आपातकाल में जीवनरक्षा हेतु आवश्यक तैयारी : भाग – ६

आपातकाल से पार होने के लिए साधना सिखानेवाली सनातन संस्था !

भाग ५ पढनेके लिए देखें : आपातकालमें जीवनरक्षा हेतु आवश्यक तैयारी भाग – ५

आपातकाल में अखिल मानवजाति की प्राणरक्षा हेतु आवश्यक तैयारी
करने के विषय में मार्गदर्शन करनेवाले एकमात्र परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

आपातकालीन लेखमाला के इस भाग में हम परिवार के लिए आवश्यक नित्योपयोगी वस्तुओं के विषय में समझेंगे । ये वस्तुएं कौन-सी हैं, ऋतुओं के अनुरूप आवश्यक वस्तुएं, सुरक्षा के लिए आवश्यक वस्तुएं आदि के विषय में इस लेख में जानकारी दी गई है ।

 

३. आपातकाल की दृष्टि से शारीरिक स्तर पर की जानेवाली विभिन्न तैयारियां  !

३ उ. परिवार के लिए आवश्यक नित्योपयोगी तथा प्रासंगिक वस्तुएं अभी से खरीदना आरंभ करें !

आपातकाल की दृष्टि से कौन-कौन-सी वस्तुएं घर में रहनी चाहिए, यह कभी-कभी एकदम नहीं सूझता । पाठकों को ऐसी वस्तुएं खरीदना सरल हो, इस विचार से आगे विभिन्न वस्तुओं की सूची दी है । परिवार के सदस्यों की संख्या, उनकी आयु और घर में कक्षों की संख्या आदि के अनुसार आवश्यक वस्तुएं उचित मात्रा में खरीदकर रखें । इस सूची में बताई गई वस्तुओं के अतिरिक्त कोई अन्य वस्तु सूझे, तो वह भी खरीदें ।

३ उ १. नित्योपयोगी आवश्यक वस्तुएं

दंतमंजन, दाढी बनाने का सामान, बाल काटने का सामान, नहाने और कपडे धोने के साबुन, कपडे, केशतेल, कुमकुम (रोली), दर्पण, कंघी, ‘नेल कटर’ (नाखून काटने का उपकरण), उपनेत्र (चश्मा) (प्रतिदिन पहना जानेवाला चश्मा टूट सकता है ।), इस्त्री (यथासंभव कोयले से चलनेवाली), ओढने-बिछाने का सामान, झाडू, प्रसाधनगृह स्वच्छ करनेकी वस्तुएं, लेखनी (पेन और पेन्सिल), पादत्राण (जूते-चप्पल) आदि ।

(दंतमंजन, सात सुगंधों में स्नानके साबुन, केशतेल और कुमकुम ये सनातनकी सात्त्विक वस्तएं उपलब्ध हैं । – संकलनकर्ता)

३ उ २. रसोई से संबंधित वस्तुएं

संसी (पक्कड, वर्तमान संसी बिगड सकती है), खलबत्ता, चाकू / पहंसुलकी धार तेज करनेवाला पत्थर इत्यादि

३ उ ३. ऋतुओं के अनुरूप उपयोगी वस्तुएं

अ. ग्रीष्मकाल में उपयोगी वस्तुएं : हाथपंखा काला चश्मा (गॉगल), धूपमें बाहर जाने के लिए मुख (चेहरा) और गरदन ढंकने हेतु बडा रुमाल (स्कार्फ), टोपी इत्यादि

आ. वर्षाऋतु में उपयोगी वस्तुएं : छाता, ‘रेनकोट’, बरसाती जूते-चप्पल इत्यादि

इ. शीतऋतु में उपयोगी वस्तुए : ‘स्वेटर’, हाथमोजे (ग्लव्ज), मोजे, ऊनीटोपी, शाल, मफलर, कम्बल (ब्लैंकेट) इत्यादि

३ उ ४. घर में रखी जानेवाली आवश्यक वस्तुएं
अ. घर में छोटे-मोटे सुधार के काम आनेवाली वस्तुएं

