हिन्दू संगठन हेतु स्वयं में विद्यमान स्वभावदोष तथा अहं का निर्मूलन आवश्यक ! – सद्गुुरु नंदकुमार जाधवजी, सनातन संस्था

धुळे (महाराष्ट्र) में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित
उत्तर महाराष्ट्र एवं मराठवाडा स्तरीय प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन का समापन !

प.पू. सद्गुरु वाल्मिक दादाजी के हस्तों सनातन पंचांग २०१९ का विमोचन

सनातन पंचांग २०१९ का विमोचन करते हुए बाईं ओर से सनातन के सद्गुुरु नंदकुमार जाधवजी, प.पू. वाल्मिक दादाजी तथा कु. रागेश्री देशपांडे

‘लाना होगा, लाना होगा, हिन्दू राष्ट्र लाना होगा’, ‘जयतु जयतु हिन्दू राष्ट्रम्’ की घोषणाआें की गूंज में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यहां आयोजित प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन का समापन हुआ । २७ एवं २८ अक्टूबर के दिन यहां के श्रीकृष्ण लॉन्स में संपन्न इस २ दिवसीय अधिवेशन में उत्तर महाराष्ट्र तथा मराठवाडा क्षेत्र के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी, अधिवक्ता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

हिन्दू संगठन हेतु स्वयं में विद्यमान स्वभावदोष तथा अहं

का निर्मूलन आवश्यक ! – सद्गुुरु नंदकुमार जाधवजी, सनातन संस्था

हिन्दू संगठन का कार्य करते समय हिन्दुत्वनिष्ठों को आचारसंहिता का पालन करना आवश्यक है । अपशब्दों का प्रयोग टालना, बुरी आदतों से दूर रहना, समय एवं अनुशासन का पालन करना, प्रसिद्धि के लालच से दूर रहना जैसी आचारसंहिता का पालन करने से हिन्दू संगठन अच्छे प्रकार से हो सकता है । श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के संस्थापक पू. संभाजी भिडेगुरुजी युवापीढी में छत्रपति शिवाजी महाराज के गुण अंतर्भूत हों; इस एकमात्र उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं । उनकी जीवनशैली अत्यंत सादगीभरी है और वे कभी भी प्रसिद्धि के लिए कार्य नहीं करते । हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का धर्मप्रसार का कार्य संपूर्ण विश्‍व मैं फैला हुआ है, तब भी वे प्रसिद्धि से दूर हैं; परंतु कुछ हिन्दुत्वनिष्ठ प्रसिद्धि के लिए प्रयासरत होते हैं । स्वभावदोष एवं अहं के कारण ऐसा होता है । अतः प्रत्येक हिन्दुत्वनिष्ठ को स्वयं में विद्यमान स्वभावदोष तथा अहं का निर्मूलन करना आवश्यक है । उसके लिए साधना कर अंतर्मनपर व्याप्त जन्म-जन्म के संस्कारों को नष्ट करना होगा ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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