ब्रिटीश महिला को प्रतीत हुई महारुद्र अनुष्ठान की महीमा !

स्वतंत्रतापूर्वकाल में अफगानिस्तान और ब्रिटेन में युद्ध चल रहा था । इलाहाबाद के मार्टिन डेल नामक ब्रिटिश अधिकारी को भी युद्ध पर भेजा गया था । वह अपनी पत्नी को पत्र लिखता था । एक बार उसने अपने पत्र में लिखा, ‘यहां परिस्थिति बहुत बिकट है ।’ पत्नी चिंतित हो गई । एक बार उसने महादेव के मंदिर में ‘रुद्राभिषेक’ सुना । उसने उसका महत्त्व पूछकर महारुद्र का अनुष्ठान किया । तीन माह उपरांत अधिकारी के लौटने पर उसने पत्नी को बताया कि वह एक बहुत बडे संकट से बच गया है । उसने बताया, ‘अफगानी सेना के आक्रमण के समय एक बाहुबली त्रिशूल लेकर आया । उसे देखकर सारी अफगानी सेना भाग खडी हुई ।’ श्रीमती मार्टिन डेल अपने पति को शिवमंदिर में ले गई । शिव का चित्र देखकर बोले, ‘इन्होंने ही मुझे बचाया है । उनकी आंखों में भावाश्रु आ गए । पत्नी के महारुद्र करने के कारण वे बच गए । आज भी उनकी पीढी युरोप से इलाहाबाद, उस मंदिर में दर्शन करने के लिए आती है ।’.

– डॉ. अजय जोशी, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा.

 

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