जलप्रलय की दृष्टि से भौतिक स्तर पर तैयारी करना / जलप्रलय से रक्षा की पूर्वतैयारी करना – भाग २

बाढ में परिवहन ठप रहता है । इसलिए उस काल में सब्जियां, दूध और भोजन उपलब्ध नहीं होते । अतएव, उनका पहले से संग्रह करना आवश्यक है ।

आपातकाल में व्यष्टि के साथ समष्टि साधना ही हमें पार उतार सकती है । – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाड्ये, सनातन संस्था

सांगली और कोल्हापुर जिलों में धर्मप्रेमियों के लिए २८ जुलाई को सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी का ‘ऑनलाईन’ मार्गदर्शन आयोजित किया गया ।

नवम अखिल भारतीय हिंदु राष्‍ट्र अधिवेशन का छठा दिन

अंग्रेजी शिक्षा के मोहवश कुछ हिन्दू अभिभावक अपने छोटे बच्चों को ईसाई विद्यालय में भरती करते हैं । यहीं से धर्मांतरण प्रारंभ होता है ।

‘ऑनलाइन’ नवम अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन का पांचवे दिन ‘मंदिर रक्षा अभियान’ विषय पर उद़्‍बोधन सत्र

आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में ‘एण्डोवमेंट एक्ट’के माध्यम से मंदिरों की संपत्ति हडपना जारी है । मंदिरों की लाखों एकड भूमि गायब हो गई है अथवा कुछ भूमि का उपयोग सरकारी कामोंके लिए किया गया है ।

‘गणेशमूर्ति खडियामिट्टी की ही क्यों होनी चाहिए ?

‘धर्मशास्त्र के अनुसार खडियामिट्टी की मूर्ति पूजन करने पर आध्यात्मिक स्तर पर उसका अत्यधिक लाभ मिलता है’, ऐसा हिन्दू धर्मशास्त्रीय ग्रंथ में बताया गया है ।

आपात्काल में गणेशोत्सव कैसे मनाना चाहिए ?

‘आजकल पुरे विश्‍व में कोरोना महामारी के कारण सर्वत्र ही लोगों के बाहर निकलने पर अनेक बंधन लगे हैं । भारत के विविध राज्यों में भी यातायात बंदी (लॉकडाउन) लागू है ।

अयोध्यामें श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ ने लिए प्रभु श्रीरामजी की कुलदेवी श्री देवकालीमाता के आशीर्वाद !

अयोध्यानगरी सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी है । उनकी कुलदेवी श्री देवकालीदेवी है । त्रेतायुग में सूर्यवंशी दशरथ राजा के घर में श्रीराम का जन्म हुआ ।

आपातकालीन स्थिति में ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ की पूजा कैसे करें ?

‘कोरोना विषाणुओं से प्रभावित क्षेत्रों में जहां संचार बंदी (लॉकडाउन) है, वहां एकत्र आकर पूजा करना संभव नहीं होगा । प्रति वर्ष अनेक स्थानों पर ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है ।

भारतीय संस्कृति की ‘प्रतीक पूजा’

प्रतीक अर्थपूर्ण, सामर्थ्यशाली और प्रभावशाली होते हैं । इसीलिए हमें अपना राष्ट्रध्वज भी कई गुना सर्वश्रेष्ठ लगता है । हमारा तिरंगा झंडा प्रत्येक भारतीय के प्राण एवं आत्मा का प्रतीक है ।

जलप्रलय की दृष्टि से भौतिक स्तर पर क्या पूर्व तैयारी करनी चाहिए ? : भाग १

वर्ष २०१९ में महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के अनेक नगर अतिवृष्टि के कारण जलमग्न हो गए थे । कई गांवों को जोडनेवाली सडकों में दरार आ जाने से यातायात ठप्प हो गयी थी ।