टेकुरी, कंटिया, कीलें, हथौडी, पाना, प्लायर, पेंचकस (स्क्रू ड्रायवर), कटर, लकडी की छोटी पटिया काटने की आरी, पटिया रगडने के लिए (रेतमार) पॉलिश पेपर, कैंची, मीटर टेप इत्यादि

आ. सिलाई की वस्तुएं

सुई-धागा, बटन, कैंची, इंचीटेप, सिलाई यन्त्र इत्यादि

इ. उपद्रवी जीवों की रोकथाम हेतु आवश्यक वस्तुएं

मच्छर, चूहा, खटमल, चींटी, जूं (ढील), लीख (जूं के अण्डे) आदि की रोकथाम हेतु औषधियां; चूहा पकडने का पिंजरा, मच्छरदानी इत्यादि

ई. घर में अतिरिक्त संख्या में रखी जानेवाली वस्तुएं

स्नान के लिए बालटी और मग, कपडे भिगाने का टब, कपडे धोने का ब्रश, बिजली से संबंधित वस्तुएं [बिजली के लट्टू (बल्ब), दंडदीप (ट्यूब), टू पिन प्लग, थ्री पीन प्लग और होल्डर, एक्सटेंशन], हवाई चप्पल के (स्लीपर के) फीते इत्यादि

उ. अन्य वस्तुएं

आकाशवाणी पर प्रसारित होनेवाली शासकीय सूचनाएं सुनने के लिए छोटा रेडियो (ट्रान्जिस्टर), चाबी से चलनेवाली घडी, उत्पादन दिनांक से आगे १० वर्ष चलनेवाली स्वचालित (ऑटोमैटिक) घडी, भ्रमणभाष प्रभारित हेतु ‘पोर्टेबल सोलर चार्जर’, ‘गॅस लायटर’, विंडप्रूफ लायटर, मोमबत्ती, सुतली, रस्सा (मोटी रस्सी), कपडे सुखाने की रस्सी, साइकिल में हवा भरने का ‘पंप’, विद्युतप्रवाह (करंट) जांचने का ‘टेस्टर’ इत्यादि

३ उ ५. रोगी के लिए उपयोगी वस्तुएं

तापमापी (थर्मामीटर), दर्द में सेंकने के लिए गरम पानी की रबड की थैली, आयुर्वेदिक गोलियों का चूर्ण बनाने के लिए छोटा खलबत्ता, ‘कमोड’ की कुरसी, डायपर (मल-मूत्र सोखनेवाला कपडा) इत्यादि

३ उ ६. स्वरक्षा के लिए उपयोगी वस्तुएं

आपातकाल में अराजकता अथवा दंगा जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है । इस समय असामाजिक तत्त्वों से सुरक्षा के लिए उपयोगी वस्तुएं- ‘पेपर स्प्रे (मिरची अर्कसे भरा छोटा फुहारा)’, लाठी, नानचाकू इत्यादि

३ उ ७. आध्यात्मिक उपचार के लिए सात्त्विक उत्पाद

सनातन-निर्मित कुमकुम, सुगंधी (इत्र), गोमूत्र-अर्क, उद्बत्ती (अगरबत्ती), कपूर, देवताओं के चित्र, देवताओं की नामजप-पट्टियां इत्यादि

आध्यात्मिक उपचार के विषय में विस्तार से जानने के लिए आगे दी लिंक देखें – www.sanatan.org/mr/spiritual-remedies अथवा आध्यात्मिक उपचारों के विषय में सनातन संस्था के साधक से समझ लें !

