हनुमान जयंती कहना ही उचित क्यों … यह अवश्य जानिए !

हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव ?

जयंती शब्द का शब्दकोश में अर्थ दिया है, किसी की जन्मतिथि पर मनाया जानेवाला उत्सव, जो प्रचलित है । जयंती देवता, संत एवं महापुरुषों की मनाई जाती है । हनुमानजी भी इस श्रेणी में आते हैं । हमें इस अर्थ का संदर्भ कहीं नहीं मिला कि ‘जो संसार में नहीं है, उसीकी जयंती मनाई जाती है ।’

जयंती शब्द का संस्कृत में अर्थ है – जयं पुण्यंं च कुरूते – जयन्तीमिति तां विदुः । (स्कंद, तिय्यादी खण्ड)

जिसे मनाने से जय और पुण्य प्राप्त हो, उसे जयंती कहते है । जयंती शब्द का प्रयोग शास्त्रों और पुराणों में प्राप्त होता है ।
अतः जयंती शब्द भी शास्त्रीय है ।

रोहिणी सहिता कृष्ण मासे च श्रावणेष्टमी ।
अर्धरात्रादधश्चोर्ध्वं कायावि यदा भवेत् ।।
जयंती नाम सा प्रोक्ता सर्वमापप्रणाशिती ।।

जयंती अनेक देवताओं की भी मनाई जाती है । उदा. दत्त जयंती, वामन जयंती, परशुराम जयंती, नृसिंह जयंती, व्यास जयंती, नारद जयंती, नर्मदा जयंती, यमुना जयंती आदि । परशुराम भी श्री हनुमानजी के समान चिरंजीवी हैं, जिनकी जयंती मनाई जाती है ।

अतः जयंती शब्द सार्थक और व्याकरण की दष्टि से शुद्ध है ।

इसलिए, हनुमान जन्मोत्सव के स्थान पर हनुमान जयंती शब्दप्रयोग करना अधिक उचित होगा ।

2 thoughts on “हनुमान जयंती कहना ही उचित क्यों … यह अवश्य जानिए !”

  1. main aapke is post se sahmat nahin hun. jayanti unhin logon ki manae jaati hai Jo mar Gaye hote Hain. Hanuman Ji ko yah vardan mila tha ki vah Amar rahenge aur Kalyug mein bhi unka gungan hoga. isliye jayanti ki jagah utsav Shabd ka prayog Karna theek rahega.

    Reply
    • नमस्कार,

      जयंती तथा जन्मोत्सव समानार्थी शब्द है ।

      Reply

Leave a Comment