शास्त्रानुसार बनाई गई पर्यावरणपूरक श्री गणेशमूर्ति बहते पानी में विसर्जित करना ही धर्मसम्मत है ! – सनातन संस्था
धर्मशास्त्रों में ‘श्री गणेशमूर्ति शाडूमिट्टी अथवा चिकनी मिट्टी से बनी और प्राकृतिक रंगों से रंगी हुई होनी चाहिए, तथा मूर्ति और निर्माल्य का विसर्जन बहते पानी में करना चाहिए’, ऐसा ‘पूजासमुच्चय’ एवं ‘मुद्गलपुराण’ ग्रंथों में कहा गया है ।