३ उ ८. कुछ समय के लिए अपना घर छोडकर अन्यत्र रहनेकी स्थितिमें उपयोगी वस्तुएं

बाढ जैसी स्थिति में सरकार की ओर से सूचना मिलने पर कुछ ही समयमें घर छोडना पडता है । ऐसे समय जो प्रमुख वस्तुएं साथ में रखनी चाहिए, उनकी सूची आगे दी है । इससे यह लाभ होगा कि ऐन समय पर भागदौड नहीं करनी पडेगी और घर से निकलते समय महत्त्वपूर्ण वस्तुएं घर में नहीं छूटेंगी ।

अ. सब वस्तुएं भरने के लिए अच्छी गुणवत्ता की और परिवहन में सरल थैली तथा पीठ पर लादी जा सके, ऐसी थैली (सैक)

आ. दंतमंजन, दाढी बनाने का सामान, साबुन, छोटा दर्पण, कंघी, प्रतिदिन पहनने के कपडे, ओढने-बिछाने का सामान और नियमित औषधियां

इ. लगभग तीन दिन चल सके, इतने सूखे खाद्यपदार्थ और पीने का पानी

ई. पानी शुद्ध करने के लिए ‘क्लोरीन’ औषध

उ. भ्रमणभाष और प्रभारक (चार्जर), विद्युतकोष (पॉवर बैंक) और भ्रमणभाष क्रमांक लिखी हुई बही

ऊ. ‘सेल’ से चलनेवाली टॉर्च और दूर तक प्रकाश बिखेरनेवाली तथा बिजली से प्रभारित होनेवाली टॉर्च

ए. मोमबत्तियां और आर्द्र वातावरण में भी अथवा भीगने पर भी जलनेवाली दियासलाई

ऐ. महत्त्वपूर्ण कागदपत्रों (उदा. राशनकार्ड, आधारकार्ड, अधिकोष की ‘पासबुक’) की छायाप्रति अथवा मूल प्रति और ‘एटीएम कार्ड’

ओ. प्राथमिक उपचार की सामग्री तथा नाक-मुख ढंकने के लिए ‘मास्क’

औ. मोटा रस्सा, दिशादर्शक यंत्र और सबको सतर्क करने के लिए सीटी

अं. आकाशवाणी से प्रसारित होनेवाली सूचनाएं, समाचार आदि सुनने के लिए छोटा रेडियो (ट्रान्जिस्टर)

क. आध्यात्मिक उपचार की सामग्री

३ उ ९. भूकंप, बाढ आदि आपातकाल में उपयोगी वस्तुएं
अ. तंबू, बडा तिरपाल और प्लास्टिक का बडा-मोटा कागद

कभी-कभी तात्कालिक निवास के लिए तंबू उपयोगी होता है । घर के बाहर रखी वस्तुओं को भीगने से बचानेके लिए तिरपाल, प्लास्टिक के मोटे-बडे कागद आदि का उपयोग होता है ।

आ. जीवनरक्षा कवच (लाइफ जैकेट) और डोंगी (छोटी नौका)

जहां बाढ आ सकती है, ऐसे स्थानों पर रहनेवाले लोगों के लिए ये वस्तुएं उपयोगी हैं । इन्हें ‘ऑनलाइन’ खरीद सकते हैं । डोंगी खरीदने पर उसे चलाना भी सीख लें ।

इ. ‘गैस मास्क’ (Gas Mask) और ‘पोर्टेबल ऑक्सीजन मास्क टैंक’ (Portable Oxygen Mask Tank)

विषैली वायु का रिसाव होने पर ‘गैस मास्क’ उपयोगी होता है । यह पहनकर व्यक्ति सुरक्षित स्थान पर जा सकता है । ‘पोर्टेबल ऑक्सीजन मास्क टैक’ से रोगी को तुरंत प्राणवायु दी जा सकती है । इससे उसकी प्राणरक्षा होती है । ‘गैस मास्क’ और ‘पोर्टेबल ऑक्सिजन मास्क टैंक’ ऑनलाइन खरीद सकते हैं ।

ई. ‘वॉकी-टॉकी’ (Walkie Talkie) और ‘हैम रेडिओ’ (Ham Radio)

