अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर को बंदी बनाना सीबीआई का निंदनीय कृत्य !          

डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या प्रकरण में सीबीआई ने हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सचिव अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर और परिषद के सूचना अधिकार कार्यकर्ता श्री. विक्रम भावे को बंदी बनाया है । यह निंदनीय है । इस कृत्य की हम निंदा करते हैं । केंद्र में हिन्दुत्वनिष्ठ शासन होने पर भी अधिवक्ता पुनाळेकर और श्री. विक्रम भावे को बंदी बनाने के पीछे कोई षड्यंत्रकारी कार्य कर रहा है । सनातन संस्था पर दबाव लाने की आधुनिकतावादियों की मांग के आगे सीबीआई झुक गई है । जिन्होंने मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण में भगवा आतंकवाद की असत्यता सिद्ध की, जिन्होंने समाज के हित में अनेक याचिकाएं दर्ज कीं, उन अधिवक्ता पुनाळेकर को बंदी बनाना गंभीर है । समाज, राष्ट्र और धर्म की निःस्वार्थ सेवा करनेवाले अधिवक्ता पुनाळेकर निर्दोष हैं, यह हमारी भावना है । अधिवक्ता पुनाळेकरजी का देश के सभी समाजसेवकों, देशभक्तों और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन तथा अधिवक्ताआें ने समर्थन किया है ।

–      श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था.

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