिन्दुत्वनिष्ठ तथा १५ श्रद्धालु, इस प्रकार कुल ५० लोग उपस्थित थे ।

 

८. ‘स्वच्छ कुंभ, सात्त्विक कुंभ’ अभियान !

‘स्वच्छ कुंभ’ अभियान के अंतर्गत उत्तरप्रदेश शासन ने अनेक अशासकीय संस्थाओं को इस अभियान से जुडने के लिए आवाहन किया था । इस दृष्टि से सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति, ‘स्वच्छ कुंभ, सात्त्विक कुंभ’ नाम से अभियान चला रही है । इस अभियान का स्वरूप वैचारिक है । कुंभक्षेत्र में ‘कुंभ’, ‘तीर्थ’, ‘गंगा’ और ‘मंदिरों’ की पवित्रता के विषय में प्रबोधन के लिए हस्त-पत्रकों का वितरण किया जाता है । कुंभक्षेत्र में सरकार ने शौचालय बनवाए हैं । परंतु, वे अस्वच्छ हैं । कुंभक्षेत्र के सेक्टर १५ में सनातन संस्था की प्रदर्शनी के पास बने कुछ शौचालय सनातन संस्था के साधकों ने ‘स्वच्छ कुंभ’ अभियान के अंतर्गत स्वच्छ किए । इससे, सनातन की प्रदर्शनी में आनेवाले वृद्ध नागरिकों को सुविधा हुई । सात्त्विक कुंभ के अंतर्गत अन्य अनेक अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है । ये अभियान निम्नांकित होंगे –

श्री. चेतन राजहंस

अ. जनता को ठगनेवाले और चरस-गांजा का सेवन करनेवाले पाखंडी बाबाओं के विरुद्ध कार्य करना । इसके अंतर्गत पुलिस थाने और अखाडा परिषदों को परिवादपत्र सौंपना अथवा उन्हें सूचित करना ।

आ. खुले में खाद्यपदार्थ बेचनेवालों को समझाकर उन्हें वे पदार्थ ढंकने लिए बाध्य करना ।

इ. देवताओं की वेशभूषा परिधान कर, भीख मांगनेवालों को समझाकर उन्हें वह वेशभूषा उतारने के लिए बाध्य करना अथवा आवश्यकतानुसार धार्मिक भावना आहत करने के विषय में पुलिस थाने में परिवाद लिखाना ।

ई. देवताओं के चित्र, मंत्र, चिन्ह से युक्त वस्त्र, टी-शर्ट, शाल न पहने के विषय में श्रद्धालुओं का प्रबोधन करना ।

 

९. ध्वजारोहण समारोह और राजयोगी (शाही) स्नान के समय अखाडों का स्वागत !

सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ने संतों का हार्दिक स्वागत करने से संबंधित वस्त्रफलक (बैनर्स) बनवाए हैं । वैष्णव अखाडों के ध्वजारोहण समारोह के समय सनातन के साधकों ने इन अखाडों के साधु-संतों का हार्दिक स्वागत किया था । मकरसंक्रांति और पौष पूर्णिमा पर राजयोगी (शाही) स्नान के लिए जानेवाले साधु-संतों तथा श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत करनेवाले वस्त्रफलक सनातन संस्था ने संगमतीर्थ स्थान पर लगाए थे । अनेक प्रचारमाध्यमों ने राजयोगी स्नान के लिए जानेवाले जनसमुदाय का छायाचित्रण किया था । उन चित्रों में सनातन के हार्दिक स्वागतवाले फलक स्पष्ट दिखाई दे रहे थे ।

 

१०. कुंभक्षेत्र में २ स्थानों पर ‘रामनाम जाप अभियान’ !

सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ने कुंभक्षेत्र में २ स्थानों पर ‘रामनाम जाप अभियान’ चलाया था । १० जनवरी को उच्चतम न्यायालय में राममंदिर प्रकरण की सुनवाई होनेवाली थी । उस दिन २५ संत-श्रद्धालुओं की उपस्थिति में कुंभक्षेत्र के संकटमोचन मंदिर के पास उपर्युक्त ‘रामनाम जाप अभियान’ चलाया गया । १५ जनवरी को भी मकरसंक्रांति के निमित्त संगमतीर्थ पर पवित्र स्नान के लिए आए ५० श्रद्धालुओं की उपस्थिति में रामनाम जाप अभियान चलाया गया ।

 

११. कुंभक्षेत्र में आगामी आयोजन !

कुंभक्षेत्र में चले संपर्क अभियान और प्रदर्शनी के माध्यम से समीप आए समान विचारों के संतों एवं हिन्दू संगठनों के लिए ‘हिन्दू राष्ट्र संगठन सम्मेलन’ का आयोजन ६ फरवरी को किया जाएगा । इसके अतिरिक्त, समविचारी संतों के सहयोग से कुंभक्षेत्र में २ स्थानों पर संत-सम्मेलन किए जाएंगे ।

सनातन संस्था के ८० साधक कुंभक्षेत्र में धर्मप्रचार की सेवा अहर्निश कर रहे हैं । प्रत्येक के लिए यह मेला गुरुकार्य का महाकुंभ है । कुंभक्षेत्र में निवास करते समय प्रत्येक साधक के पास सर्वसामान्य श्रद्धालुओं की भांति गंगास्नान का, पापमुक्ति का, अक्षयवट के मोक्षदायी दर्शन का अवसर है; परंतु वे अपनी मुक्ति की चिंता न कर, भीषण ठंड का सामना करते हुए गुरु का समाजकार्य कर रहे हैं । गुरु का यह समाजकार्य, अर्थात ‘सनातन धर्म का विश्‍वव्यापी प्रचार और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ है ! कुंभक्षेत्र में चलनेवाली यह समाजसेवा श्रीगुरु सफल बनाएं, यह प्रार्थना !

सोशल मीडिया के माध्यम से धर्मप्रचार !

कुंभमेला में आरंभ सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के प्रत्येक उपक्रम, प्रदर्शनी में संतों की भेंट का पल-पल का समाचार प्रसारित करने का दायित्व सोशल मीडिया की सेवा करनेवाले साधकों के पास होता है । सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार के लिए इस बार प्रथम राजयोगी स्नान का ‘फेसबुक’ पर लाइव प्रसारण किया गया था । अब प्रतिदिन अध्यात्म, साधना, धार्मिक कृत्य, गंगारक्षा, हिन्दू राष्ट्र आदि विषयों पर कुंभक्षेत्र से फेसबुक पर लाइव प्रसारण करने की योजना है ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Comment