यह बिना तारकी संपर्क प्रणाली है । दूरभाष और भ्रमणभाष प्रणाली बाधित होनेपर प्रशासन से अनुमति लेकर ‘वॉकी-टॉकी’ और ‘हैम रेडियो’ का उपयोग किया जा सकता है । ‘वॉकी-टॉकी’ और ‘हैम रेडिओ’के विषय में अधिक जानकारी जानकार व्यक्ति से प्राप्त कर सकते हैं ।

उ. अन्य वस्तुएं

माथे पर लगाया जानेवाला टॉर्च (इससे दोनों हाथ काम करने के लिए खुले रहते हैं ।), छोटी दूरबीन, ‘सिग्नलिंग मिरर’ (इस छोटे-से टिमटिमानेवाले दर्पण से हम दूर फंसे लोगों को अपनी उपस्थिति के विषय में संकेत दे सकते हैं ।), ‘पैरा कॉर्ड’ (Para Cord – अधिक भार सहनेवाली डोरी), ‘रेन पांचो’ (Rain Poncho – टोपीयुक्त बडा ‘रेनकोट’), संकट में फंसे व्यक्ति के लिए (उदा. भूकंप से मलबे के नीचे दबने पर) जोर की आवाज से दूसरों का ध्यान आकर्षित करनेवाला उपकरण (Emergency Personal Alarm) और ‘थर्मल ब्लैंकेट’ (कडाके की ठंडवाले प्रदेश में उपयोगी)

३ उ १०. लेखमाला में अन्यत्र बताई गई वस्तुएं

आपातकाल को ध्यान में रखकर भोजन, पानी, बिजली, यात्रा आदि से संबंधित वस्तुएं भी (उदा. अनाज संरक्षक औषधियां, पानी की टंकी) खरीदकर रखनी पडती हैं । ऐसी वस्तुओं के नाम ‘लेखांक ५’ में दिए हैं । आपातकालमें जीवनरक्षा हेतु आवश्यक तैयारी भाग ५

३ उ ११. घर की वस्तुएं, उपकरण आदि सुधारने के काम आनेवाले खुले भाग (पुर्जे) लेकर रखना तथा जानकार से उन्हें सुधारने की कला सीखना

आपातकाल में घर के पंखे, नल, मिश्रक (मिक्सर) जैसी वस्तुएं बिगड सकती हैं । उन्हें ठीक करने के लिए आवश्यक खुले भाग आपातकाल में हाट में मिलना कठिन होगा और उन्हें ठीक करनेवाले मैकेनिक भी मिलना कठिन होगा । इसलिए ऐसी वस्तुओं के खुले भाग पहले से ही खरीदकर रख लें तथा यथासंभव उन्हें सुधारना भी सीख लें ।

घर की कुछ वस्तुओं के खुले भाग तथा उन वस्तुओं को ‘सुधारने के विषय में क्या सीखना चाहिए’, यह भी कुछ स्थानों पर बताया गया है ।

३ उ ११ अ. रसोईघर से संबंधित वस्तुओं के छुट्टे भाग

‘प्रेशर कुकर’ की सीटी और ‘गैसकेट (प्रेशर कुकर का ढक्कन कसकर बैठाने के लिए बनाई गई रबर की चकती), मिश्रक (मिक्सर) में लगनेवाला कार्बन ब्रश (मिश्रककी ‘मोटर’में विद्युतवाहक), रसोई गैस की नली (पाइप) इत्यादि ।

३ उ ११ आ. प्रकाश देनेवाले परंपरागत साधनों के खुले भाग

ढिबरी और लालटेन के कांच, बाती, चाबी (ढिबरी और लालटेन की बाती ऊपर-नीचे करने का साधन) इत्यादि ।

३ उ ११ इ. बिजली के उपकरणों संबंधी वस्तुओं के छुट्टे भाग

दंडदीप (ट्यूबलाइट) का ‘स्टार्टर’, चिपकनेवाली पट्टी (इन्सुुलेशन टेप), ‘फ्यूज वायर और फ्यूज’, बिजली के बटन, ‘एक्सटेन्शन वायर’, सादा ‘वायर’, छत के पंखे का रेगुलेटर इत्यादि दंडदीप का स्टार्टर, बिजली के बटन आदि बदलना; फ्यूज सुधारना आदि सीख लें ।

३ उ ११ ई. नल संबंधी उपकरणों के छुट्टे भाग

नल, ‘वॉशर’, ‘टेफलॉन टेप’, नल सुधारने का पाना, ‘एम् सील (M-seal)’, ‘ग्लू स्टिक’ [प्लास्टिक की छडी, जिसे पिघलाकर प्लास्टिक की नली के छेद पर लगाने से पानी का रिसना (लीकेज) थम जाता है ।], साइकिल के पुराने ट्यूब की कटी पट्टियां (इनका उपयोग पानी का रिसाव रोकनेके लिए किया जाता है ।), पानीकी नलियां (पाइप) इत्यादि ।

३ उ ११ उ. वाहनों के खुले भाग

अपने पास की साइकिल, साइकिल-रिक्शा; दुपहिया, चारपहिया, बैलगाडी, घोडागाडी आदि वाहनों के कुछ खुले भाग खरीदकर रख सकते हैं; उदा. साइकिल होगी, तो टायर, ट्यूब, पंचर बनाने की सामग्री इत्यादि  आप अपने वाहनों की देखभाल और उन्हें सुधारने का काम सीख लें; उदा. साइकिल होगी, तो उसका ‘पंचर’ बनाना सीखें ।

संकलनकर्ता : परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी
संदर्भ : सनातन की आगामी ग्रंथमाला ‘आपातकाल में जीवनरक्षा हेतु आवश्यक तैयारी’

(प्रस्तुत लेखमाला के सर्वाधिकार (कॉपीराईट) ‘सनातन भारतीय संस्कृति संस्था’के पास हैं ।)

‘महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय’की ओर से पूरे
भारत में प्रस्तावित औषधीय वनस्पतियों के रोपण में सहायता करें !

आगामी भीषण काल में तृतीय विश्‍वयुद्ध से उत्पन्न परिस्थिति का और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने की दृष्टि से ‘महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय’ की ओर से शीघ्र ही पूरे भारत में औषधीय वनस्पतियों के रोपण की योजना आरम्भ हुई है । इसके लिए किसान, बडे प्लॉट होल्डरर्स; वनस्पतिशास्त्र (बॉटनी), कृषि तथा आयुर्वेद शास्त्र के विशेषज्ञों से; औषधीय वनस्पतियों के जानकारों से सहायता चाहिए । इस विषय में रुचि रखनेवाले अपनी क्षमता के अनुसार निम्नांकित सेवाओं में सहायता कर सकते हैं ।

१. प्रत्यक्ष वनस्पति रोपणसेवा

खेत में औषधीय वनस्पतियां उगाना, पश्‍चात उन्हें खेत में अथवा भूमि में रोपना; भूमि, श्रमिक अथवा उपकरण उपलब्ध कराना; शास्त्रीय पद्धति से श्रमिकों से पौधारोपण करवाना; स्वयं श्रमदान करना

२. अन्य सेवा

औषधीय वनस्पतियां पहचानना; पौधे लगाने के विषय में मार्गदर्शन करना; तकनीकी बाधाएं दूर करना; औषधीय वनस्पतियां रोपने के विषय में बतानेवाले ग्रंथ अथवा लेख उपलब्ध कराना; इस विषयसे संबंधित सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने में सहायता करना; पौधरोपण के लिए आर्थिक सहायता करना; वनस्पतियों से औषधि निर्माण में सहायता करना

औषधीय वनस्पतियों की रोपणसेवा में सम्मिलित होने के लिए पता :

श्री. विष्णु जाधव, ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पिन – ४०३ ४०१.

भ्रमणभाष : ८२०८५ १४७९१

इ-पता : [email protected]

आगामी हिन्दू राष्ट्र में ‘आयुर्वेद’ मुख्य उपचारपद्धति होगी ! अतः शीघ्रातिशीघ्र औषधीय वनस्पतियों का रोपण और संवर्धन सीख लें ।

 

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